जयपुर. राजस्थान कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 पर चर्चा के दौरान मंगलवार को उस समय हंगामा हो गया, जब इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने यह कह दिया कि भाजपा के नेता प्रतिपक्ष जो किसानों के हित की बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वह जब भाजपा का राज था उस समय कहा था कि अगर किसान पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ले तो वह क्या कर सकते हैं.
इस पर नेता प्रतिपक्ष की अगुवाई में सभी भाजपा विधायक अपनी सीट से खड़े हो गए और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और मंत्री शांति धारीवाल के बीच जमकर नोकझोंक हो गई. धारीवाल ने कहा आप किसानों के प्रति झूठे आंसू बहाते हैं. आप के कार्यकाल में कोटा में 76 किसानों ने आत्महत्या की तब आपने कहा कि कोई पेड़ पर लटक कर मर जाए तो मैं क्या करूं.
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इस बात पर भड़के नेता प्रतिपक्ष ने कहा, कि रिकॉर्ड निकलवा कर बताओ नहीं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या फिर आप छोड़ देना. इस मामले पर हंगामा लगातार बढ़ता गया और भाजपा के सदस्यों ने जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया. इस दौरान शांति धारीवाल भी चुप नहीं बैठे और वो लगातार यह कहते रहे कि यह बयान आपने अपनी सरकार के समय ही दिया था.
भाजपा विधायकों ने किया वाकआउट...
इसी बीच हंगामे में ही स्पीकर सीपी जोशी ने संशोधन बिल को पास करवा दिया, लेकिन नाराज भाजपा विधायकों ने इस पर सदन से वाकआउट कर दिया. वाकआउट करने के बाद जब जनाधार बिल पर बहस शुरू हुई तो भाजपा के विधायक वाकआउट कर चुके थे. ऐसे में जब स्पीकर सीपी जोशी ने भाजपा के नेताओं का नाम पुकारा तो वह वहां मौजूद नहीं थे, लेकिन इसी बीच जल्दी से भाजपा के विधायक वापस सदन में आ गए और जनाधार बिल पर बोलने की बात कहने लगे. जिसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने उनकी इस बात को सिरे से नकार दिया और कहा कि वह वॉकआउट कर चुके हैं. ऐसे में भाजपा के विधायक सदन से नहीं निकले और वह सदन में ही धरना देकर बैठे हैं.