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नगर निगम चुनाव: कांग्रेस कर रही जीत का दावा, लेकिन चुनाव के लिए बनाए गए AICC पर्यवेक्षकों ने निभाई केवल औपचारिकता

राजस्थान के 3 नगर निगमों में गुरुवार को मतदान होगा. इन तीनों नगर निगमों में कांग्रेस जीत का दावा कर रही है, लेकिन इस चुनाव के लिए बनाए गए एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने केवल औपचारिकता ही निभाई.

Rajasthan Municipal Corporation Election, AICC observor for Municipal Corporation Election
AICC पर्यवेक्षकों ने निभाई केवल औपचारिकता
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Published : Oct 28, 2020, 5:37 PM IST

जयपुर. राजस्थान में 6 नगर निगमों में से 3 नगर निगमों में गुरुवार को मतदान होने जा रहा है. कांग्रेस पार्टी जयपुर, जोधपुर और कोटा तीनों निगमों में अपनी जीत का दावा कर रही है, लेकिन जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी की ओर से बनाए गए एआईसीसी के ऑब्जर्वर्स की भूमिका इन चुनाव में रही, उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

AICC पर्यवेक्षकों ने निभाई केवल औपचारिकता

दरअसल, इन नगर निगम चुनाव में एआईसीसी की ओर से बनाए गए को-ऑर्डिनेटर और पर्यवेक्षक पर यह जिम्मेदारी थी कि वह टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रबंधन का काम देखें. लेकिन टिकट वितरण में जिस तरीके से आपसी विवाद शुरू हुए, उसके बाद एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने इन चुनावों से दूरी बना ली.

पढ़ें- राजस्थान : निगम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटका...कई नेताओं ने थामा भाजपा का 'हाथ'

टिकट वितरण में जिस तरीके से सारी कमान विधायकों के हाथ में सौंप दी गई, उसके बाद एआईसीसी ऑब्जर्वर महज औपचारिकता पूरी करते हुए दिखाई दिए. यही कारण था कि टिकट वितरण से पहले ही तीनों ऑब्जर्वर राजस्थान से चले गए. यहां तक कि कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर रहे नेताओं पर भी कार्रवाई करने में उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई. हालात यह रहे कि गुरुवार को मतदान होना है, लेकिन बागी होकर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर महज औपचारिकता की कार्रवाई हुई.

कहा जा रहा है कि टिकट वितरण के समय ही एआईसीसी ऑब्जर्वर्स और नेताओं में आपस में नाराजगी हो गई थी, जिसके चलते इन एआईसीसी पर्यवेक्षक बने इन नेताओं ने चुनाव में ज्यादा भूमिका नहीं निभाई. अब प्रदेश में पंचायती राज चुनाव भी होने हैं, ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या पंचायत चुनाव में भी इसी तरीके से एआईसीसी पर्यवेक्षक बनाए जाएंगे.

हालांकि, कहा जा रहा है कि एआईसीसी के पर्यवेक्षक नतीजों के बाद फिर से जयपुर आएंगे और बोर्ड बनाने की अगर कांग्रेस की स्थिति हुई तो महापौर कौन हो इसके बारे में भी नेताओं की राय लेंगे.

जयपुर. राजस्थान में 6 नगर निगमों में से 3 नगर निगमों में गुरुवार को मतदान होने जा रहा है. कांग्रेस पार्टी जयपुर, जोधपुर और कोटा तीनों निगमों में अपनी जीत का दावा कर रही है, लेकिन जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी की ओर से बनाए गए एआईसीसी के ऑब्जर्वर्स की भूमिका इन चुनाव में रही, उन पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

AICC पर्यवेक्षकों ने निभाई केवल औपचारिकता

दरअसल, इन नगर निगम चुनाव में एआईसीसी की ओर से बनाए गए को-ऑर्डिनेटर और पर्यवेक्षक पर यह जिम्मेदारी थी कि वह टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रबंधन का काम देखें. लेकिन टिकट वितरण में जिस तरीके से आपसी विवाद शुरू हुए, उसके बाद एआईसीसी पर्यवेक्षकों ने इन चुनावों से दूरी बना ली.

पढ़ें- राजस्थान : निगम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को झटका...कई नेताओं ने थामा भाजपा का 'हाथ'

टिकट वितरण में जिस तरीके से सारी कमान विधायकों के हाथ में सौंप दी गई, उसके बाद एआईसीसी ऑब्जर्वर महज औपचारिकता पूरी करते हुए दिखाई दिए. यही कारण था कि टिकट वितरण से पहले ही तीनों ऑब्जर्वर राजस्थान से चले गए. यहां तक कि कांग्रेस के खिलाफ बगावत कर रहे नेताओं पर भी कार्रवाई करने में उन्होंने कोई रुचि नहीं दिखाई. हालात यह रहे कि गुरुवार को मतदान होना है, लेकिन बागी होकर चुनाव लड़ रहे नेताओं पर महज औपचारिकता की कार्रवाई हुई.

कहा जा रहा है कि टिकट वितरण के समय ही एआईसीसी ऑब्जर्वर्स और नेताओं में आपस में नाराजगी हो गई थी, जिसके चलते इन एआईसीसी पर्यवेक्षक बने इन नेताओं ने चुनाव में ज्यादा भूमिका नहीं निभाई. अब प्रदेश में पंचायती राज चुनाव भी होने हैं, ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि क्या पंचायत चुनाव में भी इसी तरीके से एआईसीसी पर्यवेक्षक बनाए जाएंगे.

हालांकि, कहा जा रहा है कि एआईसीसी के पर्यवेक्षक नतीजों के बाद फिर से जयपुर आएंगे और बोर्ड बनाने की अगर कांग्रेस की स्थिति हुई तो महापौर कौन हो इसके बारे में भी नेताओं की राय लेंगे.

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