जयपुर. राष्ट्रपति पद पर एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के लिए भाजपा ने अब निर्दलीय व अन्य पार्टियों के आदिवासी जनजाति समाज से आने वाले विधायकों से संपर्क तेज कर दिया है. जिन विधायकों से संपर्क किया गया है, उन्होंने मुर्मू को इस पद पर प्रत्याशी बनाए जाने पर खुशी जाहिर की (BJP seeks support of MLAs for President election) है. लेकिन यह खुशी मुर्मू के पक्ष में वोट के रूप में कितनी सफल होगी, इसका फिलहाल भाजपा नेता अंदाजा ही लगा रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने जनजाति समाज से आने वाले विधायकों से बातचीत के दौरान जो फीडबैक मिला, उसके आधार पर यह बात कही है. गुरुवार को कटारिया ने इस बात को स्वीकार भी किया कि उनकी अन्य दलों के विधायकों से भी बात हुई है. कटारिया ने कहा बातचीत के दौरान अन्य विधायकों ने भी अपनी प्रसन्नता जाहिर की है. कटारिया कहते हैं विधायकों के इसी उत्साह के कारण संभावना लगती है कि राजस्थान में बीजेपी विधायकों के साथ ही अन्य विधायकों का वोट भी मुर्मू को मिलेगा.
इन विधायकों पर नजर: बीजेपी की नजर कांग्रेस, भारतीय ट्राइबल पार्टी और निर्दलीय अनुसूचित जनजाति समाज के 23 विधायकों पर है. इनमें कांग्रेस के एसटी विधायकों की संख्या 16, जबकि बीटीपी के 2 और निर्दलीय विधायकों की संख्या 5 है. कांग्रेस एसटी विधायकों में इंदिरा मीणा, अर्जुन सिंह बामणिया, नागराज मीणा, गणेश घोघरा, गोपाल लाल मीणा, दयाराम परमार, जोहरी लाल मीणा, प्रसादी लाल मीणा, पृथ्वीराज मीणा, महेंद्र जीत सिंह मालवीय, रमेश चंद्र मीणा, हरीश मीणा, रामलाल मीणा, मुरारी लाल मीणा, लाखन सिंह मीणा और निर्मला सहरिया शामिल हैं. बीटीपी विधायकों में राजकुमार रोत और रामप्रसाद शामिल, अनुसूचित जनजाति समाज से आने वाले पांच निर्दलीय विधायकों में कांति प्रसाद मीणा, ओमप्रकाश हुडला, रामकेश मीणा, लक्ष्मण मीणा और रमिला खड़िया शामिल हैं. हुडला वसुंधरा राजे सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं.
RLP ने नहीं खोले पत्ते, NDA उम्मीदवार को मिल सकता है समर्थन: प्रदेश में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक और एक सांसद हैं. मतलब राष्ट्रपति चुनाव में 4 वोट आरएलपी के भी (RLP votes in President Election) हैं. भाजपा ने भी आरएलपी प्रमुख सहित उनसे जुड़े विधायकों से संपर्क किया. हालांकि आरएलपी प्रमुख व सांसद हनुमान बेनीवाल ने अब तक इन चुनाव को लेकर पार्टी की रणनीति जाहिर नहीं की है. माना जा रहा है जिस प्रकार राज्यसभा चुनाव में भाजपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी का आरएलपी ने समर्थन किया था, राष्ट्रपति चुनाव में भी आरएलपी, एनडीए कैंडिडेट का समर्थन कर सकती है. गौरतलब है कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. एनडीए ने आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को तो कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतारा है.