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CM ने की समीक्षा बैठक, कहा गौशालाओं को जल्द से जल्द वितरित हो अनुदान - मत्स्य विभाग

जयपुर में शुक्रवार को सीएम असोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि गौशालाओं को राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनुदान जल्द से जल्द वितरित किया जाए. जिससे कोविड-19 महामारी से परेशानी झेल रहे गौशाला संचालकों को राहत मिले.

गौशालाओं को वितरित हो अनुदान, Grants distributed to cowsheds
CM ने की समीक्षा बैठक
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Published : May 8, 2020, 11:38 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इस दौरान उन्होंने पशुपालन, डेयरी, मत्स्य और गौपालन विभाग की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण दुग्ध उत्पादों की मांग पर असर पड़ा है. ऐसे में डेयरियों को अपनी विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए. साथ ही ऐसे विकल्प तलाशें जाएं, जिनसे पशुपालकों और किसानों की आय बढ़ाई जा सके.

उन्होंने अन्य डेयरी संघों की तुलना में जयपुर डेयरी संघ की दुग्ध दरों में अंतर का परीक्षण कराने के निर्देश दिए. जिससे यहां के पशुपालकों को नुकसान न हो. कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के कारण मत्स्य पालन और मुर्गी पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार तो इन्हें राहत दे ही रही है. भारत सरकार को भी संकट की इस घड़ी में सहायता के लिए आग्रह किया जाए.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गौशालाओं को राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनुदान जल्द से जल्द वितरित किया जाए. इसमें किसी तरह की देरी नहीं हो. सरकार ने गौशालाओं को करीब 275 करोड़ रूपए का अनुदान दिया है. कोविड-19 महामारी से परेशानी झेल रहे गौशाला संचालकों को इससे राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार पशुपालकों और किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने देगी.

मनरेगा में अधिक से अधिक काम शुरू करें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस महामारी के कारण बेरोजगारी की मार झेल रहे श्रमिकों, किसानों, खेतिहर मजदूरों, पशुपालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य शुरू किए जाएं. आवारा पशुओं की इस समस्या को दूर करने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं. पश्चिमी राजस्थान के जिलों में चारे की कमी की समस्या को दूर किया जाए.

दुग्ध उत्पादों की मांग हुई कम

गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोविड महामारी के कारण प्रदेशभर में दुग्ध उत्पादों की मांग और सप्लाई में काफी अंतर आया है. डेयरी संघों के सामने भी तरलता का संकट खड़ा हो गया है. कोरोना संक्रमण यदि और बढ़ता है तो विभाग ने दुग्ध उत्पादों की डोर-टू-डोर सप्लाई की तैयारी कर रखी है. पशुपालन राज्य मंत्री भजन लाल जाटव ने गौशालाओं के कार्य मनरेगा के माध्यम से कराए जाने का सुझाव दिया.

पढ़ेंः कोरोना काल में टीचर्स को मुख्यालय बुलाने के फैसले का शिक्षक संगठन कर रहा विरोध

मांग बढ़ाने के लिए विभाग कर रहा प्रयास

शासन सचिव, पशुपालन, डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण डेयरियों के दुग्ध संकलन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मांग 30 से 35 प्रतिशत तक घट गई है. सभी दुग्ध उत्पादों की खपत में बड़ी गिरावट आई है. लॉकडाउन से पड़े विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए राजकीय विभागों, भारतीय सेना और दिल्ली डेयरी में दुग्ध आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इस दौरान उन्होंने पशुपालन, डेयरी, मत्स्य और गौपालन विभाग की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण दुग्ध उत्पादों की मांग पर असर पड़ा है. ऐसे में डेयरियों को अपनी विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए. साथ ही ऐसे विकल्प तलाशें जाएं, जिनसे पशुपालकों और किसानों की आय बढ़ाई जा सके.

उन्होंने अन्य डेयरी संघों की तुलना में जयपुर डेयरी संघ की दुग्ध दरों में अंतर का परीक्षण कराने के निर्देश दिए. जिससे यहां के पशुपालकों को नुकसान न हो. कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि कोरोना के कारण मत्स्य पालन और मुर्गी पालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. राज्य सरकार तो इन्हें राहत दे ही रही है. भारत सरकार को भी संकट की इस घड़ी में सहायता के लिए आग्रह किया जाए.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गौशालाओं को राज्य सरकार की ओर से दिया जाने वाला अनुदान जल्द से जल्द वितरित किया जाए. इसमें किसी तरह की देरी नहीं हो. सरकार ने गौशालाओं को करीब 275 करोड़ रूपए का अनुदान दिया है. कोविड-19 महामारी से परेशानी झेल रहे गौशाला संचालकों को इससे राहत मिलेगी. उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के कारण राज्य सरकार पशुपालकों और किसानों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने देगी.

मनरेगा में अधिक से अधिक काम शुरू करें

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस महामारी के कारण बेरोजगारी की मार झेल रहे श्रमिकों, किसानों, खेतिहर मजदूरों, पशुपालकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा में अधिक से अधिक कार्य शुरू किए जाएं. आवारा पशुओं की इस समस्या को दूर करने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएं. पश्चिमी राजस्थान के जिलों में चारे की कमी की समस्या को दूर किया जाए.

दुग्ध उत्पादों की मांग हुई कम

गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोविड महामारी के कारण प्रदेशभर में दुग्ध उत्पादों की मांग और सप्लाई में काफी अंतर आया है. डेयरी संघों के सामने भी तरलता का संकट खड़ा हो गया है. कोरोना संक्रमण यदि और बढ़ता है तो विभाग ने दुग्ध उत्पादों की डोर-टू-डोर सप्लाई की तैयारी कर रखी है. पशुपालन राज्य मंत्री भजन लाल जाटव ने गौशालाओं के कार्य मनरेगा के माध्यम से कराए जाने का सुझाव दिया.

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मांग बढ़ाने के लिए विभाग कर रहा प्रयास

शासन सचिव, पशुपालन, डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण डेयरियों के दुग्ध संकलन में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि मांग 30 से 35 प्रतिशत तक घट गई है. सभी दुग्ध उत्पादों की खपत में बड़ी गिरावट आई है. लॉकडाउन से पड़े विपरीत प्रभाव को कम करने के लिए राजकीय विभागों, भारतीय सेना और दिल्ली डेयरी में दुग्ध आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस अवसर पर मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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