जयपुर. साढ़े 5 महीने बाद धार्मिक स्थल खुलने पर पहली बार मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई. इस दौरान अकीदतमंदों की संख्या में बेहद कमी भी देखी गई. सरकार के निर्देश के बाद 7 सितंबर को धार्मिक स्थल पहली बार खुले. इस दौरान कोविड 19 की गाइडलाइन का पूरी तरह से नमाजियों ने पालन किया.
जयपुर शहर की बात की जाए, तो 7 सितंबर को धार्मिक स्थल खोले जा चुके हैं. हालांकि कुछ बड़े धार्मिक स्थल अभी भी बंद हैं. मस्जिदों में शुक्रवार को जुमे की नमाज बेहद खास रही. अकीदतमंद काफी लंबे समय बाद खुदा के सामने दुआएं मांगने पहुंचे. जौहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में शुक्रवार को जुमे की नमाज में हजारों लोग नमाज पढ़ने आते थे, लेकिन पहले जैसा नजारा शुक्रवार को देखने को नहीं मिला. पहली बार उम्मीद से कम लोग नमाज पढ़ने पहुंचे. ऐसा ही नजारा चार दरवाजा स्थित हजरत मौलाना साहब की दरगाह में भी दिखाई दिया.
दरगाह के नायब सज्जादा नशीन अजीजुद्दीन ने बताया कि सामाजिक दूरी की पालना के साथ अकीदतमंदों ने नमाज अदा की. मास्क पहने हुए अकीदतमंदों को ही मस्जिदों में प्रवेश दिया गया. जोहरी बाजार स्थित जामा मस्जिद में पहले नमाजियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई. उसके बाद ही तमाम लोगों को मस्जिद में प्रवेश दिया गया. जामा मस्जिद के पदाधिकारी भी प्रवेश द्वार पर मौजूद रहे और आने वाले अकीदतमंदों से कोविड-19 गाइडलाइन की पूरी पालना कराने का आग्रह करते रहे. जामा मस्जिद में कोविड-19 की जागरूकता के लिए बैनर भी लगाए गए. साथ ही नमाजियों से वुजू घर पर ही करने की अपील की गई.
3500 नमाजियों की लगती थी भीड़
मार्च में लॉकडाउन से पहले नमाज पढ़ने के लिए साढ़े तीन हजार से ज्यादा अकीदतमंद पहुंचते थे, लेकिन कोरोना के कारण शुक्रवार को 600 नमाजी ही नमाज पढ़ने के लिए आए. दोपहर 1 बजे अजान हुई.1:15 बजे मुफ़्ती अमजद अली ने खुतबा पढ़ा. इसके बाद 1:30 बजे नमाज अदा की गई. नमाजियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना की गई और कारपेट की जगह फर्श पर ही नमाज अदा की गई.