जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अलवर के अकबर उर्फ रकबर मॉब लिंचिंग प्रकरण में जांच अधिकारी को केस डायरी सहित 16 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए हैं. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी धर्मेंद्र और विजय कुमार की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने दोनों आरोपियों के खिलाफ लंबित आपराधिक प्रकरणों की जानकारी भी पेश करने को कहा है.
जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में मौके से गिरफ्तार किए गए आरोपी परमजीत सिंह को हाईकोर्ट पूर्व में जमानत दे चुका है. अभियोजन पक्ष के पास न तो प्रकरण का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह है और ना ही याचिकाकर्ताओं को लेकर कोई साक्ष्य मौजूद है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए.
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जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील शेर सिंह महिला ने कहा कि आरोपी परमजीत सिंह की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश हो चुकी है. मामला कथित गौरक्षा के नाम पर हत्या करने का है. वहीं ट्रायल कोर्ट में अभियोजन पक्ष के कुल 48 गवाहों में से 46 गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं. ऐसे में आरोपियों को जमानत का लाभ नहीं दिया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए जांच अधिकारी को केस डायरी पेश करने के आदेश दिए हैं.
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अभियोजन पक्ष के अनुसार 20 जुलाई 2018 की देर रात अलवर की रामगढ़ थाना पुलिस को गौ तस्करी की सूचना मिली थी. मौके पर जाने पर पुलिस को देखकर कुछ लोग भागने लगे. वहीं धर्मेंद्र और परमजीत सिंह दो गायों को लेकर खड़े मिले.
इसके अलावा पास ही घायल अवस्था में अकबर उर्फ रकबर मिला, जिसने बताया कि वह लाडपुर से गाय खरीद कर अपने गांव हरियाणा ले जा रहा था. रास्ते में आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की. इस दौरान उसका साथी असलम भाग गया. इस पर पुलिस अकबर को अस्पताल ले गई, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.