जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट-द्वितीय ने कांग्रेस सरकार गिराने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार आरोपी अशोक सिंह चौहान और भरत कुमार मलानी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपियों पर गंभीर आरोप है. इसके अलावा मुकदमे के इस स्तर पर उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
बता दें कि दोनों आरोपियों की रिमांड अवधि पूरी होने के बाद एटीएस ने भरत और अशोक को अदालत में पेश किया. वहीं जांच अधिकारी ने अदालत में प्रार्थना-पत्र पेशकर कहा कि दोनों आरोपियों से पूछताछ पूरी हो चुकी है. ऐसे में उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के निर्देश दिए जाएं. इस पर अदालत ने दोनों आरोपियों को 27 जुलाई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए.
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न्यायिक अभिरक्षा के आदेश होने के बाद आरोपियों की ओर से जमानत अर्जी पेश की गई. जिसमें कहा गया कि प्रकरण में उनसे पूछताछ पूरी हो गई है. इसके अलावा उनसे कोई रिकवरी शेष नहीं है. ऐसे में उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि दोनों आरोपियों को कॉल डिटेल के आधार पर सरकार गिराने की साजिश का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया गया था.
गौरतलब है कि विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण में शुक्रवार को एसओजी की ओर से आईपीसी की धारा 124 ए और 120 बी में एफआईआर दर्ज करने के बाद अजमेर के ब्यावर और उदयपुर से दो आरोपी गिरफ्तार किए गए थे. दोनों आरोपियों से एसओजी मुख्यालय में पूछताछ की जा रही है. रविवार को दोनों आरोपियों से पहले चरण में अलग-अलग बैठाकर पूछताछ की गई और साथ ही उनके द्वारा जिन विधायकों को फोन कर धनराशि व पद का प्रलोभन दिया गया उसके बारे में जानकारी जुटाई गई.