जयपुर. राज्य सरकार के निर्देश पर अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1 से 15 जुलाई तक प्रवेशोत्सव अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत नामांकन बढ़ाने, अनामांकित और ड्रॉपआउट स्टूडेंट्स को सरकारी विद्यालयों से जोड़ने की कवायद की जा रही है. वहीं, इस बार कोविड-19 के चलते वापस आए प्रवासी श्रमिकों के बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए उन पर भी विशेष फोकस किया जा रहा है.
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य में 18 वर्ष तक के सभी बालक-बालिकाओं को चिह्नित कर उनकी आयु के अनुरूप आंगनबाड़ी और विद्यालयों से जोड़ा जाना है. इसके लिए प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.
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वहीं, प्रवेशोत्सव में शामिल होने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को हर दिन शाला दर्पण पर बच्चों के सर्वे डेटा को अपडेट करने और उन बच्चों का स्कूलों में नामांकन करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान कोरोना नियमों की पालना के निर्देश भी दिए गए हैं. साथ ही सरकारी विद्यालयों की सुविधाओं और सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं. प्रवेशोत्सव कार्यक्रम की ब्लॉक और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जाएगी.
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प्रवेशोत्सव को सफल बनाने के लिए 3 से 18 वर्ष तक के सभी बच्चों को स्कूलों में एडमिशन कराने वाली ग्राम पंचायत को उजियारी ग्राम पंचायत घोषित किया जाएगा. वहीं, जो शिक्षक प्रवेशोत्सव में बेहतर कार्य करेंगे, उन्हें विद्यालय, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा.