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Rajasthan High Court: हनीट्रैप में फंसा मर्डर करने वाली आरोपी प्रिया सेठ की जमानत अर्जी खारिज - Bail application dismissed by court

मई 2018 में सामने आए हनीट्रैप और मर्डर मामले में आरोपी महिला की जमानत अर्जी राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दी (Bail application dismissed by court) है. कोर्ट ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि मामला हत्या जैसे गंभीर अपराध से जुड़ा है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है.

Bail application dismissed by court in honeytrap and murder case
Rajasthan High Court: हनीट्रैप में फंसा मर्डर करने वाली आरोपी प्रिया सेठ की जमानत अर्जी खारिज
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Published : May 17, 2022, 8:54 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ऐप के जरिए प्रेमजाल में फंसाकर मई 2018 (High Court on honeytrap and murder case) में युवक दुष्यंत शर्मा की हत्या करने की आरोपी प्रिया सेठ की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी ने यह आदेश दिए.

प्रिया के अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी महिला चार साल से जेल में है. मामले के सह आरोपी को जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा ट्रायल में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसके विरोध में सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी प्रिया ने ही ऐप के जरिए दुष्यंत को हनीट्रैप में फंसाया था. उसने फोन कर दुष्यंत को फ्लैट पर बुलाया था. जिस फ्लैट पर युवक की हत्या हुई थी, वह प्रिया ने ही किराए पर लिया था. इसके अलावा मामले में कुल 44 गवाह हैं, जिनमें से 40 की गवाही हो चुकी है और कुछ दिन में ही फैसला हो जाएगा.

पढ़ें: जागते रहो: सेना के जवानों को इस तरह से बनाया जा रहा हनीट्रैप का शिकार, यह तरीके अपनाकर करें बचाव

सरकारी वकील ने कहा कि इसलिए जमानत अर्जी को खारिज किया जाए. अदालत ने राज्य सरकार की दलीलों से सहमत होते हुए कहा कि मामला हत्या के गंभीर अपराध से जुड़ा है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. गौरतलब है कि प्रिया सेठ और उसके साथी ने मिलकर दुष्यंत शर्मा का अपहरण कर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी और बाद में उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद उन्होंने दुष्यंत की लाश सूटकेस में रखकर आमेर की पहाड़ियों में फेंक दी थी.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ऐप के जरिए प्रेमजाल में फंसाकर मई 2018 (High Court on honeytrap and murder case) में युवक दुष्यंत शर्मा की हत्या करने की आरोपी प्रिया सेठ की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस पंकज भंडारी ने यह आदेश दिए.

प्रिया के अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी महिला चार साल से जेल में है. मामले के सह आरोपी को जमानत मिल चुकी है. इसके अलावा ट्रायल में समय लगेगा. इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाए. इसके विरोध में सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी प्रिया ने ही ऐप के जरिए दुष्यंत को हनीट्रैप में फंसाया था. उसने फोन कर दुष्यंत को फ्लैट पर बुलाया था. जिस फ्लैट पर युवक की हत्या हुई थी, वह प्रिया ने ही किराए पर लिया था. इसके अलावा मामले में कुल 44 गवाह हैं, जिनमें से 40 की गवाही हो चुकी है और कुछ दिन में ही फैसला हो जाएगा.

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सरकारी वकील ने कहा कि इसलिए जमानत अर्जी को खारिज किया जाए. अदालत ने राज्य सरकार की दलीलों से सहमत होते हुए कहा कि मामला हत्या के गंभीर अपराध से जुड़ा है. ऐसे में आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता. गौरतलब है कि प्रिया सेठ और उसके साथी ने मिलकर दुष्यंत शर्मा का अपहरण कर 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी और बाद में उसकी हत्या कर दी थी. उसके बाद उन्होंने दुष्यंत की लाश सूटकेस में रखकर आमेर की पहाड़ियों में फेंक दी थी.

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