जयपुर. भारतीय किसान संघ के सदस्य सोमवार को एक स्थान पर एकत्रित हुए. उसके बाद सभी किसान रैली के रूप में जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को 21 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम सौंपा.
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि 20 अगस्त तक उनकी मांग नहीं मानी जाती हैं तो 21 अगस्त को कृषि मंडी, दूध डेयरी और फल-सब्जी मंडियों में व्यापार बंद करवाकर प्रदर्शन किया जाएगा. उसके बाद जयपुर की ओर कूच करेंगे.
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भारतीय किसान संघ के प्रांतीय अध्यक्ष कालूराम बागड़ा ने बताया कि किसान अपनी मांगों के संबंध में तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन कर 3500 से ज्यादा ज्ञापन सरकार को भेज चुके हैं. 17 जून को कृषि आयुक्त, राजफैड प्रबंधन और 22 जून को प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा से मिलकर समस्याओं से अवगत करवाया था. इसके बावजूद भी सरकार उनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही. प्रदेश व्यापी आंदोलन का निर्णय लेकर 21 जुलाई को जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर सरकार को ज्ञापन भी दिया गया. अब किसानों ने ग्राम बंद करने का निर्णय किया है.
भारतीय किसान संघ की ये हैं प्रमुख मांगें...
- आगामी 6 माह के किसानों के कृषि और घरेलू विद्युत बिल माफ किए जाएं
- कृषि विद्युत बिलों में दिया जाने वाला 833 प्रति माह का विद्युत अनुदान फिर से शुरू किया जाए
- विद्युत बिलों में लगने वाला एलपीएस खत्म किया जाए
- बकाया बिलों की वसूली बंद कर कृषि कनेक्शन काटने पर रोक लगाई जाए और जले हुए ट्रांसफर को बदलने के लिए बकाया भुगतान शर्त हटाई जाए
- तत्काल प्राथमिकता वाले कृषि विद्युत वृक्षों के मांग पत्र जारी करने से रोक हटाई जाए
- समर्थन मूल्य पर उत्पादन की 40 फीसदी फसल खरीद सुनिश्चित हो
- बाजार में एमएसपी से नीचे फसल खरीदने पर कानूनी अपराध घोषित किया जाए
- एमएसपी पर गेहूं खरीद का मापदंड पुराने वर्ष की बजाय तत्कालीन वर्ष के उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार किया जाए
- जिलों में चना खरीदी बकाया, ऑनलाइन विक्रय पर्ची उपलब्ध करवाई जाए
- पंजीकृत सभी किसानों से खरीद सुनिश्चित की जाए
- टिड्डी नियंत्रण के लिए केमिकल और डीजल किसानों को निशुल्क व सुलभ उपलब्ध करवाया जाए
- किसानों को फसल खराबे का मुआवजा देना सुनिश्चित किया जाए
- प्रस्तावित और स्वीकृत सिंचाई परियोजनाओं को जल्द पूरा किया जाए