जयपुर. एक साल पहले 17 जुलाई 2020 को राजस्थान की पहली बेबी हिप्पो राजकुमारी का जन्म नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एग्जॉटिक पार्क में हुआ था. बेबी हिप्पो राजकुमारी का वजन एक ही साल में 100 किलो से बढ़कर 800 किलो हो गया है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जन्मी बेबी हिप्पो काफी समझदार भी हो गई है. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बेबी हिप्पो का जन्मदिन बड़े धूमधाम से खास अंदाज में मनाया गया.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मेल हिप्पो राजा, फीमेल हिप्पो रानी और बेबी हिप्पो राजकुमारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. दिल्ली चिड़ियाघर से लाए गए दरियाई घोड़े के जोड़े राजा और रानी से बेबी हिप्पो का जन्म हुआ था. बेबी हिप्पो को प्यार से प्रिंसेस भी कहते हैं.
जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बेबी हिप्पो का बर्थडे खास अंदाज में मनाया गया. इस अवसर पर नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में डेकोरेशन किया गया. एग्जॉटिक पार्क के बाहर चारों तरफ बैलून लगाकर सजाया गया. वन विभाग की मुखिया प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा और चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने केक काटकर बेबी हिप्पो का बर्थडे सेलिब्रेट किया. सबसे पहले हिप्पो के केयरटेकर कालू और सुरेश को केक खिलाया गया. प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोहन लाल मीणा ने सभी वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों को बधाइयां दी. बेबी हिप्पो के जन्मदिन पर सभी को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी गई.
दरियाई घोड़े के प्रजनन के दौरान अहम भूमिका निभाने वाले केयर टेकर्स और वरिष्ठ पशु चिकित्सक को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में डीएफओ अजय चित्तौड़ा, एसीएफ जगदीश गुप्ता, गजनफर अली, रेंजर बनवारी लाल शर्मा, जनेश्वर चौधरी, नितिन शर्मा, वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर और डॉक्टर अशोक तंवर समेत वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.
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वन अधिकारियों की मानें तो राजस्थान में पहली बार दरियाई घोड़े का सफल प्रजनन हुआ है. नाहरगढ़ पार्क में बनाया गया एग्जॉटिक पार्क प्रदेश का पहला पार्क है जहां पर दरियाई घोड़ा लाया गया है. दरियाई घोड़े के जोड़े से प्रदेश को एक नया बेबी हिप्पो मिला है, जो कि पर्यटकों के लिए खास पसंद बना हुआ है.
दरियाई घोड़े को प्राकृतिक माहौल देने के लिए एग्जॉटिक पार्क को विकसित किया गया है. यहां पर हरी घास और पेड़ पौधे लगाए गए हैं. जहां प्राकृतिक माहौल में दरियाई घोड़े का जोड़ा और उनका बेबी हिप्पो घूमते हैं. यहां पर बेबी को अपनी मां के साथ अठखेलियां करते हुए भी नजर आती है. एग्जॉटिक पार्क में पूरी तरह से प्राकृतिक माहौल बनाया गया है. दरियाई घोड़ा ज्यादातर पानी में रहता है. इसे जलीय जीव भी कहा जाता है. एग्जॉटिक पार्क में दरियाई घोड़े के लिए वाटर पार्क बनाए गए हैं, जहां पर यह परिवार अठखेलियां करते हुए नजर आता है.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में दिल्ली चिड़ियाघर से 12 जुलाई 2019 को फीमेल हिप्पो रानी और 23 अगस्त 2019 को हिप्पो राजा को लाया गया था. बेबी हिप्पो के खाने की बात की जाए तो उसकी रोजाना की खुराक काफी खास है. 1 साल पहले अपने मां के दूध पर निर्भर बेबी हिप्पो की खुराक अब 30 लोगों के खाने के बराबर हो गई है.
बेबी राजकुमारी का रोजाना का डाइट चार्ट | |
ज्वार की कुट्टी | 40 किलो |
गेहूं की चौकर | 07 किलो |
जौ की कुट्टी | 02 किलो |
मक्का | 02 किलो |
साबुत चना | 03 किलो |
मूंगफली की खल | 03 किलो |
सेव | 02 किलो |
पिसी हुई हल्दी | 200 ग्राम |
नमक | 200 ग्राम |
तरबूज | 05 किलो |
केला | 02 किलो |
जानकारी के मुताबिक बेबी हिप्पो राजकुमारी की माता रानी और पिता राजा का फिर से मिलन हो चुका है. ऐसे में जल्द ही यहां एक और खुशखबरी सुनने को मिल सकती है. नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के अनुसार बेबी हिप्पो राजकुमारी को वयस्क होने में अब 4 से 5 साल लगेंगे. तब तक इसका वजन 1600 किलो से 1800 किलो तक हो जाएगा.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बेबी हिप्पो के जन्मदिन के अवसर पर पौधारोपण भी किया गया. प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रुति शर्मा, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोहन लाल मीणाज़ डीएफओ अजय चित्तौड़ा, एससीएफ जगदीश गुप्ता समेत वन विभाग के अधिकारियों ने नाहरगढ़ पार्क में पौधारोपण किया. इसके साथ ही पौधों के सार-संभाल की जिम्मेदारी भी तय की गई. करीब पांच प्रकार के छायादार और फलदार पौधे लगाए गए.
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने बताया कि राजस्थान में पहली बार नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में हिप्पो लाया गया था. पार्क के स्टाफ ने हिप्पो की अच्छे से देखभाल करके कड़ी मेहनत से हिप्पो का सफल प्रजनन करवाया है. हिप्पो का प्रजनन तारीफ के काबिल है. वन विभाग के कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए पार्क में कार्यक्रम आयोजित किया गया है. उन्होंने कहा कि पर्यटक पार्क में पहुंचें और हिप्पो फैमिली और यहां की तमाम व्यवस्थाओं को देखकर प्रशंसा करें, यही उम्मीद करते हैं.
मोहन लाल मीणा ने बताया कि पशु चिकित्सक की मेहनत से नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वुल्फ का भी सफल प्रजनन हुआ है. देश के अन्य चिड़िया घरों में वुल्फ की काफी डिमांड रहती है. वुल्फ के बदले कोई भी वन्यजीव आसानी से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मिल सकता है. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों नाहरगढ़ पार्क में वन्यजीवों की भी मौत हुई थी, जिसके बाद पार्क उभर कर आया और आज सभी व्यवस्थाएं अच्छी हो गई हैं. बर्ड फ्लू के समय भी बायोलॉजिकल पार्क में किसी प्रकार की क्षति नहीं हुई.
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मोहन लाल मीणा ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के शेर त्रिपुर में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद पूरी तत्परता के साथ वन्यजीवों की देखभाल की गई. वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारी द्वारा की गई देखभाल और समय पर हुई कार्रवाई की वजह से शेर शीघ्र कोरोना नेगेटिव हुआ. पूरे प्रदेश के किसी भी जानवर में कोई इंफेक्शन नहीं हुआ. वन विभाग के कर्मचारी तारीफ के काबिल हैं. सराहनीय कार्य करने वाले वन विभाग के कर्मचारियों को सम्मानित भी किया गया.