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कई राज्य अपने मजदूर लेना नहीं चाहते, इसलिए प्रवासी धैर्य बनाकर रखें: अशोक गहलोत - Many states don't want workers back

मुख्यमंत्री गहलोत ने रविवार को पत्रकारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि अब भी कई राज्य ऐसे हैं, जो अपने मजदूरों को लेना नहीं चाहते. लेकिन इन राज्यों से हम लगातार संपर्क में हैं, जिससे मजदूरों की घर वापसी हो सके.

CM अशोक गहलोत ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस,  ashok gahalot kee pres konphrens    majadooron ko vaapas nahin lena chaahate kaee raajy    jayapur nyooj    dhairy banaakar rakhen pravaasee    mukhyamantree ashok gahalot Ashok Gehlot press conference
अशोक गहलोत की प्रेस कॉन्फ्रेंस
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Published : May 3, 2020, 8:00 PM IST

जयपुर. देशभर में लॉकडाउन के चलते अलग-अलग राज्य में अटके प्रवासी मजदूरों और लोगों की घर वापसी के लिए भले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छूट दे दी हो. लेकिन अब भी कई राज्य ऐसे हैं, जो अपने मजदूरों को लेना नहीं चाहते. इन राज्यों में बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश शामिल है. यह कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का.

रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम लगातार इन राज्यों के संपर्क में हैं. जिससे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो सके. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार इस स्थिति में प्रवासी मजदूर धैर्य से काम ले और जब भी राज्य अनुमति देंगे, तो उनकी घर वापसी हो जाएगी. ऐसे में तब तक यह प्रवासी इंतजार करें.

CM अशोक गहलोत ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

पढ़ें- मजदूरों की 'घर' वापसी के लिए सरकार ने चलाई स्पेशल ट्रेन, देखें रिपोर्ट

गहलोत ने कहा अब तक करीब 15 लाख लोगों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. गहलोत ने कहा हमारी मांग पर केंद्र की ओर से स्पेशल ट्रेन भी चल रही है और आवश्यकता होगी, तो हम बसों की व्यवस्था कर भी अपने मजदूरों को बाहर से बुलाएंगे. लेकिन जिन राज्यों से अनुमति नहीं मिल रही है, वहां से अनुमति का इंतजार है.

ठोस पाबंदी लगाई है, लेकिन कोई भूखा नहीं सोए इस पर भी चल रहा है काम: गहलोत

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की कोरोना की पाबंदी के बीच आर्थिक गतिविधियों को शुरू करना बेहद जरूरी है. हालांकि केंद्र ने लॉकडाउन बढ़ाया है जिसकी हम सब पालना कराएंगे और महामारी ऑर्डिनेंस में लॉकडाउन तोड़ने पर रोज जुर्माने का प्रावधान भी किया है. उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में किसी को भूखा नहीं सोने देने का संकल्प भी हम पूरा कर रहे हैं. यही कारण है कि 60 लाख लोगों को FCI से 21 रुपये किलो में गेहूं खरीदकर बांटना शुरू कर दिया है.

जयपुर. देशभर में लॉकडाउन के चलते अलग-अलग राज्य में अटके प्रवासी मजदूरों और लोगों की घर वापसी के लिए भले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छूट दे दी हो. लेकिन अब भी कई राज्य ऐसे हैं, जो अपने मजदूरों को लेना नहीं चाहते. इन राज्यों में बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश शामिल है. यह कहना है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का.

रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से रूबरू हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम लगातार इन राज्यों के संपर्क में हैं. जिससे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो सके. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अनुसार इस स्थिति में प्रवासी मजदूर धैर्य से काम ले और जब भी राज्य अनुमति देंगे, तो उनकी घर वापसी हो जाएगी. ऐसे में तब तक यह प्रवासी इंतजार करें.

CM अशोक गहलोत ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

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गहलोत ने कहा अब तक करीब 15 लाख लोगों ने घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. गहलोत ने कहा हमारी मांग पर केंद्र की ओर से स्पेशल ट्रेन भी चल रही है और आवश्यकता होगी, तो हम बसों की व्यवस्था कर भी अपने मजदूरों को बाहर से बुलाएंगे. लेकिन जिन राज्यों से अनुमति नहीं मिल रही है, वहां से अनुमति का इंतजार है.

ठोस पाबंदी लगाई है, लेकिन कोई भूखा नहीं सोए इस पर भी चल रहा है काम: गहलोत

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा की कोरोना की पाबंदी के बीच आर्थिक गतिविधियों को शुरू करना बेहद जरूरी है. हालांकि केंद्र ने लॉकडाउन बढ़ाया है जिसकी हम सब पालना कराएंगे और महामारी ऑर्डिनेंस में लॉकडाउन तोड़ने पर रोज जुर्माने का प्रावधान भी किया है. उन्होंने कहा कि इस आपदा की घड़ी में किसी को भूखा नहीं सोने देने का संकल्प भी हम पूरा कर रहे हैं. यही कारण है कि 60 लाख लोगों को FCI से 21 रुपये किलो में गेहूं खरीदकर बांटना शुरू कर दिया है.

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