जयपुर. राजस्थान के जाट समाज ने सोशल मीडिया पर जाट मुख्यमंत्री की मांग को लेकर मुहिम शुरू कर दी है. इन हालात के बीच जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने भी कहा कि राजस्थान में 75 साल से जाट समाज को मुखिया बनने का इंतजार है (Rajasthan Jaat CM Demand). ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि अशोक गहलोत समाज की इस मांग को आलाकमान के सामने रखेंगे और जाट समाज भी कांग्रेस को 1 साल बाद होने वाले चुनाव में साथ देकर जीत का सेहरा बांधने में भागीदार बनेगा.
वैभव गहलोत की जीत का करेंगे प्रयास: जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि अगर अशोक गहलोत जाट समाज को बतौर मुख्यमंत्री राजस्थान में पेश करने के लिए दिल्ली में पैरवी करेंगे ,तो वो आने वाले चुनाव में जोधपुर से वैभव गहलोत की जीत का पूरा प्रयास करेंगे (Jaat Leader On Vaibhav Gehlot). ईटीवी भारत के सवाल पर राजाराम मील ने कहा कि जाट समाज एकजुट होकर वैभव की जीत का प्रयास करेगा, क्योंकि ये बेहतर अवसर होगा जब दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अशोक गहलोत काबिज होंगे और राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री होगा.
संकट में खड़ा रहा जाट: राजाराम मील ने कहा कि जब सरकार संकट में थी, तो राजस्थान के जाट विधायकों ने सरकार को बचाने में अहम भूमिका निभाई थी. वो दौर सबको याद है जब कैसे राजस्थान में 1 महीने के लिए सरकार होटल के कमरों में कैद हो चुकी थी. बीते हुए कल की घटनाओं को देखते हुए उन्हें उम्मीद है कि अशोक गहलोत इस बात को याद रखेंगे और मौजूदा वक्त में बतौर मुख्यमंत्री जाट समाज की पैरवी करने में पीछे नहीं रहेंगे.
हालांकि जाट समाज से किसी नाम को लेकर राजाराम मील ने कहा कि वो सिर्फ समाज की बात कर रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि अगर मुख्यमंत्री के तौर पर राजस्थान में जाट चेहरा आगे किया जाता है, तो कांग्रेस की सरकार रिपीट कर सकती है.
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'पायलट का समर्पण याद रखा जाएगा': राजाराम मील से जब पूछा गया कि क्या सचिन पायलट के लिए भी उनका समर्थन होगा? तो उन्होंने कहा कि समर्पण का ख्याल हमेशा रखा जाएगा. राजस्थान में किस तरह से सरकार टूटते हुए बची है ,इस बात को भूला नहीं जा सकता. उन्होंने ये भी कहा कि समाज को जाट चेहरे से ही सरोकार है, राजाराम मील ने सोनिया गांधी से भी अपील की है कि वे राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री के चेहरे पर ही मोहर लगाएं.
गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चेहरे के साथ ही राजस्थान में मुख्यमंत्री के फेस को लेकर तेज हुए चर्चाओं के दौर के बीच का दिल्ली में सरगर्मियां बढ़ चुकी हैं. सोशल मीडिया पर भी समर्थक अपने-अपने नेता को बतौर मुख्यमंत्री देखने के लिए मुहिम चला रहे हैं.