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वायरल ऑडियो मामला: कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर गिरफ्तार आरोपी संजय जैन को पुलिस अभिरक्षा में भेजा

राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट द्वितीय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर गिरफ्तार आरोपी संजय जैन को 22 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है.

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राजस्थान सियासी उठापटक
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Published : Jul 18, 2020, 7:28 PM IST

जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट द्वितीय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर गिरफ्तार आरोपी संजय जैन को 22 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है. एसओजी ने आरोपी को पेश कर 8 दिन का रिमांड मांगा था. इसके अलावा एसओजी की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपी के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति भी मांगी गई है.

एसओजी की ओर से आरोपी संजय जैन को अदालत में पेश कर कहा गया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में सभी षड्यंत्रकारियों का पता लगाने के लिए आरोपी को 8 दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजा जाए. वहीं आरोपी के वकील ने कहा कि एसओजी पुलिस अभिरक्षा में मारपीट कर उससे जुर्म कबूल करवाना चाहती है. इसके अलावा प्रकरण में पहले से ही एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इसलिए एक मामले में दो एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती.

पढ़ेंः जो विधायक होटल फेयरमाउंट से बाहर है, वो वापस आने के लिए छटपटा रहे हैं: मंत्री रघु शर्मा

आरोपी पक्ष की ओर से कहा गया कि सोशल मीडिया पर चली वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर ही उसे गिरफ्तार किया गया है. जबकि आज हर व्यक्ति आपस में फोन पर राजनीति से जुड़ी बातें करते हैं. रिकॉर्डिंग में विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोई बात सामने नहीं आई है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को 22 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है.

जयपुर. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट द्वितीय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर गिरफ्तार आरोपी संजय जैन को 22 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है. एसओजी ने आरोपी को पेश कर 8 दिन का रिमांड मांगा था. इसके अलावा एसओजी की ओर से प्रार्थना पत्र पेश कर आरोपी के वॉयस सैंपल लेने की अनुमति भी मांगी गई है.

एसओजी की ओर से आरोपी संजय जैन को अदालत में पेश कर कहा गया कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में सभी षड्यंत्रकारियों का पता लगाने के लिए आरोपी को 8 दिन की पुलिस अभिरक्षा में भेजा जाए. वहीं आरोपी के वकील ने कहा कि एसओजी पुलिस अभिरक्षा में मारपीट कर उससे जुर्म कबूल करवाना चाहती है. इसके अलावा प्रकरण में पहले से ही एक एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इसलिए एक मामले में दो एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती.

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आरोपी पक्ष की ओर से कहा गया कि सोशल मीडिया पर चली वॉइस रिकॉर्डिंग के आधार पर ही उसे गिरफ्तार किया गया है. जबकि आज हर व्यक्ति आपस में फोन पर राजनीति से जुड़ी बातें करते हैं. रिकॉर्डिंग में विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोई बात सामने नहीं आई है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को 22 जुलाई तक पुलिस अभिरक्षा में भेज दिया है.

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