जयपुर. कोरोना संक्रमण के वेरिएंट ने देश को हिला रखा है. डेल्टा प्लस के बाद अब कप्पा वेरिएंट का खौफ देखने को मिल रहा है. इस वेरिएंट के कुछ मामले उत्तरप्रदेश में सामने आए हैं.
देश में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में लाखों की संख्या में मरीज संक्रमित हुए थे. हजारों की संख्या में मरीजों की जान भी गई थी. माना जा रहा था कि डेल्टा वेरिएंट के चलते देश में दूसरी लहर आई. हाल ही में एक्सपर्ट्स ने अंदेशा जताया है कि जल्द ही कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है. देश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद अब कप्पा वेरिएंट की चर्चा है.
एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि कोरोना का कप्पा वेरिएंट डेल्टा की तरह खतरनाक साबित हो सकता है. सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के सीनियर ऑफिसर और फार्मोकोलॉजिस्ट डॉक्टर लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि कोविड-19 के अलग-अलग वेरिएंट के कुछ मामले देखने को मिले हैं. हर बार नए वैरीअंट में संक्रमण तेजी से फैला है. ऐसे में माना जा रहा है कि कप्पा वेरिएंट खतरनाक साबित हो सकता है. इससे संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वेरिएंट में बदलाव आता है, संक्रमण के कारण मौत के मामले भी तेजी से बढ़ते हैं.
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डॉ. लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि वायरस में जिनोम सीक्वेंसिंग के चलते वेरिएंट में बदलाव आते हैं. कोविड-19 संक्रमण से जुड़े नये वायरसों पर लगातार स्टडी की जा रही है. डेल्टा प्लस वेरिएंट को बी.1.617.2 स्ट्रेन का नाम दिया गया है तो वहीं कप्पा वेरिएंट को बी.1.617.1 का नाम दिया गया है. चिकित्सकों का कहना है कि इस नए वेरिएंट के लक्षण भी पुराने वेरिएंट की तरह ही हैं. जिसमें बुखार आना, स्वाद चला जाना, गंध नहीं आना, गले में खराश, सर्दी जुकाम आदि हैं.
डॉ. लोकेंद्र शर्मा का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण का कोई भी वेरिएंट हो. उस पर वैक्सीन पूरी तरह से कारगर है. वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद यदि लोग संक्रमण की जद में भी आते हैं तो इस वायरस के चलते उन्हें खास नुकसान नहीं होता. संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीन जरूर लगाएं. इसके अलावा सरकार की ओर से कोविड-19 संक्रमण को लेकर जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें.