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राजस्थान में अनाधिकृत प्रवेश रोकने के लिए ई-पास और E-NOC की व्यवस्था, गृह विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

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Published : May 9, 2020, 9:18 AM IST

राजस्थान में अनाधिकृत प्रवेश रोकने के लिए गृह विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत ई-पास और ई-एनओसी की व्यवस्था कर दी गई है. राज्य से बाहर किसी को भेजने के लिए ई-पास जारी किया जाएगा, जबकि राज्य में आने के लिए ई-एनओसी जारी की जाएगी.

गृह विभाग के दिशा-निर्देश, Rajasthan News
अनाधिकृत प्रवेश रोकने के लिए गृह विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रवासी और फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए ई-पास और ई-एनओसी जारी करने समेत अन्य को लेकर शुक्रवार को दिशा निर्देश जारी किए हैं. गृह विभाग की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही राजस्थान से बाहर जाने और दूसरे राज्यों से राजस्थान में आने वाले फंसे हुए और प्रवासियों की आवाजाही हो सकेगी.

पढ़ें: CM गहलोत का बड़ा बयान, कहा- राजस्थान में Corona की स्थिति नियंत्रण में है

निर्देशों में ये साफ कर दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सिर्फ ऐसे व्यक्तियों को ही एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति दी जाएगी, जो लॉकडाउन होने से पहले अपने घर या फिर अपने कार्यस्थल से अन्यत्र स्थान पर चले गए थे, लेकिन लॉकडाउन की पाबंदी के चलते वापस लौट नहीं पाए. गृह विभाग ने साफ कर दिया है कि ऐसे लोगों को आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो सामान्य स्थितियों में अपने घर से दूर कामकाज के लिए अन्य स्थानों पर रहे रहे हैं और अब अपने घर जाना चाहते हैं.

पढ़ें: प्रवेश रोकने नहीं, व्यवस्थित आवागमन के लिए की गई सीमा सील : CM गहलोत

इसके साथ ही ये भी तय किया गया है कि सभी राज्यों की सरकारों को इस बारे में सूचित किया जाए कि उनके अधिकारी राजस्थान के मूल निवासियों को सशर्त स्थिति में ही एनओसी और पास जारी करें. गृह विभाग ने कहा है कि सिर्फ उन्हीं प्रवासियों और फंसे लोगों को अन्य राज्य सरकारें पास और परमिट जारी करें, जिनकी राज्य सरकार की ओर से नाम आधारित एनओसी जारी की जाए. साथ ही ऐसे फंसे हुए व्यक्तियों की राज्य की सीमाओं पर अधिकृत व्यक्तियों की ओर से स्क्रीनिंग और उनके डिजिटल दस्तावेजों की जांच करके उन्हें एनओसी जारी की जाए. इसके लिए राज्यों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी अन्य राज्यों में अपने समकक्षों अधिकारियों से संवाद करें. इसी तरह राज्य से बाहर यात्रा के लिए कोई भी पास जारी किए जाने से पहले, उस राज्य सरकार की सहमति ली जाए.

गृह सचिव (द्वितीय) को अनुमति के लिए किया अधिकृत...
अंतरराज्यीय आवागमन के लिए पास और एनओसी जारी करने के लिए राज्य सरकार ने गृह सचिव (द्वितीय) समित शर्मा को इसके लिए अधिकृत किया है. सभी जिला कलेक्टर्स को किसी भी आपात या जरूरी प्रकरणों के संबंध में उनसे पहले अनुमति लेनी होगी. राज्य से बाहर किसी को भेजने के लिए ई-पास जारी किया जाएगा, जबकि राज्य में आने के लिए ई-एनओसी जारी की जाएगी.

ई-मित्र से होगा पंजीकरण, जिला कलेक्टर करेंगे अनुशंसा...
फंसे हुए व्यक्तियों को ई-मित्र के जरिए पंजीकरण करवाना होगा. इनके अलावा नागरिक ई-मित्र पोर्टल के जरिए मांगी गई सभी सूचनाएं देकर और दस्तावेज संलग्न कर कर भी अपना पंजीयन करवा सकेंगे. रजिस्ट्रेशन के बाद जिला कलेक्टर एनओसी और पास जारी करने के लिए अनुशंसा कर सकेंगे. पास और एनओसी जारी करते समय इस बात का उल्लेख किया जाएगा कि व्यक्ति अपने वाहन से जाना चाहता है या सरकारी परिवहन के जरिए. पास संबंधित राज्य के नोडल ऑफिसर को भेजना होगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक ही पास और एनओसी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई आवेदन अपूर्ण रहेगा या आवेदक अपात्र होगा तो जिला कलेक्टर उसे निरस्त कर सकेंगे. जिला कलेक्टर की अनुशंसा के बाद गृह विभाग की ओर से पास और एनओसी जारी किए जाएंगे.

मोबाइल एप से होगा वेरिफिकेशन, गृह विभाग करेगा अनुमोदन...
ई-पास वेरिफिकेशन राजकोप सिटीजन मोबाइल ऐप के जरिए होगा. संबंधित व्यक्ति ई-मित्र के जरिए पास या एनओसी को डाउनलोड कर सकेगा. अनुमति प्राप्त पास की सूचना अलग से ही eppaas.rajasthan.gov.in पर अपलोड भी की जाएगी. नागरिकों को ई-पास और ई-एनओसी जारी होने की सूचना एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी. इमरजेंसी की स्थिति में कलेक्टर की ओर से पास और एनओसी जारी की जा सकेगी, लेकिन इसकी सूचना गृह विभाग को तुरंत ही भेजनी होगी. जिला कलेक्टर्स को सभी प्रवासियों की सत्यापित सूचना ई-मेल के जरिए गृह विभाग को भेजनी होगी. इसके बाद गृह विभाग की ओर से इसका अनुमोदन किया जाएगा.

सीमा पर देखी जाएगी एनओसी, 14 दिनों का क्वॉरेंटाइन अनिवार्य...
सीमा पर प्रवेश केवल ऐसे व्यक्तियों के लिए होगा, जिनके पास राज्य द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र होंगे. अन्य कई दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. राजकोविड इंफो और आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप को प्रवासियों के मोबाइल में इंस्टाल करवाने, सभी जिलों की सीमा पर चेकपोस्ट की व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिए गए हैं. जो भी प्रवासी दूसरे राज्यों से राज्य में आएंगे, उनकी अनिवार्य रूप से जांच करने और 14 दिनों के लिए घर में क्वॉरेंटाइन के लिए भी कहा गया है. संदिग्ध लक्षण होने पर संस्थागत केंद्र में क्वॉरेंटाइन करने समेत अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रवासी और फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए ई-पास और ई-एनओसी जारी करने समेत अन्य को लेकर शुक्रवार को दिशा निर्देश जारी किए हैं. गृह विभाग की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही राजस्थान से बाहर जाने और दूसरे राज्यों से राजस्थान में आने वाले फंसे हुए और प्रवासियों की आवाजाही हो सकेगी.

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निर्देशों में ये साफ कर दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सिर्फ ऐसे व्यक्तियों को ही एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति दी जाएगी, जो लॉकडाउन होने से पहले अपने घर या फिर अपने कार्यस्थल से अन्यत्र स्थान पर चले गए थे, लेकिन लॉकडाउन की पाबंदी के चलते वापस लौट नहीं पाए. गृह विभाग ने साफ कर दिया है कि ऐसे लोगों को आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो सामान्य स्थितियों में अपने घर से दूर कामकाज के लिए अन्य स्थानों पर रहे रहे हैं और अब अपने घर जाना चाहते हैं.

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इसके साथ ही ये भी तय किया गया है कि सभी राज्यों की सरकारों को इस बारे में सूचित किया जाए कि उनके अधिकारी राजस्थान के मूल निवासियों को सशर्त स्थिति में ही एनओसी और पास जारी करें. गृह विभाग ने कहा है कि सिर्फ उन्हीं प्रवासियों और फंसे लोगों को अन्य राज्य सरकारें पास और परमिट जारी करें, जिनकी राज्य सरकार की ओर से नाम आधारित एनओसी जारी की जाए. साथ ही ऐसे फंसे हुए व्यक्तियों की राज्य की सीमाओं पर अधिकृत व्यक्तियों की ओर से स्क्रीनिंग और उनके डिजिटल दस्तावेजों की जांच करके उन्हें एनओसी जारी की जाए. इसके लिए राज्यों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी अन्य राज्यों में अपने समकक्षों अधिकारियों से संवाद करें. इसी तरह राज्य से बाहर यात्रा के लिए कोई भी पास जारी किए जाने से पहले, उस राज्य सरकार की सहमति ली जाए.

गृह सचिव (द्वितीय) को अनुमति के लिए किया अधिकृत...
अंतरराज्यीय आवागमन के लिए पास और एनओसी जारी करने के लिए राज्य सरकार ने गृह सचिव (द्वितीय) समित शर्मा को इसके लिए अधिकृत किया है. सभी जिला कलेक्टर्स को किसी भी आपात या जरूरी प्रकरणों के संबंध में उनसे पहले अनुमति लेनी होगी. राज्य से बाहर किसी को भेजने के लिए ई-पास जारी किया जाएगा, जबकि राज्य में आने के लिए ई-एनओसी जारी की जाएगी.

ई-मित्र से होगा पंजीकरण, जिला कलेक्टर करेंगे अनुशंसा...
फंसे हुए व्यक्तियों को ई-मित्र के जरिए पंजीकरण करवाना होगा. इनके अलावा नागरिक ई-मित्र पोर्टल के जरिए मांगी गई सभी सूचनाएं देकर और दस्तावेज संलग्न कर कर भी अपना पंजीयन करवा सकेंगे. रजिस्ट्रेशन के बाद जिला कलेक्टर एनओसी और पास जारी करने के लिए अनुशंसा कर सकेंगे. पास और एनओसी जारी करते समय इस बात का उल्लेख किया जाएगा कि व्यक्ति अपने वाहन से जाना चाहता है या सरकारी परिवहन के जरिए. पास संबंधित राज्य के नोडल ऑफिसर को भेजना होगी. केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार की गाइडलाइंस के मुताबिक ही पास और एनओसी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. अगर कोई आवेदन अपूर्ण रहेगा या आवेदक अपात्र होगा तो जिला कलेक्टर उसे निरस्त कर सकेंगे. जिला कलेक्टर की अनुशंसा के बाद गृह विभाग की ओर से पास और एनओसी जारी किए जाएंगे.

मोबाइल एप से होगा वेरिफिकेशन, गृह विभाग करेगा अनुमोदन...
ई-पास वेरिफिकेशन राजकोप सिटीजन मोबाइल ऐप के जरिए होगा. संबंधित व्यक्ति ई-मित्र के जरिए पास या एनओसी को डाउनलोड कर सकेगा. अनुमति प्राप्त पास की सूचना अलग से ही eppaas.rajasthan.gov.in पर अपलोड भी की जाएगी. नागरिकों को ई-पास और ई-एनओसी जारी होने की सूचना एसएमएस के जरिए भेजी जाएगी. इमरजेंसी की स्थिति में कलेक्टर की ओर से पास और एनओसी जारी की जा सकेगी, लेकिन इसकी सूचना गृह विभाग को तुरंत ही भेजनी होगी. जिला कलेक्टर्स को सभी प्रवासियों की सत्यापित सूचना ई-मेल के जरिए गृह विभाग को भेजनी होगी. इसके बाद गृह विभाग की ओर से इसका अनुमोदन किया जाएगा.

सीमा पर देखी जाएगी एनओसी, 14 दिनों का क्वॉरेंटाइन अनिवार्य...
सीमा पर प्रवेश केवल ऐसे व्यक्तियों के लिए होगा, जिनके पास राज्य द्वारा जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र होंगे. अन्य कई दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. राजकोविड इंफो और आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप को प्रवासियों के मोबाइल में इंस्टाल करवाने, सभी जिलों की सीमा पर चेकपोस्ट की व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिए गए हैं. जो भी प्रवासी दूसरे राज्यों से राज्य में आएंगे, उनकी अनिवार्य रूप से जांच करने और 14 दिनों के लिए घर में क्वॉरेंटाइन के लिए भी कहा गया है. संदिग्ध लक्षण होने पर संस्थागत केंद्र में क्वॉरेंटाइन करने समेत अन्य दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

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