जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल में पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में रिसर्जेंट राजस्थान के जरिए निवेश का मामला भी उठा. बहरोड से निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने इस आयोजन में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की. वहीं भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने यादव के आरोपों को सिरे से नकारा है.
विधानसभा में मंगलवार को शून्यकाल में निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने मामला उठाते हुए सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया. यादव ने कहा कि पिछली सरकार ने साल 2015 में रिसर्जेंट राजस्थान का आयोजन कर 3 दशमलव 38 लाख करोड़ के 470 एमओयू साइन का सरकार का तब दावा था कि एमओयू से प्रदेश में करोड़ों रुपए का निवेश आएगा. लेकिन हुआ इसका उल्टा. जितने एमओयू साइन किए गए उसकी तुलना में महज 11 हजार 577 करोड़ का ही निवेश आ पाया.
यादव ने आरोप लगाया कि इससे पूरे देश में राजस्थान की साख पर धब्बा लगा है और अब कोई भी उद्यमी और कंपनी राजस्थान में निवेश करने से कतराने लगे है. यादव ने इस आयोजन में कम निवेश के पीछे तत्कालीन भाजपा सरकार की उदासीनता और अधिकारियों के नकारेपन को जिम्मेदार ठहराया और सरकार से इस आयोजन में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने की मांग की.
पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ ने इन आरोपों को सिरे से नकारा है. राठौड़ के अनुसार रिसर्जेंट राजस्थान का आयोजन राजस्थान के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ है. लेकिन कुछ विधायक अधूरे ज्ञान के चलते इसको लेकर आरोप लगा रहे हैं.