जयपुर. प्रदेश में बर्ड फ्लू से लगातार पक्षियों की मौत हो रही है. झालावाड़, नागौर, बारां और जोधपुर में पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी है. झालावाड़ में काफी संख्या में कौओं की मौत की घटनाएं सामने आई हैं. वहीं नागौर में भी मोरों की मौत का मामला सामने आया था. कौओं की मौत की वजह बर्ड फ्लू को बताया जा रहा है, वहीं नागौर में मोरों की मौत का कारण जहरीला दाना माना जा रहा है.
बर्ड प्लू के क्या लक्षण हैं
कोरोना के बाद अब इंसानों में बर्ड फ्लू का संक्रमण का खतरा होने का डर बना हुआ है. बर्ड्स एक्सपर्ट्स की माने तो बर्ड फ्लू इंसानों में भी फैलने का डर रहता है. बर्ड फ्लू एक वायरल संक्रमण है, जो पक्षियों से पक्षियों में ज्यादा फैलता है. इंसानों में यह वायरस आंख, मुंह और नाक के जरिए फैलने का खतरा रहता है. संक्रमित पक्षी से इंसानों में संक्रमण फैलने का डर रहता है. बर्ड फ्लू के कई लक्षण होते हैं. जैसे बुखार, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, सिर में दर्द रहना, गले में सूजन, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी-दस्त होना. इसके अलावा पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना, सांस लेने में समस्या और आंखों में प्रॉब्लम भी बर्ड फ्लू का लक्षण हो सकता है.
बर्ड्स एक्सपर्ट रोहित गंगवाल ने बताया कि झालावाड़ में ब्लू फ्लू से कौओं की मौत हुई है, बर्ड फ्लू के सभी स्ट्रेंज घातक होते हैं. यह संक्रमण इंसानों में भी फैलने का खतरा रहता है. बर्ड फ्लू लगातार पक्षियों में फैल रहा है. झालावाड़ में प्रदूषित वातावरण भी संक्रमण की वजह मानी जा रही है. मृत जीव से यह संक्रमण जल्दी फैलता है. जब एक कौए की मौत हो जाती है तो काफी संख्या में अन्य कौए वहां एकत्रित हो जाते हैं. जिससे संक्रमण दूसरे कौओं में फैल जाता है.
बर्डस एक्सपर्ट ने कहा कि बर्ड फ्लू से पक्षियों को बचाना बहुत जरूरी है. पक्षियों की मौत के मामले में प्रॉपर तरीके से जांच पड़ताल होनी चाहिए. जानकारों के मुताबिक बर्ड फ्लू देश में पहली बार 2006 में महाराष्ट्र और गुजरात में फैला था. तब 10 लाख पक्षियों की मौत हुई थी. देश में अब तक 49 बार अलग-अलग राज्यों में यह बीमारी फैल चुकी है. अक्टूबर 2016 और फरवरी 2017 के दौरान देश के 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. इसके बाद 6 जून 2017 में भारत के कृषि मंत्रालय ने एवियन इनफ्लुएंजा एच-5, एन-8 और एच-5 एन-1 से मुक्त घोषित किया और इसकी सूचना भी विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन को दी गई थी.
आखिरी बार कर्नाटक के बीदर जिले के हुमनाबाद में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए थे. इसे फैलने से रोकने के लिए 1 किलोमीटर की परिधि में आने वाले इलाकों में पक्षियों को मारने और साफ सफाई का काम किया गया था.