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Oxygen उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा राजस्थान, 59 नए प्लांट लगाए जाने की स्वीकृति - Oxygen deficiency in Rajasthan

कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की स्वीकृति के बाद 59 राजकीय चिकित्सालय चिन्हित किए गए हैं. इन राजकीय चिकित्सालयों में 50 से 2,000 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे, जिनका प्रतिदिन उत्पादन 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के बराबर होगा. इस पर गहलोत सरकार की ओर से 125 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

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ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की स्वीकृति-ईओआई जारी
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Published : May 5, 2021, 11:55 PM IST

Updated : May 6, 2021, 6:42 AM IST

जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए नौ वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया. जो प्रदेश के राजकीय चिकित्सालय में अलग-अलग क्षमता के अवसर प्लांट लगाने के लिए निर्धारित तकनीकी मापदंड का निर्धारण करेगी. साथ ही ऑक्सीजन प्लांट के एक साल के संचालन और रखरखाव, दो साल की वारंटी, डीएलपी के साथ पीसीए टेक्नोलॉजी सहित प्लांट निर्माताओं के पूर्व अनुभव वित्तीय क्षमताओं, नियमों और शर्तों को शामिल करते हुए आरएफपी तैयार कर ईओआई (Expression Of Interest) जारी की गई. ऑक्सीजन प्लांट बनाने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण, विकास न्यास और नगरीय निकायों की होगी.

अजमेर में अजमेर विकास प्राधिकरण, बीकानेर में नगर सुधार न्यास और भरतपुर में नगर निगम और नगर सुधार न्यास की ओर से 500 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. वहीं जयपुर में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 2,000 सिलेंडर प्रतिदिन, जोधपुर में जोधपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 1,000 सिलेंडर प्रतिदिन, कोटा में नगर सुधार न्यास की ओर से 1,000 सिलेंडर प्रतिदिन, उदयपुर में नगर सुधार न्यास की ओर से 1,000 सिलेंडर प्रतिदिन, किशनगढ़ और ब्यावर में नगर परिषद की ओर से 75-75 सिलेंडर प्रतिदिन, अलवर में नगर सुधार न्यास की ओर से 150 सिलेंडर प्रतिदिन, भिवाड़ी में नगर सुधार न्यास की ओर से 75 सिलेंडर प्रतिदिन, बाड़मेर में नगर सुधार न्यास की ओर से 150 सिलेंडर प्रतिदिन, बालोतरा और बांसवाड़ा में नगर परिषद की ओर से 150-150 सिलेंडर प्रतिदिन, भीलवाड़ा में नगर सुधार न्यास की ओर से 500 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.

यह भी पढ़ें: Reality Check : वैक्सीनेशन रजिस्ट्रेशन में कभी एरर, कभी मोबाइल पर नहीं मिल रहा OTP...जयपुर में ग्राउंड जीरो से रियलिटी चेक

चित्तौड़गढ़-जैसलमेर में नगर परिषद और नगर सुधार न्यास, प्रतापगढ़ नगर परिषद, दौसा नगर परिषद, डूंगरपुर नगर परिषद, टोंक नगर परिषद, धौलपुर नगर परिषद, मकराना नगर परिषद, झालावाड़, राजसमंद और झालरापाटन में 900 सिलेंडर प्रतिदिन, सुजानगढ़ में नगर परिषद की ओर से 50 सिलेंडर प्रतिदिन, जालौर, श्रीगंगानगर, झुंझुनू, पाली, नागौर, हनुमानगढ़, सीकर और सिरोही नगर परिषद की ओर से 150-150 सिलेंडर प्रतिदिन, निंबाहेड़ा, रतनगढ़, सरदारशहर, नवलगढ़, मेड़ता सिटी, फतेहपुर, देवली, सूरतगढ़, पीपाड़ सिटी, शाहपुरा, पिलानी, बामनवास नगर पालिका की ओर से 50-50 सिलेंडर प्रतिदिन, सुमेरपुर, कुचामन सिटी, सोजत सिटी, भीनमाल, निवाई, केकड़ी, फलोदी, कोटपुतली नगर पालिकाओं की ओर से 75-75 सिलेंडर प्रतिदिन, आबूरोड और नाथद्वारा नगर पालिका की ओर से 100-100 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.

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वर्तमान परिपेक्ष में कोविड- 19 की दूसरी घातक लहर को देखते हुए राज्य के 59 शहरी निकायों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. इन प्लांटों पर 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होगा, जिससे 12,000 सिलेंडर भरे जा सकेंगे. जो कि 6,000 बेड के लिए पर्याप्त होंगे. इसी तरह उत्पादित ऑक्सीजन पाइप लाइन के जरिए 7,500 बेड को उपलब्ध कराई जा सकेगी. ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पर लगभग 120 से 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसे नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की नगरीय इकाइयां वहन करेंगी. सभी प्लांट आगामी दो महीने में लगाए जाएंगे.

जयपुर. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए नौ वरिष्ठ अधिकारियों की उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया. जो प्रदेश के राजकीय चिकित्सालय में अलग-अलग क्षमता के अवसर प्लांट लगाने के लिए निर्धारित तकनीकी मापदंड का निर्धारण करेगी. साथ ही ऑक्सीजन प्लांट के एक साल के संचालन और रखरखाव, दो साल की वारंटी, डीएलपी के साथ पीसीए टेक्नोलॉजी सहित प्लांट निर्माताओं के पूर्व अनुभव वित्तीय क्षमताओं, नियमों और शर्तों को शामिल करते हुए आरएफपी तैयार कर ईओआई (Expression Of Interest) जारी की गई. ऑक्सीजन प्लांट बनाने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण, विकास न्यास और नगरीय निकायों की होगी.

अजमेर में अजमेर विकास प्राधिकरण, बीकानेर में नगर सुधार न्यास और भरतपुर में नगर निगम और नगर सुधार न्यास की ओर से 500 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. वहीं जयपुर में जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 2,000 सिलेंडर प्रतिदिन, जोधपुर में जोधपुर विकास प्राधिकरण की ओर से 1,000 सिलेंडर प्रतिदिन, कोटा में नगर सुधार न्यास की ओर से 1,000 सिलेंडर प्रतिदिन, उदयपुर में नगर सुधार न्यास की ओर से 1,000 सिलेंडर प्रतिदिन, किशनगढ़ और ब्यावर में नगर परिषद की ओर से 75-75 सिलेंडर प्रतिदिन, अलवर में नगर सुधार न्यास की ओर से 150 सिलेंडर प्रतिदिन, भिवाड़ी में नगर सुधार न्यास की ओर से 75 सिलेंडर प्रतिदिन, बाड़मेर में नगर सुधार न्यास की ओर से 150 सिलेंडर प्रतिदिन, बालोतरा और बांसवाड़ा में नगर परिषद की ओर से 150-150 सिलेंडर प्रतिदिन, भीलवाड़ा में नगर सुधार न्यास की ओर से 500 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.

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चित्तौड़गढ़-जैसलमेर में नगर परिषद और नगर सुधार न्यास, प्रतापगढ़ नगर परिषद, दौसा नगर परिषद, डूंगरपुर नगर परिषद, टोंक नगर परिषद, धौलपुर नगर परिषद, मकराना नगर परिषद, झालावाड़, राजसमंद और झालरापाटन में 900 सिलेंडर प्रतिदिन, सुजानगढ़ में नगर परिषद की ओर से 50 सिलेंडर प्रतिदिन, जालौर, श्रीगंगानगर, झुंझुनू, पाली, नागौर, हनुमानगढ़, सीकर और सिरोही नगर परिषद की ओर से 150-150 सिलेंडर प्रतिदिन, निंबाहेड़ा, रतनगढ़, सरदारशहर, नवलगढ़, मेड़ता सिटी, फतेहपुर, देवली, सूरतगढ़, पीपाड़ सिटी, शाहपुरा, पिलानी, बामनवास नगर पालिका की ओर से 50-50 सिलेंडर प्रतिदिन, सुमेरपुर, कुचामन सिटी, सोजत सिटी, भीनमाल, निवाई, केकड़ी, फलोदी, कोटपुतली नगर पालिकाओं की ओर से 75-75 सिलेंडर प्रतिदिन, आबूरोड और नाथद्वारा नगर पालिका की ओर से 100-100 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे.

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वर्तमान परिपेक्ष में कोविड- 19 की दूसरी घातक लहर को देखते हुए राज्य के 59 शहरी निकायों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. इन प्लांटों पर 120 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होगा, जिससे 12,000 सिलेंडर भरे जा सकेंगे. जो कि 6,000 बेड के लिए पर्याप्त होंगे. इसी तरह उत्पादित ऑक्सीजन पाइप लाइन के जरिए 7,500 बेड को उपलब्ध कराई जा सकेगी. ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पर लगभग 120 से 125 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसे नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग की नगरीय इकाइयां वहन करेंगी. सभी प्लांट आगामी दो महीने में लगाए जाएंगे.

Last Updated : May 6, 2021, 6:42 AM IST
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