जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए खुशखबरी है. पहले डायवर्जन के दौरान विमानों को आसमान में करीब 20 से 25 मिनट तक चक्कर लगाने पड़ते थे. जबकि अब यह समस्या दिसंबर महीने से खत्म हो जाएगी. जयपुर एयरपोर्ट पर अब एप्रोच रडार का प्रस्ताव पास हो चुका है. जिसके तहत एयरपोर्ट पर नए रडार लगाए जाएंगे.
जानकारी के अनुसार इस रडार के अंतर्गत एयरपोर्ट पर अब 200 किलोमीटर दूर वाले विमानों की स्थिति पता चल सकेगी. इसके लिए यहां पर मुंबई, दिल्ली समेत देशभर के बड़े एयरपोर्ट की तरह 6 महीने के अंतर्गत एप्रोच रडार लगाया जाएगा. इससे अब एयरपोर्ट पर हवाई यातायात ज्यादा होने से विमानों को हवा में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
वर्तमान में जयपुर एयरपोर्ट पर एप्रोच रडार नहीं होने से ट्रैफिक कंट्रोल रूम को विमान की स्थिति को लेकर पायलट से चर्चा करनी पड़ती है. कई बार पायलट को जानकारी देने में देरी हो जाती है और विमान को एयरपोर्ट पर उतारने में देर हो जाती है. रडार लगने के बाद ईटीसी को सीधे पता चलता रहेगा कि रडार के क्षेत्र में विमान की स्थिति क्या है.
सूत्रों के मुताबिक एयरपोर्ट पर लगे एप्रोच रडार से एयरपोर्ट से 250 से 400 किलोमीटर दूर तक में विमानों की स्थिति पता चल जाती है. जयपुर एयरपोर्ट पर प्रतिदिन 62 विमानों का संचालन होता है. प्रत्येक घंटे में यहां से 12 विमानों की आवाजाही होती है. इसके अलावा जयपुर एयरपोर्ट उत्तर भारत का प्रमुख एयरपोर्ट भी है. यह दिल्ली, अहमदाबाद और किशनगढ़ समेत कई एयरपोर्ट का वैकल्पिक एयरपोर्ट भी है.
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जब कभी दिल्ली एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या अचानक बढ़ जाती है, या फिर मौसम खराब हो जाता है, तो वहां उतरने वाले विमानों को जयपुर एयरपोर्ट पर डायवर्ट किया जाता है. ऐसी स्थिति में जयपुर एयरपोर्ट पर बी एयर ट्राफिक कंजक्शन भर जाता है. लेकिन अब रडार लगने की वजह से जाम की समस्या खत्म हो जाएगी.