जयपुर. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) में नाम जोड़ने के लिए खाद्य विभाग की ओर से आवेदन मांगे गए थे. आवेदन की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है. अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक 14 लाख 86 हजार से अधिक परिवारों के आवेदन आए (Applications for National Food Security Scheme in Rajasthan) हैं. केंद्र सरकार की ओर से अनुमति मिलने के बाद ही इन आवेदनों को अप्रूवल दी जाएगी.
अब तक अजमेर में 51488, अलवर में 67736, बांसवाड़ा में 31773, बारां में 22043, बाड़मेर में 91034, भरतपुर में 69345, भीलवाड़ा में 64385 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा बीकानेर में 54475, बूंदी में 34155, चित्तौड़गढ़ में 31152, चूरू में 51647, दौसा में 32881, धौलपुर में 26604, डूंगरपुर में 21357, हनुमानगढ़ में 32783, जयपुर में 94831, जैसलमेर में 27645, जालौर में 52373, झालावाड़ में 32513, झुंझुनू में 48990 आवेदन आए हैं.
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जोधपुर में 79094, करौली में 35207, कोटा में 34369, नागौर में 98227, पाली में 53083, प्रतापगढ़ में 16888, राजसमंद में 24519, सवाई माधोपुर में 39453, सीकर में 44096, सिरोही में 18037, श्रीगंगानगर में 37679, टोंक में 31705 और उदयपुर में 34488 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इस तरह से कुल 14 लाख 86 हजार 195 आवेदन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पंजीयन के लिए आए हैं. इनमें से 2290 आवेदन कैंसिल कर दिए गए. 17240 ऐसे आवेदन हैं जिनमें किसी न किसी दस्तावेज की कमी थी और इन्हें सेंडबैक कर दिया गया है. अब शेष रहे 14 लाख 66 हजार 665 परिवारों को अप्रूवल के लिए इंतजार करना होगा. केंद्र सरकार से अप्रूवल के बाद ही इन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ दिया जाएगा. सबसे अधिक आवेदन नागौर से प्राप्त हुए हैं.
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आपको बता दें कि पिछले 2 साल से कोरोना संक्रमण के कारण एनएफएसए में नाम जोड़ने का पोर्टल केंद्र सरकार ने बंद कर दिया था. दो साल के बाद अब राज्य सरकार की ओर से नाम जोड़ने के लिए आवेदन मांगे गए. इसलिए बड़ी संख्या में लोगों ने एनएफएसए का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है. वर्तमान में प्रदेश में 4.46 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है. सरकार की ओर से एनएफएसए का लाभ देने के लिए 32 श्रेणियों का निर्धारण किया गया है.
इनमें अंत्योदय परिवार, बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल परिवार, सामाजिक पेंशन पाने वाले लाभार्थी, एकल महिलाएं, श्रम विभाग से पंजीकृत श्रमिक, एड्स एवं सिलकोसिस से पीड़ित, ट्रांसजेंडर आदि शामिल हैं. विभाग ने पिछले दिनों एनएफएसए का लाभ गलत तरीके से लेने वाले लाखों लोगों के नाम भी हटाये हैं. इनमें सरकारी कर्मचारी, अपात्र और लंबे समय से गेहूं न लेने वाले लोगों के नाम शामिल हैं. कोरोना काल में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना कारगर साबित हुई थी और लाभार्थियों को निशुल्क अनाज केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराया गया था.