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राजस्थान में फरवरी के महीने में सुधरा हवा का स्तर, लेकिन अभी भी बेहतर नहीं

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Published : Mar 3, 2021, 6:17 PM IST

जयपुर में वायु प्रदूषण पिछले साल कई बार रेड जोन तक जा पहुंच गया था. लेकिन, बुधवार को जयपुर में प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में कम दर्ज किया गया. हालांकि, अभी भी हवा सांस लेने लायक बेहतर नहीं हुई है.

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राजस्थान में सुधरा हवा का स्तर

जयपुर. 21 वीं सदी में वायु प्रदूषण देश की सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरा है. ये मानव जीवन के लिए बेहद हानिकारक है. राजधानी जयपुर में वायु प्रदूषण पिछले साल कई बार रेड जोन तक जा पहुंच गया था. लेकिन, बुधवार को राजधानी जयपुर में प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में कम दर्ज किया गया. वहीं, फरवरी के महीने में प्रदेश में पहली की तुलना में हवा की सेहत में सुधार हुआ है. हालांकि, अभी भी हवा सांस लेने लायक बेहतर नहीं हुई है.

पढ़ें: जयपुर: श्रवण दिवस पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन, चिकित्सा मंत्री ने बयां की हकीकत

जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर और अलवर में अभी भी प्रदूषण है. इस महीने जोधपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 220 के नजदीक तक दर्ज किया गया है. वहीं, हवा खराब होने के बावजूद दिसंबर और जनवरी की प्रदूषित हवा से आमजन को राहत भी मिली है.

पढ़ें: स्पेशल: मित्र कीट और फफूंद से खेतों में हो रहा कीटों का सफाया, जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा

बता दें कि बीते 2 महीने के दौरान एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 350 के आस-पास तक चला गया था. लेकिन, फरवरी में सर्दी का असर कम होने लगा. साथ ही कोहरा कम होने के चलते भी हवा में धूल कण और जल वाष्प नहीं जमा. इसके साथ ही हवा में पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा कम होने के कारण हवा अपेक्षाकृत कम प्रदूषित हुई. इस दौरान बादलों की आवाजाही जरूरी होती रही, लेकिन अभी भी हवा कि जो गुणवत्ता है, वो खराब है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों को देखा जाए तो ज्यादातर शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के ऊपर ही बना हुआ है, जबकि शुद्ध हवा के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे होना जरूरी होता है.

ऐसे समझे वायु प्रदूषण का खतरा

एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रभाव

0 से 50 हवा की गुणवत्ता अच्छी
50 से 100 हवा की गुणवत्ता ठीक
101 से 200 हवा की गुणवत्ता में कमी
201 से 300 हवा की गुणवत्ता खराब
301 से 400 सांस रोग का खतरा

प्रदेश में प्रदूषण का स्तर

जिला स्तर
जोधपुर 319
कोटा 115
जयपुर 162
अजमेर 158
उदयपुर 188
भिवाड़ी 190
हनुमानगढ़ 129
भरतपुर 140

जयपुर. 21 वीं सदी में वायु प्रदूषण देश की सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरा है. ये मानव जीवन के लिए बेहद हानिकारक है. राजधानी जयपुर में वायु प्रदूषण पिछले साल कई बार रेड जोन तक जा पहुंच गया था. लेकिन, बुधवार को राजधानी जयपुर में प्रदूषण का स्तर पहले की तुलना में कम दर्ज किया गया. वहीं, फरवरी के महीने में प्रदेश में पहली की तुलना में हवा की सेहत में सुधार हुआ है. हालांकि, अभी भी हवा सांस लेने लायक बेहतर नहीं हुई है.

पढ़ें: जयपुर: श्रवण दिवस पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन, चिकित्सा मंत्री ने बयां की हकीकत

जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, उदयपुर और अलवर में अभी भी प्रदूषण है. इस महीने जोधपुर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 220 के नजदीक तक दर्ज किया गया है. वहीं, हवा खराब होने के बावजूद दिसंबर और जनवरी की प्रदूषित हवा से आमजन को राहत भी मिली है.

पढ़ें: स्पेशल: मित्र कीट और फफूंद से खेतों में हो रहा कीटों का सफाया, जैविक खेती को मिल रहा बढ़ावा

बता दें कि बीते 2 महीने के दौरान एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 350 के आस-पास तक चला गया था. लेकिन, फरवरी में सर्दी का असर कम होने लगा. साथ ही कोहरा कम होने के चलते भी हवा में धूल कण और जल वाष्प नहीं जमा. इसके साथ ही हवा में पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा कम होने के कारण हवा अपेक्षाकृत कम प्रदूषित हुई. इस दौरान बादलों की आवाजाही जरूरी होती रही, लेकिन अभी भी हवा कि जो गुणवत्ता है, वो खराब है. प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आंकड़ों को देखा जाए तो ज्यादातर शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 के ऊपर ही बना हुआ है, जबकि शुद्ध हवा के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 के नीचे होना जरूरी होता है.

ऐसे समझे वायु प्रदूषण का खतरा

एयर क्वालिटी इंडेक्स प्रभाव

0 से 50 हवा की गुणवत्ता अच्छी
50 से 100 हवा की गुणवत्ता ठीक
101 से 200 हवा की गुणवत्ता में कमी
201 से 300 हवा की गुणवत्ता खराब
301 से 400 सांस रोग का खतरा

प्रदेश में प्रदूषण का स्तर

जिला स्तर
जोधपुर 319
कोटा 115
जयपुर 162
अजमेर 158
उदयपुर 188
भिवाड़ी 190
हनुमानगढ़ 129
भरतपुर 140

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