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मुख्यमंत्री सहायता कोष में कोविड- 19 के लिए दिए गए रुपए जमा नहीं कराने से आक्रोशित लोगों ने की जांच की मांग

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Published : May 26, 2020, 5:39 PM IST

जयपुर के बस्सी उपखंड में कोविड- 19 में पीड़ितों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराने के लिए आमजन और विभिन्न संगठनों की ओर से दिए गए रुपयों को मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा नहीं कराने से स्थानीय जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है. इसी कारण बस्सी के जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन दिया और मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की.

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आक्रोशित लोगों ने की जांच की मांग

जयपुर. बस्सी के पूर्व विधायक एवं कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल मीणा के नेतृत्व में बस्सी के जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि बस्सी उपखंड कार्यालय को कोविड- 19 में पीड़ित की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराने के लिए आमजन और विभिन्न संगठनों ने 32 लाख रुपए दिए थे. लेकिन यह रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा नहीं कराए गए. इसके अलावा कई लोगों को ऐसी रसीदें दी गईं, जिन पर कार्यालय अथवा प्राप्तकर्ता की सील पर स्पष्ट हस्ताक्षर भी नहीं थे.

आक्रोशित लोगों ने की जांच की मांग

कई संगठनों से बिना नाम अंकित किए ही चेक लिए गए और 10 लाख रुपए बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के खर्च भी कर दिए गए. कन्हैया लाल मीणा ने कहा कि यह पूरा मामला संदिग्ध दिखाई दे रहा है. इसलिए मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय पर जांच की मांग की गई है. इसके अलावा क्षेत्र की अन्य समस्याएं भी ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री के सामने रखी गयी है. ज्ञापन में बताया गया कि राज्य के चौमूं और जयपुर सहित अनेक मार्गों पर राज्य परिवहन निगम की बसें चलाने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन बस्सी विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा की गई है. मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि जयपुर से सवाई माधोपुर और गंगापुर सिटी की बसें वाया बस्सी, तुंगा, लालसोट चलाने के अलावा जयपुर से बस्सी, संभरिया, तूंगा, बांसखोह, लवाण, बड़वा, पड़ासोली, नकची घाटी से दौसा, दौसा से कोटखावदा, चाकसू और जयपुर से देवगांव, काशीपुरा, कोट खावदा बसों का संचालन किया जाए.

यह भी पढ़ेंः बड़ी राहत: लॉकडाउन में शादी समारोह के लिए अब अनुमति की जरूरत नहीं...SDM को देनी होगी केवल सूचना

ज्ञापन के माध्यम से उपखंड की पानी की समस्या भी मुख्यमंत्री के सामने रखी गई है. बस्सी कस्बे सहित बांसखोह, तूंगा, जटवाड़ा, सांभरिया, देवगांव और कानोता सेक्टर मुख्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों भीषण गर्मी के दौरान पेयजल की भयंकर किल्लत बनी हुई है, जिससे आम जनता त्रस्त है. बस्सी कस्बे में बीसलपुर पानी की सप्लाई अनियमित होने से 40 हजार लोगों को पेयजल की भयंकर किल्लत से दो-चार होना पड़ रहा है. सक्षम अधिकारियों को पेयजल सप्लाई नियमित करने के अलावा टैंकरों से पानी उपलब्ध कराने की मांग भी ज्ञापन में कई गई है.

साथ ही चूरू जिले के राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने, उनके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा राशि और सरकारी नौकरी देने के अलावा उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग भी ज्ञापन में की गई है. इस दौरान उप जिला प्रमुख मोहन लाल शर्मा, जिला महामंत्री बाबूलाल मीणा, एसटी मोर्चा अध्यक्ष सरवन लाल मीणा, मंडल अध्यक्ष राकेश खंडेलवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष गेंदीलाल मीणा, तूंगा मंडल अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह, सुधीर शर्मा, सुधीर चौधरी आदि मौजूद रहे.

जयपुर. बस्सी के पूर्व विधायक एवं कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल मीणा के नेतृत्व में बस्सी के जनप्रतिनिधियों ने जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि बस्सी उपखंड कार्यालय को कोविड- 19 में पीड़ित की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराने के लिए आमजन और विभिन्न संगठनों ने 32 लाख रुपए दिए थे. लेकिन यह रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा नहीं कराए गए. इसके अलावा कई लोगों को ऐसी रसीदें दी गईं, जिन पर कार्यालय अथवा प्राप्तकर्ता की सील पर स्पष्ट हस्ताक्षर भी नहीं थे.

आक्रोशित लोगों ने की जांच की मांग

कई संगठनों से बिना नाम अंकित किए ही चेक लिए गए और 10 लाख रुपए बिना किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के खर्च भी कर दिए गए. कन्हैया लाल मीणा ने कहा कि यह पूरा मामला संदिग्ध दिखाई दे रहा है. इसलिए मुख्यमंत्री से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय पर जांच की मांग की गई है. इसके अलावा क्षेत्र की अन्य समस्याएं भी ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री के सामने रखी गयी है. ज्ञापन में बताया गया कि राज्य के चौमूं और जयपुर सहित अनेक मार्गों पर राज्य परिवहन निगम की बसें चलाने की अनुमति दे दी गई है. लेकिन बस्सी विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा की गई है. मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि जयपुर से सवाई माधोपुर और गंगापुर सिटी की बसें वाया बस्सी, तुंगा, लालसोट चलाने के अलावा जयपुर से बस्सी, संभरिया, तूंगा, बांसखोह, लवाण, बड़वा, पड़ासोली, नकची घाटी से दौसा, दौसा से कोटखावदा, चाकसू और जयपुर से देवगांव, काशीपुरा, कोट खावदा बसों का संचालन किया जाए.

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ज्ञापन के माध्यम से उपखंड की पानी की समस्या भी मुख्यमंत्री के सामने रखी गई है. बस्सी कस्बे सहित बांसखोह, तूंगा, जटवाड़ा, सांभरिया, देवगांव और कानोता सेक्टर मुख्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों भीषण गर्मी के दौरान पेयजल की भयंकर किल्लत बनी हुई है, जिससे आम जनता त्रस्त है. बस्सी कस्बे में बीसलपुर पानी की सप्लाई अनियमित होने से 40 हजार लोगों को पेयजल की भयंकर किल्लत से दो-चार होना पड़ रहा है. सक्षम अधिकारियों को पेयजल सप्लाई नियमित करने के अलावा टैंकरों से पानी उपलब्ध कराने की मांग भी ज्ञापन में कई गई है.

साथ ही चूरू जिले के राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई की आत्महत्या प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने, उनके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा राशि और सरकारी नौकरी देने के अलावा उन्हें शहीद का दर्जा देने की मांग भी ज्ञापन में की गई है. इस दौरान उप जिला प्रमुख मोहन लाल शर्मा, जिला महामंत्री बाबूलाल मीणा, एसटी मोर्चा अध्यक्ष सरवन लाल मीणा, मंडल अध्यक्ष राकेश खंडेलवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष गेंदीलाल मीणा, तूंगा मंडल अध्यक्ष शिवप्रताप सिंह, सुधीर शर्मा, सुधीर चौधरी आदि मौजूद रहे.

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