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प्रदूषण को लेकर जयपुर में बुरे संकेत...2020 में पहली बार AQI पहुंचा 275 पर, दूसरे शहरों में भी बिगड़ रहे हालात - जयपुर एयर क्वालिटी इंडेक्स

राजधानी जयपुर में 31 अक्टूबर को पहली बार एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 275 तक पहुंच गया. जिसके बाद शहर को ऑरेंज कैटेगरी दी गई है. ऑनलाइन मॉनिटरिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले जयपुर का प्रदूषण स्तर इस साल सबसे पहले 1 जनवरी को 248 रहा था.

जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 275, pollution Increased in Jaipur
जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 275
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Published : Nov 2, 2020, 9:20 PM IST

जयपुर. सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कई इलाकों में अल सुबह हल्का कोहरा देखने को मिल रहा है. जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 31 अक्टूबर को राजधानी में 275 तक पहुंच गया है. जिसके बाद शहर को ऑरेंज कैटेगरी दी गई है.

जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 275

ऐसा 2020 में पहली बार हुआ है, जब एक क्वालिटी इंडेक्स 275 तक पहुंचा हो. साथ ही इसने पिंक सिटी को भविष्य के लिए रेड अलर्ट भी दे दिया है. अगर ऐसे ही लगातार प्रदूषण बढ़ा तो राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 300 होने पर शहर को रेड केटेगरी में भी शामिल कर दिया जाएगा. यह जयपुर के लिए एक बेहद चिंताजनक श्रेणी है.

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सामान्यत ग्रीन येलो केटेगरी में रहने वाला जयपुर में 31 अक्टूबर को तीसरी बार और पूरे साल में आठवीं बार ऑरेंज कैटेगरी में एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा है, लेकिन इस बार प्रदूषण का स्तर पहली बार 250 को पार करा है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले जयपुर का प्रदूषण स्तर इस साल सबसे पहले 1 जनवरी को 248 रहा था.

31 अक्टूबर को यह सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 275 के स्तर को छू गया. अक्टूबर की बात करें तो 27 और 30 अक्टूबर को राजधानी जयपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 225 को पार करके ऑरेंज कैटेगरी में पहुंचा था. विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण के इस स्तर पर आने से दमा के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है.

दूसरे शहरों में भी धीरे-धीरे बिगड़ रहे हालात

जयपुर के अलावा दूसरे शहरों की बात करें, तो वहां पर भी अब हालात बिगड़ते जा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे तक बना हुआ था. अब ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ता जा रहा है. जोधपुर का एयरपोर्ट इंडेक्स 240 है. इसके अलावा अजमेर में 134, अलवर 144, पाली 108 और उदयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 110 तक दर्ज किया गया है. अलवर जिले का शहर जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है, वह प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा 378 रहा है.

पढे़ंः लोढ़ा का केंद्र सरकार पर जुबानी हमला, कहा- अब किसान का खेत बेचने पर भी आमादा हो गए...

जानिए कैसे तय की जाती है कैटेगरी

एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 तक रहने पर शहर को ग्रीन कैटेगरी में जगह दी जाती है. 100 से 200 के बीच में यह कैटेगरी येलो अलर्ट में चली जाती है. वहीं 200 से 300 के बीच ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है और 300 से ज्यादा लेवल पहुंचने पर शहर को रेड कैटेगरी में रख दिया जाता है.

जानिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)

बता दें कि वायु की गुणवत्ता मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाए गए हैं. ये इंडेक्स देश में वायु की गुणवत्ता को मापते हैं और बताते हैं कि वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है या नहीं.ऐसे में अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच 'अच्छा' माना गया है, 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'सामान्य', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

जयपुर. सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कई इलाकों में अल सुबह हल्का कोहरा देखने को मिल रहा है. जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 31 अक्टूबर को राजधानी में 275 तक पहुंच गया है. जिसके बाद शहर को ऑरेंज कैटेगरी दी गई है.

जयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 275

ऐसा 2020 में पहली बार हुआ है, जब एक क्वालिटी इंडेक्स 275 तक पहुंचा हो. साथ ही इसने पिंक सिटी को भविष्य के लिए रेड अलर्ट भी दे दिया है. अगर ऐसे ही लगातार प्रदूषण बढ़ा तो राजधानी का एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल 300 होने पर शहर को रेड केटेगरी में भी शामिल कर दिया जाएगा. यह जयपुर के लिए एक बेहद चिंताजनक श्रेणी है.

पढे़ंः पटाखों की तरह बकरा काटने पर भी लगे प्रतिबंध, उससे भी होता है प्रदूषण: मदन दिलावर

सामान्यत ग्रीन येलो केटेगरी में रहने वाला जयपुर में 31 अक्टूबर को तीसरी बार और पूरे साल में आठवीं बार ऑरेंज कैटेगरी में एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा है, लेकिन इस बार प्रदूषण का स्तर पहली बार 250 को पार करा है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले जयपुर का प्रदूषण स्तर इस साल सबसे पहले 1 जनवरी को 248 रहा था.

31 अक्टूबर को यह सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 275 के स्तर को छू गया. अक्टूबर की बात करें तो 27 और 30 अक्टूबर को राजधानी जयपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 225 को पार करके ऑरेंज कैटेगरी में पहुंचा था. विशेषज्ञों की मानें तो प्रदूषण के इस स्तर पर आने से दमा के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है.

दूसरे शहरों में भी धीरे-धीरे बिगड़ रहे हालात

जयपुर के अलावा दूसरे शहरों की बात करें, तो वहां पर भी अब हालात बिगड़ते जा रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे तक बना हुआ था. अब ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ता जा रहा है. जोधपुर का एयरपोर्ट इंडेक्स 240 है. इसके अलावा अजमेर में 134, अलवर 144, पाली 108 और उदयपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 110 तक दर्ज किया गया है. अलवर जिले का शहर जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आता है, वह प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा 378 रहा है.

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जानिए कैसे तय की जाती है कैटेगरी

एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 तक रहने पर शहर को ग्रीन कैटेगरी में जगह दी जाती है. 100 से 200 के बीच में यह कैटेगरी येलो अलर्ट में चली जाती है. वहीं 200 से 300 के बीच ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता है और 300 से ज्यादा लेवल पहुंचने पर शहर को रेड कैटेगरी में रख दिया जाता है.

जानिए एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)

बता दें कि वायु की गुणवत्ता मापने के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाए गए हैं. ये इंडेक्स देश में वायु की गुणवत्ता को मापते हैं और बताते हैं कि वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक है या नहीं.ऐसे में अगर एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को 0-50 के बीच 'अच्छा' माना गया है, 51-100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'सामान्य', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' माना जाता है.

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