श्रीगंगानगर. बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल पर हमले के बाद राजस्थान में सियासत तेज हो गई है. बीजेपी नेताओं ने इस घटना को गहलोत सरकार की विफलता बताई है. कैलाश मेघवाल के साथ हुई घटना को भाजपा अब सड़क से सदन तक लेकर जाएगी.
विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि किसानों की समस्याएं सड़क से संसद तक उठाएंगे लेकिन किसानों के हिंसक तरीके को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध करना सबका अधिकार है लेकिन मारपीट करना और कपड़े फाड़ना किसी विरोध में अनुमति नहीं देता है. राजस्थान की हुकूमत श्रीगंगानगर जिले के किसानों के साथ लगातार अन्याय कर रही है. किसानों को सिंचाई का पानी पूरा नहीं दे पा रही है. किसानों के प्रति सरकार गंभीर नहीं हैं. वहीं कानून व्यवस्था भी पूरी तरह से खराब हो चुकी है.
यह भी पढ़ें. बाजोर के बाद अब भाजपा नेता कैलाश मेघवाल पर हमला, पूनिया बोले- ऐसी घटनाएं राज्य सरकार की मौन साजिश
भाजपा अनुसूचित मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के साथ हुई घटना को विधायक राजेंद्र राठौड़ ने कहा निंदनीय बताया है. राठौड़ ने एसे दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करने की बात कहीं है. उन्होंने कहा कि यह पुलिस की नाकामी है, तभी पुलिस की नाक के नीचे कुछ शरारती तत्व इस प्रकार की घटना को अंजाम दे गए. ऐसे में पुलिस पर कार्रवाई करनी चाहिए. वहीं किसान संघर्ष समिति में जो लोग हैं, उनको भी ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
यह भी पढ़ें. श्रीगंगानगर में किसानों ने बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल का कुर्ता फाड़ा, पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर भीड़ हटाया
कैलाश मेघवाल ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ही उन्हें आंदोलनकारी किसानों के पंडाल के पास लेकर गई थी. इसी दौरान किसानों ने विरोध शुरू कर दिया और देखते ही देखते घेरकर उनके साथ मारपीट करते हुए कपड़े फाड़ दिए. उन्होंने बताया कि उनके साथ जो भाजपा के कार्यकर्ता थे, उन्होंने बचाने का प्रयास किया लेकिन किसान मारपीट करते रहे. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटना को कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए.
मेघवाल ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का कोई तरीका होता है, उस तरीके को अपनाकर किसानों को विरोध करना चाहिए. लेकिन दहशतगर्दी फैलाकर विरोध करना लोकतंत्र में शोभा नहीं देता है. वह इस घटना की निंदा करते हुए कानूनी कार्रवाई करेंगे.