जयपुर. इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति के विलय मामले पर सीएम अशोक गहलोत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. सीएम गहलोत ने कहा कि अमर जवान ज्योति पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले सैनिकों की स्मृति में थी. इसको 'मर्जर' का नाम देना उस ज्योति की पवित्रता को कमतर करने का प्रयास है. यह शहादत का अपनमान है.
गहलोत ने ट्वीट (Ashok Gehlot tweets on Amar Jawan Jyoti merger) कर कहा कि इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति को बुझाकर दो ज्योतियों को एक करने का औचित्य समझ से बाहर है. अगर शहीदों के सम्मान में दो अलग-अलग ज्योति जलती रहतीं तो मोदी सरकार को क्या परेशानी थी? 50 वर्षों से शहीदों को नमन कर रही अमर जवान ज्योति का बंद करना शहादत का अपमान है. ऐसे कुकृत्य करना इतिहास बदलने का प्रयास है, परन्तु मोदी सरकार को ये समझ लेना चाहिए कि ऐसे प्रयासों से इतिहास नहीं बदलता बल्कि महान कार्य कर स्वर्णिम इतिहास बनाना पड़ता है.
उन्होंने लिखा कि अमर जवान ज्योति पाकिस्तान के दो टुकड़े करने वाले सैनिकों की स्मृति में थी. इसको बंद कर 'मर्जर' का नाम देना उस ज्योति की पवित्रता को कमतर करने का प्रयास है. बांग्लादेश युद्ध विजय के 50 वर्ष पूर्ण होने पर ऐसा कृत्य करना घोर निंदनीय है.