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राजस्थान हाईकोर्ट: नाबालिग लड़की के अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक की जमानत याचिका खारिज

राजस्थान हाईकोर्ट ने 14 साल की लड़की की अश्लील फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले आरोपी युवक को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.

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Published : Mar 9, 2021, 7:28 PM IST

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राजस्थान हाईकोर्ट: नाबालिग लड़की के अश्लील फोटो वायरल करने वाले युवक की जमानत याचिका खारिज

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 14 साल की लड़की की अश्लील फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले आरोपी युवक को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश रामवतार उर्फ कालूराम मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

पढे़ं: शर्मनाक! चोरी के शक में युवक को नंगा करके भीड़ ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे लोगों ने लड़कियों का जीना मुश्किल कर रखा है. इनकी जगह समाज में ना होकर जेल में ही बेहतर है. जमानत याचिका में कहा गया कि एफआईआर के अनुसार याचिकाकर्ता ने पीड़िता की अश्लील फोटो उस टाइम खींची थी, जब वह नाबालिग था. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए.

इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेर सिंह महला ने कहा कि आरोपी ने 14 साल की लड़की की अश्लील फोटो लेकर फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया और उससे वायरल कर दी. इसी तरह याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप पर चार ग्रुप बनाकर उसमें पीड़िता के जानकारों को जोड़ते हुए उसमें भी अश्लील फोटो पोस्ट किए. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने 14 साल की लड़की की अश्लील फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले आरोपी युवक को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी ने यह आदेश रामवतार उर्फ कालूराम मीणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

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अदालत ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे लोगों ने लड़कियों का जीना मुश्किल कर रखा है. इनकी जगह समाज में ना होकर जेल में ही बेहतर है. जमानत याचिका में कहा गया कि एफआईआर के अनुसार याचिकाकर्ता ने पीड़िता की अश्लील फोटो उस टाइम खींची थी, जब वह नाबालिग था. ऐसे में उसे जमानत का लाभ दिया जाए.

इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेर सिंह महला ने कहा कि आरोपी ने 14 साल की लड़की की अश्लील फोटो लेकर फेसबुक पर फर्जी अकाउंट बनाया और उससे वायरल कर दी. इसी तरह याचिकाकर्ता ने व्हाट्सएप पर चार ग्रुप बनाकर उसमें पीड़िता के जानकारों को जोड़ते हुए उसमें भी अश्लील फोटो पोस्ट किए. ऐसे में उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया.

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