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बागी विधायकों को अविनाश पांडे की नसीहत, लुकाछुपी का खेल खत्म कर मान लें अपनी गलती

राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि दिल्ली में बैठे 19 विधायक अगर माफी मांग कर पार्टी में वापसी करते हैं तो उनकी गलतियों को माफ किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अगर बात नहीं मानी तो हम राष्ट्रपति के सामने अपनी बात रखेंगे.

Avinash Pandey Press confrence,  Rajasthan politics
राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे
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Published : Jul 27, 2020, 8:36 PM IST

जयपुर. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर 19 विधायकों को कहा कि वे अगर माफी मांग कर पार्टी में वापसी करते हैं तो उनकी गलतियों को माफ किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे बाहर बैठकर लुकाछुपी का खेल खेलने की जगह कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी गलती मान लें. उन्होंने कहा कि वे अगर अपनी तकलीफों को आलाकमान के सामने रखें तो निश्चित तौर पर उन्हें अपने परिवार में वापसी और सम्मान मिल सकता है.

राजस्थान में चल रहा घटनाक्रम शर्मनाकः अविनाश पांडे

अविनाश पांडे ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा पिछले 6 साल से लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आई सरकारों को अपदस्थ करने के लिए षड्यंत्र कर रही है. उन्होंने कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाने का कोई मौका भाजपा ने नहीं छोड़ा. अगर ऐसे ही चलेगा तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब लोगों का लोकतंत्र से भरोसा उठेगा और देश में अराजकता का माहौल हो जाएगा.

पढ़ें- राजस्थान कांग्रेस ने राजभवन से विधानसभा सत्र की अनुमति नहीं मिलने पर राष्ट्रपति से लगाई गुहार

'राज्यपाल विस बुलाने में अड़चन डाल रहे हैं'

उन्होंने कहा कि चाहे कोरोना का संकट हो या आर्थिक संकट, इन सभी विषयों को लेकर राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह सरकार ने किया. लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि जब बहुमत वाली सरकार जो विधानसभा सत्र बुलाना चाह रही है, उस सत्र बुलाने में राज्यपाल बाधाएं करते हुए अड़चन डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा देश में 70 सालों में कभी नहीं हुआ.

'राज्यपाल विस बुलाने में अड़चन डाल रहे हैं'

पांडे ने कहा कि कांग्रेस के 102 विधायकों का वीडियो राज्यपाल और राष्ट्रपति से निवेदन करते हुए और संविधान पर विश्वास जताते हुए ट्विटर पर अपलोड किया है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई न्याय और अन्याय की है, लोकतंत्र और षड्यंत्र की है जिसमें जीत सच और लोकतंत्र की होगी.

'राज्यपाल ने बात नहीं मानी तो राष्ट्रपति के पास जाएंगे'

अविनाश पांडे ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरकार की रिकमेंडेशन पर विधानसभा सत्र नहीं बुलाया जा रहा है, जबकि संविधान ने कैबिनेट को पूरा अधिकार दिया है. लेकिन यह परंपरा पहली बार शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात राज्यपाल ने नहीं मानी तो हम राष्ट्रपति के सामने जाकर अपनी बात रखेंगे.

पढ़ें- सुरजेवाला के बयान पर हेमाराम चौधरी का पलटवार, कहा- विधायकों की हताशा दूर करने के लिए दिया ऐसा बयान

वहीं, सत्ता और संगठन के समन्वय के सवाल पर अविनाश पांडे ने कहा कि हमने पूरी कोशिश की है कि व्यक्तिगत रूप से भले ही दोनों में संवाद नहीं होता हो, लेकिन संगठन और सरकार की प्रक्रिया में दोनों नेताओं का सहयोग हमेशा रहा. यह बात अलग है कि उसमें गंभीरता और ईमानदारी कितनी थी.

जयपुर. राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर 19 विधायकों को कहा कि वे अगर माफी मांग कर पार्टी में वापसी करते हैं तो उनकी गलतियों को माफ किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे बाहर बैठकर लुकाछुपी का खेल खेलने की जगह कांग्रेस आलाकमान के सामने अपनी गलती मान लें. उन्होंने कहा कि वे अगर अपनी तकलीफों को आलाकमान के सामने रखें तो निश्चित तौर पर उन्हें अपने परिवार में वापसी और सम्मान मिल सकता है.

राजस्थान में चल रहा घटनाक्रम शर्मनाकः अविनाश पांडे

अविनाश पांडे ने सोमवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा पिछले 6 साल से लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आई सरकारों को अपदस्थ करने के लिए षड्यंत्र कर रही है. उन्होंने कहा कि संविधान की धज्जियां उड़ाने का कोई मौका भाजपा ने नहीं छोड़ा. अगर ऐसे ही चलेगा तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब लोगों का लोकतंत्र से भरोसा उठेगा और देश में अराजकता का माहौल हो जाएगा.

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'राज्यपाल विस बुलाने में अड़चन डाल रहे हैं'

उन्होंने कहा कि चाहे कोरोना का संकट हो या आर्थिक संकट, इन सभी विषयों को लेकर राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने का आग्रह सरकार ने किया. लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि जब बहुमत वाली सरकार जो विधानसभा सत्र बुलाना चाह रही है, उस सत्र बुलाने में राज्यपाल बाधाएं करते हुए अड़चन डाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा देश में 70 सालों में कभी नहीं हुआ.

'राज्यपाल विस बुलाने में अड़चन डाल रहे हैं'

पांडे ने कहा कि कांग्रेस के 102 विधायकों का वीडियो राज्यपाल और राष्ट्रपति से निवेदन करते हुए और संविधान पर विश्वास जताते हुए ट्विटर पर अपलोड किया है. उन्होंने कहा कि यह लड़ाई न्याय और अन्याय की है, लोकतंत्र और षड्यंत्र की है जिसमें जीत सच और लोकतंत्र की होगी.

'राज्यपाल ने बात नहीं मानी तो राष्ट्रपति के पास जाएंगे'

अविनाश पांडे ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ कि सरकार की रिकमेंडेशन पर विधानसभा सत्र नहीं बुलाया जा रहा है, जबकि संविधान ने कैबिनेट को पूरा अधिकार दिया है. लेकिन यह परंपरा पहली बार शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि अगर उनकी बात राज्यपाल ने नहीं मानी तो हम राष्ट्रपति के सामने जाकर अपनी बात रखेंगे.

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वहीं, सत्ता और संगठन के समन्वय के सवाल पर अविनाश पांडे ने कहा कि हमने पूरी कोशिश की है कि व्यक्तिगत रूप से भले ही दोनों में संवाद नहीं होता हो, लेकिन संगठन और सरकार की प्रक्रिया में दोनों नेताओं का सहयोग हमेशा रहा. यह बात अलग है कि उसमें गंभीरता और ईमानदारी कितनी थी.

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