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AICC Instructions: जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए जिला प्रभारियों से मांगे गए नाम, बागी विधायकों पर सख्ती

राजस्थान में सियासी उठापटक (Rajasthan Political Crisis) के बीच मुख्यमंत्री कौन पर चर्चा के साथ ही जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के नामों पर भी फिर से मंथन किया जाएगा. इसके लिए एआईसीसी की ओर से जिला प्रभारियों से अगले तीन दिन में नाम मांगें हैं. ऐसे में इसे बागी विधायकों और मंत्रियों की तरफ आलाकमान का कड़ा रुख के तौर पर देखा जा रहा है.

Congress High command against Gehlot camp MLA
Congress High command against Gehlot camp MLA
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Published : Oct 5, 2022, 3:38 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में हलचल के साथ (Rajasthan Political Crisis) ही मुख्यमंत्री की कुर्सी से लेकर संगठन तक में जबरदस्त बदलाव की चर्चा हो रही है. इस दिवाली किसके सर मुख्यमंत्री का ताज होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा. बहरहाल एक और तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को लेकर असमंजस की स्थिति है कि कौन बागी है और कौन आलाकमान के साथ. दूसरी ओर इस बात का असर अब संगठन के निर्णयों पर भी साफ तौर पर दिखाई देने लगा है.

संगठन का कामकाज प्रदेश में पूरी तरीके से प्रभावित हो चुका है. इसके साथ ही अब यह भी साफ है कि 2 साल बाद अक्टूबर महीने में जो प्रदेश कांग्रेस को जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष मिलने जा रहे थे अब उसमे न केवल देरी होगी बल्कि नए सिरे से जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष पर मंथन (District Incharge and Block President discussion) होगा. यही कारण है कि राजस्थान कांग्रेस संगठन के सभी जिला प्रभारियों को अगले 3 दिन तक अपने प्रभार वाले जिलों में रहने और आम कार्यकर्ता से बातचीत कर कौन बेहतर ब्लॉक अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष हो सकता है, उसके नाम लाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देने के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें. 'विधायक जोड़ो अभियान': जिन विधायकों से सचिन पायलट कर रहे सम्पर्क, वे सीएम को दे रहे जानकारी

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ये नाम एआईसीसी को भेजेगी. जो नाम अब संगठन के जिला प्रभारी लेकर आएंगे उन नामों को एआईसीसी पीसीसी की ओर से भेजे गए नामों के साथ मिलान करेगी. ऐसे में साफ है कि संगठन में नियुकियां अब नए सिरे से शुरू होगी. माना जा रहा है कि यह पूरी कार्यवाही आलाकमान से कांग्रेस विधायकों की बगावत के चलते कराई जा रही है. इसके लिए आदेश जारी किए जाने की जगह सभी संगठन के जिला प्रभारियों को फोन कर अपने प्रभावी जिलों में जाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

पढ़ें: खाचरियावास के आवास पर जाकर पायलट ने की मुलाकात, गहलोत ने मंत्री को किया तलब

प्रभारी मंत्रियों के विधायकों की अनुशंसा पर भेजे गए नामों पर लग सकता है क्रॉस
वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस विधायकों ने ही कांग्रेस आलाकमान के विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था. ऐसे में आलाकमान इन विधायकों के खिलाफ सख्ती बरतने के मूड में है. जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए कांग्रेस पार्टी ने अभी जो फार्मूला बनाया था उसमें विधायकों की ही अनुशंसा थी. इसमें सरकार के प्रभारी मंत्रियों का भी योगदान था और क्योंकि इन्हीं प्रभारी मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले के विरोध में इस्तीफा दिया है, ऐसे में उन नामों पर भी आलाकमान क्रॉस लगाने के संकेत दे रहा है जो इनके कहने पर संगठन की कमान जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के तौर पर संभालने वाले थे.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार में हलचल के साथ (Rajasthan Political Crisis) ही मुख्यमंत्री की कुर्सी से लेकर संगठन तक में जबरदस्त बदलाव की चर्चा हो रही है. इस दिवाली किसके सर मुख्यमंत्री का ताज होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा. बहरहाल एक और तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को लेकर असमंजस की स्थिति है कि कौन बागी है और कौन आलाकमान के साथ. दूसरी ओर इस बात का असर अब संगठन के निर्णयों पर भी साफ तौर पर दिखाई देने लगा है.

संगठन का कामकाज प्रदेश में पूरी तरीके से प्रभावित हो चुका है. इसके साथ ही अब यह भी साफ है कि 2 साल बाद अक्टूबर महीने में जो प्रदेश कांग्रेस को जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष मिलने जा रहे थे अब उसमे न केवल देरी होगी बल्कि नए सिरे से जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष पर मंथन (District Incharge and Block President discussion) होगा. यही कारण है कि राजस्थान कांग्रेस संगठन के सभी जिला प्रभारियों को अगले 3 दिन तक अपने प्रभार वाले जिलों में रहने और आम कार्यकर्ता से बातचीत कर कौन बेहतर ब्लॉक अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष हो सकता है, उसके नाम लाकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देने के निर्देश दिए गए हैं.

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी ये नाम एआईसीसी को भेजेगी. जो नाम अब संगठन के जिला प्रभारी लेकर आएंगे उन नामों को एआईसीसी पीसीसी की ओर से भेजे गए नामों के साथ मिलान करेगी. ऐसे में साफ है कि संगठन में नियुकियां अब नए सिरे से शुरू होगी. माना जा रहा है कि यह पूरी कार्यवाही आलाकमान से कांग्रेस विधायकों की बगावत के चलते कराई जा रही है. इसके लिए आदेश जारी किए जाने की जगह सभी संगठन के जिला प्रभारियों को फोन कर अपने प्रभावी जिलों में जाने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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प्रभारी मंत्रियों के विधायकों की अनुशंसा पर भेजे गए नामों पर लग सकता है क्रॉस
वर्तमान परिस्थितियों में कांग्रेस विधायकों ने ही कांग्रेस आलाकमान के विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर दिया था. ऐसे में आलाकमान इन विधायकों के खिलाफ सख्ती बरतने के मूड में है. जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के लिए कांग्रेस पार्टी ने अभी जो फार्मूला बनाया था उसमें विधायकों की ही अनुशंसा थी. इसमें सरकार के प्रभारी मंत्रियों का भी योगदान था और क्योंकि इन्हीं प्रभारी मंत्रियों और विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले के विरोध में इस्तीफा दिया है, ऐसे में उन नामों पर भी आलाकमान क्रॉस लगाने के संकेत दे रहा है जो इनके कहने पर संगठन की कमान जिला अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष के तौर पर संभालने वाले थे.

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