जयपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे में इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य पूरा हो जाने के बाद भी उत्तर पश्चिम रेलवे की ओर से इलेक्ट्रिक ट्रेन नहीं चलाई जा रही थी लेकिन रेलवे बोर्ड की सख्ती के बाद अब जोनल रेलवे ने अपने क्षेत्र में आने वाले इलेक्ट्रिकफाइड रूट पर डीजल इंजनों को रिप्लेस किए जाने का काम जोरों से किया जा रहा है.
जोनल रेलवे विभिन्न रूट्स पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने को प्राथमिकता भी दे रहा है. हालांकि, रेलवे जिस गति से देश भर में अपने रूट को इलेक्ट्रीफाइड कर रहा है. उसके अनुपात में इलेक्ट्रिक इंजनों का उत्पादन और मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है. जिसके चलते ही नए इलेक्ट्रिक रूट उपलब्ध होने के बाद भी महज 5 फीसदी ही ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित किया जा रहा है.
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बता दें कि Northern Railway ने शनिवार से अहमदाबाद से जयपुर के रास्ते ऋषिकेश जाने वाली योगा स्पेशल को इलेक्ट्रिक इंजन से शुरू करने का निर्णय लिया है. यह ट्रेन इलेक्ट्रिक इंजन से जयपुर से पहुंचेगी. वहीं उत्तर पश्चिम रेलवे ने भी पहली बार अपनी उदयपुर-दिल्ली-सराय रोहिल्ला के बीच 1969 से चल रही चेतक सुपरफास्ट को इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित करने का निर्णय लिया है. यह ट्रेन भी इलेक्ट्रिक इंजन से संचालित की जाएगी.
पूजा सुपरफास्ट पर अभी तक नहीं निर्णय
रेलवे बोर्ड से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 3 जनवरी से जम्मू तवी-अजमेर के बीच चल रही पूजा सुपरफास्ट स्पेशल को इलेक्ट्रिक इंजन से चलाने की घोषणा की थी लेकिन 2 जनवरी शाम को रेलवे को याद आया कि दिल्ली से जयपुर जो ट्रेन दिल्ली के जिस प्लेटफार्म पर जाती है, उस पर इलेक्ट्रिक इंजन का संचालन नहीं हो सकता. 2 सप्ताह बाद भी रेलवे ना तो ट्रेन का प्लेटफार्म बदल पाया और ना ही ट्रेन को चलाने का निर्णय करवाया है. इसके साथ ही उत्तर पश्चिम रेलवे को मिलने वाले 13 इलेक्ट्रिक इंजन पर भी अभी तक संशय बना हुआ है क्योंकि रेलवे ने सैद्धान्तिक मंजूरी तो दे दी गई लेकिन अभी तक वह इंजन अभी तक उत्तर पश्चिम रेलवे को नहीं मिल पाए हैं.