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AIMIM की राजस्थान में एंट्री: मुस्लिम बहुल सीटों पर ओवैसी बिगाड़ सकते हैं खेल...40 सीटों पर बिगड़ सकता है कांग्रेस का समीकरण

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी कांग्रेस में असंतुष्ट मुस्लिम नेताओं को अपनी पार्टी में एंट्री देकर राजस्थान में मुस्लिम वोट बैंक पर सेंध लगा सकते हैं. हालांकि, ओवैसी की राजस्थान में एंट्री पर कांग्रेस ने ओवैसी की सियासी धार कुंद करने की रणनीति पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है.

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AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी
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Published : Nov 16, 2021, 2:53 PM IST

Updated : Nov 16, 2021, 8:56 PM IST

जयपुर. यूपी और बिहार के बाद राजस्थान में AIMIM की एंट्री की AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने भले ही घोषणा कर दी हो लेकिन ओवैसी को अपने राजस्थान के 2 दौरों में बड़ा समर्थन नहीं मिला है.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी बीते 2 महीनों में 2 बार राजस्थान की राजधानी जयपुर का दौरा कर चुके हैं. ओवैसी की पार्टी अगर राजस्थान में अपने पैर पसारती है तो निश्चित तौर पर इसका नुकसान कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है, क्योंकि ओवैसी जिस वोट बैंक को प्रभावित करते हैं वह मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस से जुड़ा हुआ है.ओवैसी की राजनीति से कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं. ओवैसी की पार्टी साल 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी.

राजस्थान में करीब 9 फीसदी मुस्लिम आबादी है जो लगभग 40 सीटों पर प्रभावित करती है. ओवैसी की नजर जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं, नागौर, अजमेर चूरू, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और करौली जिलों पर है. ओवैसी की टीम राजस्थन के राजनीतिक हालात पर बारीकी से निगाह रखे हुए है. ओवैसी ने दावा किया है कि वह 2 महीनों में अपनी पार्टी को राजस्थान में खड़ा कर देंगे. राजस्थान में थर्ड फ्रंट की संभावना को मजबूत करेंगे.

राजस्थान में AIMIM बिगाड़ सकता है कांग्रेस का समीकरण

पढ़ें. राजस्थान में होगी AIMIM की एंट्री, ओवैसी ने पार्टी की शुरुआत पर दिया बयान

वहीं जयपुर शहर की आदर्श नगर, किशनपोल और हवामहल विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर मुस्लिम आबादी 90 हजार से 1 लाख के बीच हैं. ओवैसी राजस्थान की 40 से ज्यादा मुस्लिम बाहुल्य सीटों के जरिए राजस्थान में अपने पैर पसारना चाहते हैं. ओवैसी दो महीनों में दो बार राजधानी जयपुर का दौरा कर चुके हैं. लेकिन कोई बड़ा चेहरा उनसे मुलाकात को नहीं पहुंचा. उनका दौरा 2-4 सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियो तक ही सिमट कर रह गया है. जबकि ओवैसी के जयपुर पहुंचने के बाद उनके रणनीतिकारों ने जयपुर और अलग-अलग जिलों में कई प्रबुद्ध लोगों और दिग्गज नेताओं को फोन भी किए थे. बावजूद इसके किसी ने भी ओवैसी से मिलना मुनासिब नहीं समझा है. औवेसी से मिलने के लिए जयपुर में कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं आया. ओवैसी की राजस्थान का सियासी दौरा फीका रहा है.

पढ़ें. ओवैसी की एंट्री की आहट के बाद स्ट्रेटजी में जुटी राजस्थान कांग्रेस, मुस्लिम अल्पसंख्यकों को ऐसे करेगी खुश

मुस्लिम नेताओं ने ओवैसी से बनाई दूरी

राजधानी जयपुर के ओवैसी के दौरों में जहां मुस्लिम नेताओं ने ओवैसी से दूरी बनाई तो वही इन दौरों में उनकी लोकप्रियता के अनुसार लोग भी उनसे मिलने नहीं पहुंचे. ऐसे में भले ही ओवैसी राजस्थान में 2 महीनों में पार्टी खड़े करने का दावा कर रहे हो लेकिन अगर उन्हें यह काम करना है तो फिर उन्हें अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा. यह हालात तो तब है जब राजधानी जयपुर की 3 विधानसभा सीट हवामहल किशनपोल और आदर्श नगर पूरी तरह मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है. इसके बावजूद भी ओवैसी के आने पर मुस्लिम वोटर का नहीं जुटना खुद ओवैसी के लिए चिंता का सबब रहा होगा.

ये हैं मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र

प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, पुष्कर, मसूदा, अजमेर शहर, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, कामां, नगर, बीकानेर पूर्व, सरदार शहर, सूरसागर, शिव, पोकरण, मकराना, चूरू, फतेहपुर, धौलपुर, नागौर, मकराना, डीडवाना, मंडावा, नवलगढ़, नागौर, झंझुनू, सीकर, दातारामगढ़ जैसे विधानसभा क्षेत्र हैं.

पढ़ें. ओवैसी की राजस्थान में आने की संभावना के काट के तौर पर कांग्रेस ने तैयार किया प्लान 'B'

ओवैसी को नहीं मिलेगी राजस्थान में सफलता: कांग्रेस

ओवैसी के राजस्थान में सक्रियता बढ़ाने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक नेता भी सक्रिय हो गए हैं. राजस्थान कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आबिद कागजी ने कहा की ओवैसी का चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है. वह भारतीय जनता पार्टी की B टीम की तरह काम करते हैं. चुनाव में ध्रुवीकरण कर भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं. ऐसे में राजस्थान का अल्पसंख्यक ओवैसी से दूरी बनाकर रखेगा. राजस्थान में उन्हें कोई सफलता नहीं मिलेगी.

जयपुर. यूपी और बिहार के बाद राजस्थान में AIMIM की एंट्री की AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (AIMIM Chief Asaduddin Owaisi) ने भले ही घोषणा कर दी हो लेकिन ओवैसी को अपने राजस्थान के 2 दौरों में बड़ा समर्थन नहीं मिला है.

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी बीते 2 महीनों में 2 बार राजस्थान की राजधानी जयपुर का दौरा कर चुके हैं. ओवैसी की पार्टी अगर राजस्थान में अपने पैर पसारती है तो निश्चित तौर पर इसका नुकसान कांग्रेस पार्टी को उठाना पड़ सकता है, क्योंकि ओवैसी जिस वोट बैंक को प्रभावित करते हैं वह मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस से जुड़ा हुआ है.ओवैसी की राजनीति से कांग्रेस के समीकरण बिगड़ सकते हैं. ओवैसी की पार्टी साल 2023 में होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारेगी.

राजस्थान में करीब 9 फीसदी मुस्लिम आबादी है जो लगभग 40 सीटों पर प्रभावित करती है. ओवैसी की नजर जयपुर, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, अलवर, सीकर, झुंझुनूं, नागौर, अजमेर चूरू, बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और करौली जिलों पर है. ओवैसी की टीम राजस्थन के राजनीतिक हालात पर बारीकी से निगाह रखे हुए है. ओवैसी ने दावा किया है कि वह 2 महीनों में अपनी पार्टी को राजस्थान में खड़ा कर देंगे. राजस्थान में थर्ड फ्रंट की संभावना को मजबूत करेंगे.

राजस्थान में AIMIM बिगाड़ सकता है कांग्रेस का समीकरण

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वहीं जयपुर शहर की आदर्श नगर, किशनपोल और हवामहल विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर मुस्लिम आबादी 90 हजार से 1 लाख के बीच हैं. ओवैसी राजस्थान की 40 से ज्यादा मुस्लिम बाहुल्य सीटों के जरिए राजस्थान में अपने पैर पसारना चाहते हैं. ओवैसी दो महीनों में दो बार राजधानी जयपुर का दौरा कर चुके हैं. लेकिन कोई बड़ा चेहरा उनसे मुलाकात को नहीं पहुंचा. उनका दौरा 2-4 सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियो तक ही सिमट कर रह गया है. जबकि ओवैसी के जयपुर पहुंचने के बाद उनके रणनीतिकारों ने जयपुर और अलग-अलग जिलों में कई प्रबुद्ध लोगों और दिग्गज नेताओं को फोन भी किए थे. बावजूद इसके किसी ने भी ओवैसी से मिलना मुनासिब नहीं समझा है. औवेसी से मिलने के लिए जयपुर में कोई बड़ा मुस्लिम चेहरा नहीं आया. ओवैसी की राजस्थान का सियासी दौरा फीका रहा है.

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मुस्लिम नेताओं ने ओवैसी से बनाई दूरी

राजधानी जयपुर के ओवैसी के दौरों में जहां मुस्लिम नेताओं ने ओवैसी से दूरी बनाई तो वही इन दौरों में उनकी लोकप्रियता के अनुसार लोग भी उनसे मिलने नहीं पहुंचे. ऐसे में भले ही ओवैसी राजस्थान में 2 महीनों में पार्टी खड़े करने का दावा कर रहे हो लेकिन अगर उन्हें यह काम करना है तो फिर उन्हें अपनी रणनीति में बदलाव करना होगा. यह हालात तो तब है जब राजधानी जयपुर की 3 विधानसभा सीट हवामहल किशनपोल और आदर्श नगर पूरी तरह मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है. इसके बावजूद भी ओवैसी के आने पर मुस्लिम वोटर का नहीं जुटना खुद ओवैसी के लिए चिंता का सबब रहा होगा.

ये हैं मुस्लिम बहुल विधानसभा क्षेत्र

प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा क्षेत्रों की बात करें तो आदर्श नगर, किशनपोल, हवामहल, टोंक, सवाई माधोपुर, धौलपुर, पुष्कर, मसूदा, अजमेर शहर, तिजारा, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, कामां, नगर, बीकानेर पूर्व, सरदार शहर, सूरसागर, शिव, पोकरण, मकराना, चूरू, फतेहपुर, धौलपुर, नागौर, मकराना, डीडवाना, मंडावा, नवलगढ़, नागौर, झंझुनू, सीकर, दातारामगढ़ जैसे विधानसभा क्षेत्र हैं.

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ओवैसी को नहीं मिलेगी राजस्थान में सफलता: कांग्रेस

ओवैसी के राजस्थान में सक्रियता बढ़ाने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक नेता भी सक्रिय हो गए हैं. राजस्थान कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आबिद कागजी ने कहा की ओवैसी का चेहरा अब जनता के सामने आ चुका है. वह भारतीय जनता पार्टी की B टीम की तरह काम करते हैं. चुनाव में ध्रुवीकरण कर भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं. ऐसे में राजस्थान का अल्पसंख्यक ओवैसी से दूरी बनाकर रखेगा. राजस्थान में उन्हें कोई सफलता नहीं मिलेगी.

Last Updated : Nov 16, 2021, 8:56 PM IST
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