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कृषि उपजमंडी में नई सरसों की आवक शुरू, नमी होने से कम मिल रहे दाम, पुरानी सरसों के भाव ज्यादा - ARRIVAL OF NEW MUSTARD IN MANDI

अलवर कृषि उपजमंडी में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है. हालांकि अभी इसके भाव पुरानी सरसों से कम ही मिल पा रहे हैं.

Arrival of new mustard in Mandi
कृषि उपजमंडी में नई सरसों की आवक शुरू (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 15, 2025, 9:42 PM IST

अलवर: सरसों उत्पादन में अलवर जिला प्रदेश में अग्रणी स्थान रखता है. यही कारण है कि जिले के ज्यादातर स्थानों पर खेत सरसों के पीले फूलों और पौधे फलियों से लदे दिखाई पड़ते हैं. हालांकि अभी जिले में ज्यादातर स्थानों पर सरसों की फसल पकने के दौर में है, लेकिन कुछ किसानों की ओर से अगेती बुवाई की गई सरसों की फसल पककर तैयार है. वहीं कुछ किसान अगेती सरसों की फसल लेकर कृषि उपजमंडी पहुंचने लगे हैं. हालांकि मंडी में आ रही सरसों में अभी नमी है. इस कारण सरसों के भाव भी कम मिल रहे हैं. मंडी में नई सरसों के मॉइश्चर को देखते हुए भाव 4800 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल मिल पा रहे हैं. वैसे मंडी में सरसों की बम्पर आवक फरवरी के अंत और मार्च में आने की उम्मीद है.

नई सरसों के भाव कम क्यों (ETV Bharat Alwar)

अलवर कृषि उपज मंडी के व्यापारी रामावतार गुप्ता ने बताया कि मंडी में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है. अभी मंडी में कम मात्रा में नई सरसों की आवक हो रही है. इन दिनों मंडी में प्रतिदिन करीब 100 कट्टे नई सरसों की आवक हो रही है. किसानों को इसके भाव 4800 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे हैं. अभी सरसों के कम दाम मिल पाने का कारण सरसों के दाने में नमी होना है. सरसों के अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में किसान नमी वाली सरसों लेकर पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि अलवर कृषि मंडी में अलवर, भरतपुर, करौली, दौसा सहित अन्य जिलों से सरसों बिकने के लिए आती है.

पढ़ें: फरवरी की असामान्य गर्मी से भरतपुर की फसलें संकट में, सरसों, गेहूं के उत्पादन पर खतरा - RISING TEMPERATURE AFFECT ON CROPS

नमी वाली सरसों के खराब होने का रहता है अंदेशा: नमी होने से सरसों का लंबे समय तक भंडारण करना संभव नहीं होता. नमी के चलते सरसों के दाने में फफूंदी लगने का अंदेशा रहता है, जिससे सरसों की फसल खराब होने का डर रहता है. इस कारण व्यापारी नमी वाली सरसों खरीदने से बचते हैं. नमी वाली सरसों में तेल की मात्रा भी कम होती है. इसलिए व्यापारियों को नमी वाली सरसों को पहले सुखाना पड़ता है, सूखने के बाद सरसों की फसल कम बैठती है, जो कि व्यापारी के लिए घाटे का सौदा रहता है. इस कारण अगेती सरसों में नमी के चलते भाव भी पुरानी सरसों से कम मिल पाते हैं.

पढ़ें: भरतपुर का सरसों तेल उद्योग संकट में, 60% तेल मिलें बंद, विदेशी तेलों की सस्ती कीमतों का असर - MUSTERED OIL BUSINESS

पुरानी सरसों के भाव ज्यादा: कृषि उपजमंडी में भले ही अगेती सरसों की आवक शुरू हो गई हो, लेकिन मंडी में अब भी पुरानी सरसों की मांग ज्यादा है. इसका कारण है कि पुरानी सरसों सूखी होती है और इसमें तेल की मात्रा भी ज्यादा रहती है. इसका लंबे समय तक भंडारण भी किया जा सकता है. इस कारण मंडी में पुरानी सरसों के भाव नई सरसों से ज्यादा मिलते हैं. इन दिनों अलवर कृषि उपजमंडी में पुरानी सरसों के भाव 5750 से 5800 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे हैं. अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में कई किसान सरसों का भंडारण करके रखते हैं और बाद में महंगे दामों में बेचते हैं.

अलवर: सरसों उत्पादन में अलवर जिला प्रदेश में अग्रणी स्थान रखता है. यही कारण है कि जिले के ज्यादातर स्थानों पर खेत सरसों के पीले फूलों और पौधे फलियों से लदे दिखाई पड़ते हैं. हालांकि अभी जिले में ज्यादातर स्थानों पर सरसों की फसल पकने के दौर में है, लेकिन कुछ किसानों की ओर से अगेती बुवाई की गई सरसों की फसल पककर तैयार है. वहीं कुछ किसान अगेती सरसों की फसल लेकर कृषि उपजमंडी पहुंचने लगे हैं. हालांकि मंडी में आ रही सरसों में अभी नमी है. इस कारण सरसों के भाव भी कम मिल रहे हैं. मंडी में नई सरसों के मॉइश्चर को देखते हुए भाव 4800 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल मिल पा रहे हैं. वैसे मंडी में सरसों की बम्पर आवक फरवरी के अंत और मार्च में आने की उम्मीद है.

नई सरसों के भाव कम क्यों (ETV Bharat Alwar)

अलवर कृषि उपज मंडी के व्यापारी रामावतार गुप्ता ने बताया कि मंडी में नई सरसों की आवक शुरू हो गई है. अभी मंडी में कम मात्रा में नई सरसों की आवक हो रही है. इन दिनों मंडी में प्रतिदिन करीब 100 कट्टे नई सरसों की आवक हो रही है. किसानों को इसके भाव 4800 से 5300 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे हैं. अभी सरसों के कम दाम मिल पाने का कारण सरसों के दाने में नमी होना है. सरसों के अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में किसान नमी वाली सरसों लेकर पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि अलवर कृषि मंडी में अलवर, भरतपुर, करौली, दौसा सहित अन्य जिलों से सरसों बिकने के लिए आती है.

पढ़ें: फरवरी की असामान्य गर्मी से भरतपुर की फसलें संकट में, सरसों, गेहूं के उत्पादन पर खतरा - RISING TEMPERATURE AFFECT ON CROPS

नमी वाली सरसों के खराब होने का रहता है अंदेशा: नमी होने से सरसों का लंबे समय तक भंडारण करना संभव नहीं होता. नमी के चलते सरसों के दाने में फफूंदी लगने का अंदेशा रहता है, जिससे सरसों की फसल खराब होने का डर रहता है. इस कारण व्यापारी नमी वाली सरसों खरीदने से बचते हैं. नमी वाली सरसों में तेल की मात्रा भी कम होती है. इसलिए व्यापारियों को नमी वाली सरसों को पहले सुखाना पड़ता है, सूखने के बाद सरसों की फसल कम बैठती है, जो कि व्यापारी के लिए घाटे का सौदा रहता है. इस कारण अगेती सरसों में नमी के चलते भाव भी पुरानी सरसों से कम मिल पाते हैं.

पढ़ें: भरतपुर का सरसों तेल उद्योग संकट में, 60% तेल मिलें बंद, विदेशी तेलों की सस्ती कीमतों का असर - MUSTERED OIL BUSINESS

पुरानी सरसों के भाव ज्यादा: कृषि उपजमंडी में भले ही अगेती सरसों की आवक शुरू हो गई हो, लेकिन मंडी में अब भी पुरानी सरसों की मांग ज्यादा है. इसका कारण है कि पुरानी सरसों सूखी होती है और इसमें तेल की मात्रा भी ज्यादा रहती है. इसका लंबे समय तक भंडारण भी किया जा सकता है. इस कारण मंडी में पुरानी सरसों के भाव नई सरसों से ज्यादा मिलते हैं. इन दिनों अलवर कृषि उपजमंडी में पुरानी सरसों के भाव 5750 से 5800 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहे हैं. अच्छे भाव मिलने की उम्मीद में कई किसान सरसों का भंडारण करके रखते हैं और बाद में महंगे दामों में बेचते हैं.

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