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21 जिलों में सभी जिला प्रमुख साक्षर, 50 प्रतिशत डिग्री धारी, 222 प्रधानों में 220 साक्षर

प्रदेश में भले ही जिला प्रमुख और प्रधान बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य ने हो, लेकिन 21 जिलों में सभी जिला प्रमुख साक्षर हैं. इनमें से 50 प्रतिशत डिग्री धारी हैं, तो 222 प्रधानों में 220 प्रधान पढ़े लिखे हैं. केवल दो प्रधान निरक्षर हैं. 74 प्रधान डिग्री धारी हैं.

Rajasthan Zilla Parishad head, Rajasthan Panchayat Election 2020
21 जिलों में सभी जिला प्रमुख साक्षर
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Published : Dec 12, 2020, 1:31 AM IST

जयपुर. राजस्थान में 21 जिलों के जिला प्रमुख और प्रधान कौन होंगे, यह साफ हो चुका है. इन चुनावों की खास बात यह है कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के साथ ही भाजपा के उस नियम को बदला था, जिसके अनुसार अब चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नहीं होगी और बिना पढ़े लिखे नेता भी चुनाव लड़ सकेंगे. नियम को बदलने के बावजूद भी सुखद पहलू यह रहा कि कि प्रदेश में चुने गए सभी 21 जिला प्रमुख साक्षर हैं और इससे भी सुखद बात यह है कि 21 में से 11 जिला प्रमुख तो स्नातक स्नाकोत्तर, प्रोफेशनल या पीएचडी डिग्री धारी हैं.

इसका मतलब यह है कि इस बार गांव की सरकार के मुखिया जिला प्रमुख 100 प्रतिशत साक्षर हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा जिला प्रमुख तो स्नातक या उससे भी ज्यादा पढ़े लिखे हैं. प्रदेश के जिला प्रमुखों की बात करें तो 25 में से 11 जिला प्रमुख डिग्री धारी हैं. तीन जिला प्रमुख 12वीं पास हैं, तीन जिला प्रमुख दसवीं पास हैं, एक जिला प्रमुख आठवीं पास है तो तीन जिला प्रमुख साक्षर हैं.

21 जिलों के 222 प्रधानों में से 74 प्रधान बने डिग्री धारी, 222 में से केवल 2 प्रधान अशिक्षित

जिला प्रमुख ही नहीं प्रदेश में 21 जिले के 222 प्रधान भी पढ़े लिखे हैं. महज दो प्रधान ऐसे हैं, जो अशिक्षित हैं. 21 जिलों के 222 प्रधानों में से 74 प्रधान स्नातक, स्नातकोत्तर या प्रोफेशनल डिग्री धारी हैं. इसी तरह 45 प्रधान 12वीं पास, 25 प्रधान दसवीं पास, 14 प्रधान आठवीं पास, 62 प्रधान साक्षर और केवल 2 प्रधान ऐसे हैं, जो अशिक्षित हैं, जिनमें एक सायला पंचायत समिति की प्रधान धोमी और दूसरी पाली की सोजत पंचायत समिति की प्रधान धोबली हैं. दोनों ही भाजपा से प्रधान हैं.

जयपुर. राजस्थान में 21 जिलों के जिला प्रमुख और प्रधान कौन होंगे, यह साफ हो चुका है. इन चुनावों की खास बात यह है कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनने के साथ ही भाजपा के उस नियम को बदला था, जिसके अनुसार अब चुनाव लड़ने के लिए शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य नहीं होगी और बिना पढ़े लिखे नेता भी चुनाव लड़ सकेंगे. नियम को बदलने के बावजूद भी सुखद पहलू यह रहा कि कि प्रदेश में चुने गए सभी 21 जिला प्रमुख साक्षर हैं और इससे भी सुखद बात यह है कि 21 में से 11 जिला प्रमुख तो स्नातक स्नाकोत्तर, प्रोफेशनल या पीएचडी डिग्री धारी हैं.

इसका मतलब यह है कि इस बार गांव की सरकार के मुखिया जिला प्रमुख 100 प्रतिशत साक्षर हैं, जिनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा जिला प्रमुख तो स्नातक या उससे भी ज्यादा पढ़े लिखे हैं. प्रदेश के जिला प्रमुखों की बात करें तो 25 में से 11 जिला प्रमुख डिग्री धारी हैं. तीन जिला प्रमुख 12वीं पास हैं, तीन जिला प्रमुख दसवीं पास हैं, एक जिला प्रमुख आठवीं पास है तो तीन जिला प्रमुख साक्षर हैं.

21 जिलों के 222 प्रधानों में से 74 प्रधान बने डिग्री धारी, 222 में से केवल 2 प्रधान अशिक्षित

जिला प्रमुख ही नहीं प्रदेश में 21 जिले के 222 प्रधान भी पढ़े लिखे हैं. महज दो प्रधान ऐसे हैं, जो अशिक्षित हैं. 21 जिलों के 222 प्रधानों में से 74 प्रधान स्नातक, स्नातकोत्तर या प्रोफेशनल डिग्री धारी हैं. इसी तरह 45 प्रधान 12वीं पास, 25 प्रधान दसवीं पास, 14 प्रधान आठवीं पास, 62 प्रधान साक्षर और केवल 2 प्रधान ऐसे हैं, जो अशिक्षित हैं, जिनमें एक सायला पंचायत समिति की प्रधान धोमी और दूसरी पाली की सोजत पंचायत समिति की प्रधान धोबली हैं. दोनों ही भाजपा से प्रधान हैं.

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