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गुरु पूर्णिमा का क्या है महत्व और क्या है गुरु शिष्य परंपरा...जानें मंत्री बीडी कल्ला की जुबानी...

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Published : Jul 5, 2020, 10:21 AM IST

देश में रविवार को गुरु पूर्णिमा मनाया जा रहा है. इसी क्रम में मंत्री बीडी कल्ला ने इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला है. साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों को इसकी शुभकामनाएं दी है.

BD Kalla told significance of Guru Poornima, गुरु पूर्णिमा
बीडी कल्ला ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व

जयपुर. 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है और देश में प्राचीन समय से गुरु शिष्य परंपरा चली आ रही है. इसको लेकर प्रदेश के ऊर्जा जलदाय व कला व संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाएं दी है. साथ ही उन्होंने इस पर्व का महत्व और गुरु शिष्य परंपरा क्या है, उसकी भी जानकारी दी. आप भी सुनिए गुरु पूर्णिमा का महत्व मंत्री बीडी कल्ला की जुबानी..

बीडी कल्ला ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व

हर किसी व्यक्ति के जीवन में गुरु का अहम महत्व होता है. गुरु ही है जो शिष्य को सही राह दिखा कर उसमें ज्ञान की ज्योति प्रकाशित करता है. प्रदेश के ऊर्जा जलदाय व कला व संस्कृति मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने इस पर्व का महत्व और गुरु शिष्य परंपरा क्या है, उसकी भी जानकारी दी. गुरु शिष्य परंपरा रही आदमी की नैतिक चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास का आधार-ऊर्जा जलदाय व कला व संस्कृति मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला के अनुसार गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं. मतलब गुरु साक्षात ईश्वर स्वरूप होता है. कल्ला ने कहा कि देश में गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है और व्यक्ति में नैतिक चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास का आधार ही गुरु शिष्य परंपरा रही है.

यह भी पढ़ें. Big News: प्रदेश में नहीं होंगे UG और PG के Exams, सीधे प्रमोट किए जाएंगे छात्र

बीडी कल्ला ने एक बयान जारी कर गुरुओं को प्रणाम किया और यह भी कहा देश में ऐसी कई गाथाएं हैं, जो गुरु शिष्य परंपरा ऊपर ही आधारित है. वह लोगों को आज भी प्रेरणा देती है. ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने गुरु की प्रेरणा से ही विकास की नई इबारत लिखी है. साथ ही इससे समाज और देश को नई दिशा मिली है. जलदाय मंत्री ने कहा कि शास्त्रों में लिखा है कि माता पिता और गुरु साक्षात ईश्वर समान है क्योंकि यहीं से ज्ञान का कुंज प्रकाशमान होता है. इस दौरान कल्ला ने संस्कृत के कई श्लोक भी पढ़कर सुनाएं.

जयपुर. 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा है और देश में प्राचीन समय से गुरु शिष्य परंपरा चली आ रही है. इसको लेकर प्रदेश के ऊर्जा जलदाय व कला व संस्कृति मंत्री बीडी कल्ला ने प्रदेशवासियों को गुरु पूर्णिमा पर्व की शुभकामनाएं दी है. साथ ही उन्होंने इस पर्व का महत्व और गुरु शिष्य परंपरा क्या है, उसकी भी जानकारी दी. आप भी सुनिए गुरु पूर्णिमा का महत्व मंत्री बीडी कल्ला की जुबानी..

बीडी कल्ला ने बताया गुरु पूर्णिमा का महत्व

हर किसी व्यक्ति के जीवन में गुरु का अहम महत्व होता है. गुरु ही है जो शिष्य को सही राह दिखा कर उसमें ज्ञान की ज्योति प्रकाशित करता है. प्रदेश के ऊर्जा जलदाय व कला व संस्कृति मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला ने इस पर्व का महत्व और गुरु शिष्य परंपरा क्या है, उसकी भी जानकारी दी. गुरु शिष्य परंपरा रही आदमी की नैतिक चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास का आधार-ऊर्जा जलदाय व कला व संस्कृति मंत्री डॉक्टर बीडी कल्ला के अनुसार गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं. मतलब गुरु साक्षात ईश्वर स्वरूप होता है. कल्ला ने कहा कि देश में गुरु-शिष्य परंपरा प्राचीन समय से ही चली आ रही है और व्यक्ति में नैतिक चारित्रिक और आध्यात्मिक विकास का आधार ही गुरु शिष्य परंपरा रही है.

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बीडी कल्ला ने एक बयान जारी कर गुरुओं को प्रणाम किया और यह भी कहा देश में ऐसी कई गाथाएं हैं, जो गुरु शिष्य परंपरा ऊपर ही आधारित है. वह लोगों को आज भी प्रेरणा देती है. ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने गुरु की प्रेरणा से ही विकास की नई इबारत लिखी है. साथ ही इससे समाज और देश को नई दिशा मिली है. जलदाय मंत्री ने कहा कि शास्त्रों में लिखा है कि माता पिता और गुरु साक्षात ईश्वर समान है क्योंकि यहीं से ज्ञान का कुंज प्रकाशमान होता है. इस दौरान कल्ला ने संस्कृत के कई श्लोक भी पढ़कर सुनाएं.

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