जयपुर. अलवर में भिवाड़ी में जीवाणा गांव में अपने बेटे हरीश की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाराज पीड़ित पिता रतीराम ने 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद अब इस मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रदेश की गहलोत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की.
भाजपा विधायक सतीश पूनिया ने लगाए आरोप
इस मामले में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने ना केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए. बल्कि सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े किए. 16 जुलाई को बाइक से टक्कर की मामूली सी बात पर रतीराम के बेटे हरीश जाटव को इतना मारा कि उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. लेकिन पुलिस ने पहले तो साधारण मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया. लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने जब इस मामले में दखल दिया तो हत्या का मामला दर्ज किया गया. लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी पुलिस ने अब तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया. जिससे आहत मृतक के पिता रतिराम ने भी आजादी की वर्षगांठ के दिन ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
भाजपा नेता पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में मॉब लिंचिंग से जुड़े कानून को लेकर आरएसएस और भाजपा नेताओं पर निशाना साध रहे थे. लेकिन इस मामले में यह उजागर हो गया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जो कि अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए जानी जाती थी. वह बहुतसंख्याकों के हितों को अपनी प्राथमिकता में नहीं रखती है. यह भी साबित हो चुका है.
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3 सदस्य कमेटी बनाई, सीबीआई से जांच की मांग
प्रदेश भाजपा के स्तर पर इस मामले के लिए 3 सदस्य समिति बनाई गई है. जिसमें पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा और अलवर के स्थानीय विधायक संजय शर्मा शामिल है. यह कमेटी वहां के हालातों की जानकारी लेकर पार्टी को रिपोर्ट सौंपेंगे. पूनिया के अनुसार सरकार इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाएं और साथ ही मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद प्रदान करें.