जयपुर. पुलिस कमिश्नरेट में तैनात एक एडिशनल डीसीपी रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों एसीबी के जाल में फंसने से बच गया. एसीबी कार्रवाई की सूचना लीक होने के चलते एडिशनल डीसीपी ने परिवादी से मिलने से इंकार कर दिया और एसीबी की ट्रेप कार्रवाई फेल हो गई.
संभवतः यह ऐसा पहला मामला है, कि एसीबी कार्रवाई की सूचना लीक होने पर एक एडिशनल एसपी स्तर का अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने से बच गया. हालांकि, एसीबी द्वारा एडिशनल डीसीपी के खिलाफ रिश्वत मांगने का प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.
बता दें, कि जयपुर पुलिस कमिश्नरेट कि थैप्ट एंड बर्गलरी शाखा प्रभारी एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी ने महिला के दुराचार के एक प्रकरण में आरोपी को कार्रवाई से बचाने के नाम पर रिश्वत की मांग की थी. बताया जा रहा है, कि जिस व्यक्ति से रिश्वत की मांग की गई है वह वर्ष 2013 में भ्रष्टाचार के मामले में खुद भी गिरफ्तार हो चुका है और नर्सिंग काउंसिल से जुड़ा हुआ व्यक्ति है.
दरअसल, परिवादी के खिलाफ एक महिला ने दुराचार का मामला दर्ज करवाया था. जिसमें पूर्व में एक से अधिक बार ऐसा भी लग चुकी है, लेकिन महिला द्वारा फिर से जांच की मांग करने पर इस पूरे प्रकरण की जांच जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी को सौंपी गई और उसके बाद आरोपी को कार्रवाई से बचाने के नाम पर रिश्वत की मांग की गई.
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रिश्वत मांगने की तस्दीक होने पर दर्ज किया गया प्रकरण
एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी ने परिवादी से महिला दुराचार के प्रकरण में कार्रवाई नहीं करने की एवज में पहले 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी और फिर दोनों में रिश्वत राशि को लेकर सौदा हुआ और डील 1 लाख रुपए में तय हुई.
डील तय होने पर एसीबी ने एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करने की तैयारी शुरू की और इसी बीच एसीबी कार्रवाई की सूचना लीक हो गई. जिस पर एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी ने परिवादी से मिलने से इंकार कर दिया.
हालांकि, एडिशनल डीसीपी राजेंद्र त्यागी द्वारा रिश्वत की मांग करने की तस्दीक होने पर एसीबी द्वारा प्रकरण दर्ज कर उसकी जांच शुरू कर दी गई है. एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में इस पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है.