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मुख्यमंत्री पर लगाया सौतेले व्यवहार का आरोप, मानदेय नहीं बढ़ाने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

राजस्थान आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया. साथ ही प्रदर्शन भी किया. उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास में 5 तरह की महिलाएं काम करती हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने 3 महिला कार्यकर्ताओं का तो मानदेय बढ़ा दिया जबकि दो के साथ अन्याय किया है.

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Published : Jul 18, 2019, 8:34 AM IST

मानदेय नहीं बढ़ाने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी

जयपुर. राजस्थान में इन दिनों विधानसभा चल रही है और अलग-अलग संगठन अपनी मांगे मनवाने के लिए विधानसभा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. राजस्थान आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुधवार को 22 गोदाम स्थित मैदान पर जमा हुई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय 6,000 से बढ़ाकर 7,500 रुपये, मिनी कार्यकर्ता का मानदेय 4,500 से बढ़ाकर 5,750 रुपये और सहायिका के 3,500 रुपये से बढ़ाकर 4,250 कर दिया, लेकिन आशा सहयोगिनी और ग्राम साथिन का मानदेय नहीं बढ़ाया. इस तरह सीएम अशोक गहलोत ने तीन के साथ न्याय करके दो के साथ अन्याय किया है. जबकि ये महिला कार्यकर्ता बराबर काम करती है.

महिलाओं ने कहा कि आशा सहयोगिनी को 2,500 रुपये और ग्राम साथिनों को 3,300 रुपये मिलते हैं जबकि इस महंगाई में इतने से रुपयों में घर चलाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सौतेला व्यवहार किया है. संघ की प्रदेश अध्यक्ष शाहिदा खान ने बताया कि हमने अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिया, लेकिन मुख्यमंत्री हमारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

शाहिदा खान ने बताया कि 2016 में हमने आंदोलन किया था तब उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हमारे पास आए थे. उन्होंने कहा था कि जब हमारी सरकार आएगी तो हम आपको स्थाई करेंगे यदि स्थाई नहीं कर पाए तो18,000 रुपये मानदेय देंगे. लेकिन सरकार आने के बाद भी अभी तक हमारा मानदेय नहीं बढ़ाया गया है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले ग्राम साथियों के मानदेय में 200 रुपये की बढ़ोतरी की थी. यह बात सुनकर आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता आक्रोशित हो गई. शाहिदा खान ने कहा जितना मानदेय अन्य महिला कार्यकर्ताओं का बढ़ाया गया है इन महिला कार्यकर्ताओं का भी उतना ही मानदेय बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा यदि हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और रास्ता जाम करेंगे.

जयपुर. राजस्थान में इन दिनों विधानसभा चल रही है और अलग-अलग संगठन अपनी मांगे मनवाने के लिए विधानसभा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. राजस्थान आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बुधवार को 22 गोदाम स्थित मैदान पर जमा हुई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय 6,000 से बढ़ाकर 7,500 रुपये, मिनी कार्यकर्ता का मानदेय 4,500 से बढ़ाकर 5,750 रुपये और सहायिका के 3,500 रुपये से बढ़ाकर 4,250 कर दिया, लेकिन आशा सहयोगिनी और ग्राम साथिन का मानदेय नहीं बढ़ाया. इस तरह सीएम अशोक गहलोत ने तीन के साथ न्याय करके दो के साथ अन्याय किया है. जबकि ये महिला कार्यकर्ता बराबर काम करती है.

महिलाओं ने कहा कि आशा सहयोगिनी को 2,500 रुपये और ग्राम साथिनों को 3,300 रुपये मिलते हैं जबकि इस महंगाई में इतने से रुपयों में घर चलाना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सौतेला व्यवहार किया है. संघ की प्रदेश अध्यक्ष शाहिदा खान ने बताया कि हमने अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिया, लेकिन मुख्यमंत्री हमारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

शाहिदा खान ने बताया कि 2016 में हमने आंदोलन किया था तब उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हमारे पास आए थे. उन्होंने कहा था कि जब हमारी सरकार आएगी तो हम आपको स्थाई करेंगे यदि स्थाई नहीं कर पाए तो18,000 रुपये मानदेय देंगे. लेकिन सरकार आने के बाद भी अभी तक हमारा मानदेय नहीं बढ़ाया गया है.

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले ग्राम साथियों के मानदेय में 200 रुपये की बढ़ोतरी की थी. यह बात सुनकर आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता आक्रोशित हो गई. शाहिदा खान ने कहा जितना मानदेय अन्य महिला कार्यकर्ताओं का बढ़ाया गया है इन महिला कार्यकर्ताओं का भी उतना ही मानदेय बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा यदि हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और रास्ता जाम करेंगे.

Intro:जयपुर। प्रदेश में इन दिनों विधानसभा चल रही है और अलग-अलग संगठन अपनी मांगे मनवाने के लिए विधानसभा पर प्रदर्शन कर रहे हैं। राजस्थान आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास में 5 तरह की महिलाएं काम करती है लेकिन मुख्यमंत्री ने 3 महिला कार्यकर्ताओं का तो मानदेय बढ़ा दिया जबकि दो के साथ अन्याय कर दिया।


Body:राजस्थान आंगनवाड़ी महिला कर्मचारी संघ के बैनर तले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 22 गोदाम स्थित मैदान पर जमा हुई और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मानदेय 6000 से बढ़ाकर 7500 रुपये, मिनी कार्यकर्ता का मानदेय 4500 से बढ़ाकर 5750 रुपये और सहायिका के 3500 रुपये से बढ़ाकर 4250 कर दिया, लेकिन आशा सहयोगिनी और ग्राम साथिन का मानदेय नहीं बढ़ाया। इस तरह सीएम अशोक गहलोत ने तीन के साथ न्याय करके दो के साथ अन्याय कर दिया। जबकि ये महिला कार्यकर्ता बराबर काम करती है। महिलाओं ने कहा कि आशा सहयोगिनी को 2500 और ग्राम साथिनों को 3300 रुपये मिलते हैं जबकि इस महंगाई में इतने से रुपयों में घर खर्च चलाना बहुत मुश्किल है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सौतेला व्यवहार किया है। संघ की प्रदेश अध्यक्ष शाहिदा खान ने बताया कि हमने अपनी मांगों को लेकर कई बार ज्ञापन भी दिया लेकिन मुख्यमंत्री हमारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं उन्होंने कहा यदि हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम उग्र आंदोलन करेंगे और रास्ता जाम करेंगे।


Conclusion:शाहिदा खान ने बताया कि 2016 में हमने आंदोलन किया था तब उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हमारे पास आए थे और उन्होंने कहा था कि जब हमारी सरकार आएगी तो हम आपको स्थाई करेंगे यदि स्थाई नही कर पाए तो.18000 रुपये मानदेय देंगे। लेकिन सरकार आने के बाद भी अभी तक हमारा मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले ग्राम साथियों के मानदेय में 200 रुपये की बढ़ोतरी की थी। यह बात सुनकर आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता आक्रोशित हो गई उन्होंने कहा कि इस महंगाई के जमाने में 200 रुपये से क्या होता है हमें 200 रुपये बढ़ा हुआ मानदेय नहीं चाहिए। शाहिदा खान ने कहा जितना मानदेय अन्य महिला कार्यकर्ताओं का बढ़ाया गया है इन महिला कार्यकर्ताओं का भी उतना ही मानदेय बढ़ाया जाए।

bite प्रदेश अध्यक्ष शाहिदा खान
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