जयपुर. प्रशासन शहरों के संग अभियान में हेरिटेज नगर निगम दूसरे निगमों की तुलना में अव्वल है. यहां सर्वाधिक 1194 पट्टे बांटे गए हैं. लेकिन इसके दोगुने निरस्त भी किए गए हैं. यहां हजारों की संख्या में वन्य भूमि या प्रतिबंधित क्षेत्र में पट्टे देने के लिए आवेदन किए गए थे. जिन्हें अवैध होने के चलते निरस्त किया गया. जब तक राज्य सरकार केंद्र सरकार से इस क्षेत्र को डीनोटिफाई नहीं कराती, तब तक वन्य भूमि पर पट्टे नहीं (No lease deed for forest area plots) दिए जा सकेंगे.
राजस्थान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए प्रशासनिक अमला लंबे समय से जुटा हुआ है. लेकिन हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में बड़ी संख्या में वन्य भूमि के आवेदन मिल रहे हैं. जबकि अभ्यारण्य क्षेत्र में पट्टे जारी नहीं किए जा सकते हैं. नतीजन हेरिटेज नगर निगम में प्राप्त आवेदनों की संख्या 5584 की तुलना में जारी पट्टों की संख्या 1194 है. जबकि निरस्त किए गए पट्टों की संख्या 2220 है.
निरस्त किए गए एक हजार से ज्यादा आवेदन वन्य भूमि से जुड़े हैं. इसके अलावा प्रतिबंधित क्षेत्र, जेडीए के अंतर्गत आने वाली निजी कृषि भूमि खातेदारी, कब्रिस्तान की जमीन, नाला क्षेत्र, बहाव क्षेत्र, स्कूल की जमीन और जेडीए से हस्तांतरित नहीं हुई कॉलोनियों के आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं. इस संबंध में निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि हेरिटेज निगम क्षेत्र में बहुत बड़ा क्षेत्र नाहरगढ़ अभ्यारण और वन्य क्षेत्र है. उनके आवेदन निरस्त किए गए हैं. ये आवेदक पट्टे के लिए योग्य ही नहीं है. वन्य भूमि केंद्र सरकार के स्तर से अनारक्षित होती है. इस संबंध में स्टेट गवर्नमेंट से गाइडेंस मांगी गई है. यदि वन्य भूमि पर कॉलोनी बसी हुई है, तो उसे डिनोटिफाई करने के लिए राज्य सरकार ही केंद्र सरकार को लिख सकती है.
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आपको बता दें कि हेरिटेज नगर निगम में अब तक 69ए के 347, स्टेट ग्रांट के 274, कच्ची बस्ती के 459 और अन्य 114 पट्टे जारी किए गए हैं. जो प्रदेश के अन्य नगर निगम में सबसे अधिक है.