जयपुर. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) ने सितंबर-अक्टूबर में भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है. देश में अभी भी प्रतिदिन 40,000 से अधिक मामले आ रहे हैं. देश में अभी भी एक बड़ी आबादी का टीकाकरण नहीं हुआ है. इसलिए यह अधिक चिंता का विषय है.
गहलोत ने कहा कि अमेरिका के डिजीज कंट्रोल सेंटर (CDC) ने जानकारी दी है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता में कमी आई है. कई शोध में पाया गया है कि कोरोना के नए वैरिएंट्स से वैक्सीन का प्रभाव हो रहा है. इसके कारण कई देशों में वैक्सीन की बूस्टर डोज भी लगाई जा रही है. कई देशों में कोविड वैक्सीन की कम उपलब्धता के कारण कोरोना के नए वैरिएंट्स का खतरा बढ़ रहा है.
गहलोत ने कहा कि हमारे देश में भी वैक्सीन की काफी कमी देखने को मिल रही है. कोविड वैक्सीन की प्रभावशीलता में कमी होने से तीसरी लहर के आने की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए यह बेहद जरूरी है कि पूरी सावधानी बरती जाए.
यह भी पढ़ेंः 13 सितंबर को विधानसभा का घेराव, किरोड़ी बोले- पुलिस बल का प्रयोग हुआ तो ठीक नहीं होगा...जानिये पूरा माजरा
गहलोत ने केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार भी अन्य देशों से अनुभव साझा कर आगे की तैयारी करनी चाहिए. तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हम सभी को मुस्तैद रहना है. सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिये राजस्थान की सवास्थय सेवाओं की जाकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार ने नए वैरिएंट्स के परीक्षण के लिए SMS हॉस्पिटल में जीनोम सीक्वेंसिंग लैब बनाई गई है. प्रदेश में 4 करोड़ से अधिक लोगों को कम से कम एक वैक्सीन डोज और 1 करोड़ से अधिक लोगों को दोनों डोज लगा दी गई हैं.
बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इससे पूर्व भी राजस्थान मैं वैक्सीन की कमी का मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष लगातार उठाते रहे हैं. गहलोत इस बात को कहते रहे कि कोरोना की तीसरी लहर से बचना है तो हमें प्रदेश के सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य रूप से लगानी होगी. वैक्सीन लगने के बाद संक्रमण के खतरे कमी सामने आती है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार से राजस्थान को आवश्यकता अनुसार पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध कराने की भी लगातार मांग की है.