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भिवाड़ी मॉब लिंचिंग केस पर भाजपा का हमला..कहा- कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के हितों की चिंता, बहुसंख्यकों से कोई वास्ता नहीं

अलवर के भिवाड़ी में मॉब लिंचिंग के शिकार युवक के पिता की खुदकुशी के बाद अब इस मामले पर सियासत तेज हो गई है. इस पूरे मामले में भाजपा ने सीबीआई जांच की मांग की है. भाजपा विधायक सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण करती है. लेकिन बहुसंख्यकों के हितों से गहलोत सरकार का कोई वास्ता नहीं है.

Bhiwadi Mob Lynching Victim, अलवर मॉब लिंचिंग में आत्महत्या
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Published : Aug 16, 2019, 7:22 PM IST

जयपुर. अलवर में भिवाड़ी में जीवाणा गांव में अपने बेटे हरीश की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाराज पीड़ित पिता रतीराम ने 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद अब इस मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रदेश की गहलोत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की.

पढ़ें- हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामलाः पिता की खुदकुशी के बाद धरने पर समाज और परिजन...तीन महिलाओं की तबीयत बिगड़ी

भाजपा विधायक सतीश पूनिया ने लगाए आरोप
इस मामले में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने ना केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए. बल्कि सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े किए. 16 जुलाई को बाइक से टक्कर की मामूली सी बात पर रतीराम के बेटे हरीश जाटव को इतना मारा कि उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. लेकिन पुलिस ने पहले तो साधारण मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया. लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने जब इस मामले में दखल दिया तो हत्या का मामला दर्ज किया गया. लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी पुलिस ने अब तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया. जिससे आहत मृतक के पिता रतिराम ने भी आजादी की वर्षगांठ के दिन ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.

'कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के हितों की चिंता, बहुसंख्यकों से कोई वास्ता नहीं'

भाजपा नेता पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में मॉब लिंचिंग से जुड़े कानून को लेकर आरएसएस और भाजपा नेताओं पर निशाना साध रहे थे. लेकिन इस मामले में यह उजागर हो गया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जो कि अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए जानी जाती थी. वह बहुतसंख्याकों के हितों को अपनी प्राथमिकता में नहीं रखती है. यह भी साबित हो चुका है.

पढ़ें- अलवर: हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में परेशान पिता ने जहर खाकर की आत्महत्या

3 सदस्य कमेटी बनाई, सीबीआई से जांच की मांग
प्रदेश भाजपा के स्तर पर इस मामले के लिए 3 सदस्य समिति बनाई गई है. जिसमें पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा और अलवर के स्थानीय विधायक संजय शर्मा शामिल है. यह कमेटी वहां के हालातों की जानकारी लेकर पार्टी को रिपोर्ट सौंपेंगे. पूनिया के अनुसार सरकार इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाएं और साथ ही मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद प्रदान करें.

जयपुर. अलवर में भिवाड़ी में जीवाणा गांव में अपने बेटे हरीश की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाराज पीड़ित पिता रतीराम ने 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद अब इस मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है. भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रदेश की गहलोत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की.

पढ़ें- हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामलाः पिता की खुदकुशी के बाद धरने पर समाज और परिजन...तीन महिलाओं की तबीयत बिगड़ी

भाजपा विधायक सतीश पूनिया ने लगाए आरोप
इस मामले में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने ना केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए. बल्कि सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े किए. 16 जुलाई को बाइक से टक्कर की मामूली सी बात पर रतीराम के बेटे हरीश जाटव को इतना मारा कि उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. लेकिन पुलिस ने पहले तो साधारण मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया. लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने जब इस मामले में दखल दिया तो हत्या का मामला दर्ज किया गया. लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी पुलिस ने अब तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया. जिससे आहत मृतक के पिता रतिराम ने भी आजादी की वर्षगांठ के दिन ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.

'कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के हितों की चिंता, बहुसंख्यकों से कोई वास्ता नहीं'

भाजपा नेता पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में मॉब लिंचिंग से जुड़े कानून को लेकर आरएसएस और भाजपा नेताओं पर निशाना साध रहे थे. लेकिन इस मामले में यह उजागर हो गया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जो कि अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए जानी जाती थी. वह बहुतसंख्याकों के हितों को अपनी प्राथमिकता में नहीं रखती है. यह भी साबित हो चुका है.

पढ़ें- अलवर: हरीश जाटव मॉब लिंचिंग मामले में परेशान पिता ने जहर खाकर की आत्महत्या

3 सदस्य कमेटी बनाई, सीबीआई से जांच की मांग
प्रदेश भाजपा के स्तर पर इस मामले के लिए 3 सदस्य समिति बनाई गई है. जिसमें पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ, राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा और अलवर के स्थानीय विधायक संजय शर्मा शामिल है. यह कमेटी वहां के हालातों की जानकारी लेकर पार्टी को रिपोर्ट सौंपेंगे. पूनिया के अनुसार सरकार इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाएं और साथ ही मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद प्रदान करें.

Intro:अलवर रतिराम आत्महत्या मामले पर भड़की सियासत, भाजपा ने सीबीआई जांच की मांग की

गहलोत सरकार अल्पसंख्यकों के हितों का करती संरक्षण बहुत संख्या को के हितों से नहीं वास्ता -सतीश पूनिया


जयपुर (इंट्रो)
अलवर के जीवाणा गांव में अपने बेटे हरीश की हत्या के मामले में पुलिस की कार्यशैली से नाराज पीड़ित पिता रतीराम ने 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली इसके बाद अब इस मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया है। भाजपा ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रदेश की गहलोत सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए और मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग भी की।

गहलोत सरकार अल्पसंख्यकों की संरक्षक बहुत संस्था को के हित नहीं है प्राथमिकता पर- सतीश पूनिया

इस मामले में प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब हुए पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया ने ना केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए बल्कि सरकार की नीयत पर भी सवाल खड़े किए 16 जुलाई को मोटरसाइकिल से टक्कर की मामूली सी बात पर रती राम के बेटे हरीश को उमर शेख और उसके अन्य साथियों ने इतना मारा कि उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई लेकिन पुलिस ने पहले तो साधारण मारपीट की धाराओं में मामला दर्ज किया लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने जब इस मामले में दखल दिया तो हत्या का मामला दर्ज किया गया । लेकिन एक महीना गुजरने के बाद भी पुलिस ने अब तक अपराधियों को गिरफ्तार नहीं किया जिससे आहत मृतक के पिता रतिराम ने भी आजादी की वर्षगांठ के दिन ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली । पुनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में मॉब लिंचिंग से जुड़े कानून को लेकर आर एस एस और भाजपा नेताओं पर निशाना साध रहे थे लेकिन इस मामले में यह उजागर हो गया है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जो कि अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए जानी जाती थी वह बहुत संख्या को के हितों को अपनी प्राथमिकता में नहीं रखती है यह भी साबित हो चुका है।

3 सदस्य कमेटी बनाई, सीबीआई से जांच की मांग-

प्रदेश भाजपा के स्तर पर इस मामले के लिए 3 सदस्य समिति बनाई गई है जिसमें पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ राज्यसभा सांसद रामकुमार वर्मा और अलवर के स्थानीय विधायक संजय शर्मा शामिल है यह कमेटी वहां के हालातों की जानकारी लेकर पार्टी को रिपोर्ट सौंपेंगे पुनिया के अनुसार सरकार इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करवाएं और साथ ही मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद प्रदान करें।

बाईट- सतीश पूनिया भाजपा विधायक व प्रवक्ता

(edited vo pkg)




Body:बाईट- सतीश पूनिया भाजपा विधायक व प्रवक्ता

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