जयपुर. कोरोना संकटकाल में प्रदेश भाजपा ने संगठन विस्तार की कवायद तो तेज कर दी है लेकिन मोर्चों की दृष्टि से कई जिले ऐसे हैं, जहां पार्टी को उपयुक्त जिला अध्यक्ष नहीं मिल पाया है. वहीं युवा मोर्चा जिला अध्यक्षों की सूची तो उम्र के मापदंड के चक्कर में ही अटकी हुई है.
युवा मोर्चा में 35 वर्ष तक की आयु बनी रोड़ा
पिछले एक पखवाड़े के भीतर भाजपा के 7 में से 6 अग्रिम मोर्चों ने अपने जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया लेकिन युवा मोर्चा इस काम में बिछड़ गया. जबकि भारतीय जनता पार्टी में युवा मोर्चा को हरावल दस्ते के रूप में देखा जाता है लेकिन जिला अध्यक्षों की घोषणा में युवा मोर्चा ही अन्य मोर्चा से पिछड़ गया. मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने अब तक किसी भी जिले में अपने मोर्चा के जिला अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की है. इसके पीछे एक बड़ा कारण उम्र का मापदंड है. दरअसल, संगठन के सभी जिला अध्यक्षों से मोर्चा के जिला अध्यक्षों के लिए सर्वसम्मति से नाम मांगे गए हैं लेकिन यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि जो भी नाम भेजा जाए, वह 35 वर्ष से उम्र का अधिक नहीं हो क्योंकि केंद्र की तरफ से युवा मोर्चा के लिए यही निर्देश है.
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अब यही मापदंड अधिकतर जिलों में वहां के अन्य नेताओं के लिए गले की हड्डी बन गया है क्योंकि सबसे ज्यादा पद पाने की डिमांड युवा मोर्चा में ही है. इस मापदंड के चलते कई नेता और पद चाहने वाले इस दौड़ से बाहर हो गए हैं लेकिन कुछ इसमें संशोधन की आस के चलते अपना राजनीतिक जोर लगा रहे हैं. यही कारण है कि युवा मोर्चा जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान अब तक नहीं हो पाया.
अन्य मोर्चा में इन जिलों में नहीं मिले उपयुक्त नाम, क्योंकि नहीं बन पा रही सर्वसम्मति
संगठनात्मक रूप से राजस्थान में भाजपा के 44 जिले हैं लेकिन अल्पसंख्यक मोर्चे को छोड़कर लगभग हर मोर्चे में कुछ जिलों में अपने जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान शेष रखा है. इनमें महिला मोर्चा और ओबीसी मोर्चा तो अपने जिला अध्यक्षों का नाम का ऐलान कर चुके हैं लेकिन राजधानी जयपुर में ही मोर्चा के अध्यक्ष की घोषणा होना बाकी है. बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा ने 44 में से 34 मोर्चा जिला अध्यक्षों के नाम का ऐलान किया. मतलब 10 जिलों में मोर्चों के अपने अध्यक्ष बनाए जाना शेष है.
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वहीं ओबीसी मोर्चा ने 44 में से 40 संगठनात्मक जिलों में मोर्चा जिला अध्यक्ष बना दिए. 4 जिलों में मोर्चा जिला अध्यक्ष बनाए जाने और शेष है. इसी तरह बीजेपी अनुसूचित जनजाति मोर्चा ने भी 44 संगठनात्मक जिलों में से 28 जिलों में अध्यक्षों की घोषणा कर दी थी लेकिन 16 जिलों में मोर्चा अध्यक्ष बनाए जाना बाकी है. इसी तरह महिला मोर्चा ने 44 में से 35 संगठनात्मक जिलों में ही अपने मोर्चा की अध्यक्ष नियुक्त की है. 9 जिलों में यह नियुक्ति होना बाकी है.
इसी तरह किसान मोर्चा ने भी 44 में से 38 मोर्चा जिला अध्यक्षों की घोषणा की है. मतलब 6 जिलों में किसान मोर्चा की घोषणा भी बाकी है. बताया जा रहा है जिन जिलों में मोर्चा के जिला अध्यक्षों की घोषणा नहीं हो पाई. वहां नाम को लेकर आपसी विवाद और मतभेद है या फिर कहे मोर्चा अध्यक्ष के नाम को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई.