जयपुर. अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन राजस्थान राज्य कमेटी की मीटिंग जयपुर में (All India Khet Mazdoor Union meeting in Jaipur) हुई. जिसमें प्रदेश के कार्यकारिणी सदस्य मौजूद रहे. यूनियन के सचिव एवं पूर्व विधायक पवन दुग्गल ने बताया कि यूनियन की ओर से जनवरी महीने में प्रदेश में सदस्यता अभियान चला जाएगा.
साथ ही नरेगा मजदूरों के लिए जन आंदोलन (Movement for NREGA workers) किया जाएगा, जिसमे नरेगा मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी 600 रुपये देने की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि दिहाड़ी मजदूरों को 600 रुपये प्रतिदिन दिया जाए, इसलिए नरेगा मजदूरों को भी 600 रुपये प्रतिदिन मजदूरी (Demand for raising NREGA wages to Rs 600) मिलनी चाहिए. ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा का काम पूरी तरह से ठप पड़ा है और मजदूरों को समय पर भुगतान भी नहीं मिल रहा. उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश अध्यक्ष राम रतन बागड़िया ने बताया कि सरकार ने बजट में नरेगा मजदूरों की मजदूरी में मात्र एक रुपये की बढ़ोतरी की है और उनकी मजदूरी 220 से बढ़ाकर 221 रुपये की गई है. केंद्र सरकार ने नरेगा का बजट भी एक लाख 11 हजार करोड़ से कम कर 73 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है और इसका असर राजस्थान के नरेगा मजदूरों पर भी पड़ा है. कार्यस्थल पर उन्हें कम मजदूरी दी जा रही है.
रामरतन बगड़िया ने कहा कि नरेगा मजदूरों को 600 रुपये मजदूरी कराने के लिए सरपंच मुख्यालय और जिला परिषदों पर प्रदर्शन किया जाएगा. हमारी मांग है कि नरेगा मजदूरों को 250 दिन काम मिले. उन्होंने कहा कि कोविड के समय अधिकतर मजदूरों शहर से प्लान कर गांव आ गए थे और नरेगा उन्हें जीने का सहारा दिया.