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परियोजनाओं के कार्यों की तकनीकी प्रक्रियाओं में लगने वाले समय को कम करें : अतिरिक्त मुख्य सचिव

जल जीवन मिशन योजना में पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की तकनीकी प्रक्रियाओं में अधिक समय लगता है. इस समय को कम करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता और मुख्य अभियंताओं की वित्तीय शक्तियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि जल जीवन मिशन के लक्ष्य को 2024 तक पूरा किया जा सके. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत (Additional Chief Secretary Sudhansh Pant) ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शनिवार को हुई बैठक में ये बाते कहीं.

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Published : Jun 19, 2021, 10:56 PM IST

जलजीवन मिशन,  Jaipur News,  Rajasthan News,  Jal Jeevan Mission,  Rajasthan Government,  जयपुर समाचार
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत

जयपुर. जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है और इसके तहत पूरे देश में 2024 तक हर घर नल कनेक्शन पहुंचाया जाएगा. प्रदेश में भी जल जीवन मिशन के तहत लक्ष्य को समय पूरा किया जा सके इसके लिए समय-समय पर तैयारियों के लिए बैठक आयोजित की जा रही है. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत (Additional Chief Secretary Sudhansh Pant) ने शनिवार को बैठक में कहा कि जेजेएम में पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की तकनीकी प्रक्रियाओं में अधिक समय लगता है. इस समय को कम करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता और मुख्य अभियंताओं की वित्तीय शक्तियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि जल जीवन मिशन के लक्ष्य को 2024 तक पूरा किया जा सके.

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जेजेएम योजना के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने पहलू पर विभाग की तकनीकी समिति के स्तर पर केवल जेजेएम के परिप्रेक्ष्य में अभियंताओं की वित्तीय शक्तियों में संशोधन पर विचार करने के निर्देश दिए. कहा कि जिन ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए तकनीकी स्वीकृतियां एवं निविदाएं जारी हो गई हैं, उनके शेष कार्य आदेश भी जल्द जारी किए जाएं.

पढ़ें: कंप्यूटर शिक्षकों के नए कैडर के लिए 10 हजार से अधिक पदों पर जल्द होगी भर्ती

जिससे किसी भी परियोजना का कार्य जेजेएम की पूर्णता की अंतिम तिथि से आगे नहीं जाए. जेजेएम समयबद्ध और मिशन मोड कार्यक्रम है, ऐसे में सभी परियोजनाओं को निर्धारित टाइमलाइन में पूरा करने की दृष्टि से विभागीय स्तर पर सहमति बनने के बाद इसे वित्त विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा जा सकता है. विभाग में वर्तमान में 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के प्रोजेक्ट मुख्य अभियंता तथा 5 करोड़ रुपये से ऊपर की लागत के प्रोजेक्ट वित्त समिति के माध्यम से मंजूर किए जाते हैं.

पढ़ें: Rajasthan Monsoon Update: मानसून सक्रिय होने से कम हुआ गर्मी का सितम, इन जिलों में तीन मिमी तक हुई बारिश

एसीएस ने इस माह होने वाली राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक से सभी जिलों में शेष बचे गांवों के प्रस्ताव तैयार कर आगामी दो दिनों में मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश दिए. एसएलएसएससी में रेग्युलर विंग के तहत पूर्व में जारी 9101 गांवों की स्वीकृतियों की तुलना में अब तक 8106 तकनीकी स्वीकृतियां तथा 6523 निविदाएं जारी कर दी गई हैं.

1648 कार्यादेश जारी किए गए है, इनमें से 1143 में मौके पर 4 लाख 31 हजार 452 'हर घर नल कनेक्शन' देने के कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं. 96 वृहद पेयजल परियोजनाओं की स्वीकृति के विरुद्ध 2716 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 1550 गांवों की निविदाएं जारी हो गई हैं. इसके अतिरिक्त 48 गांव के कार्यादेश जारी किए गए हैं.

जयपुर. जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है और इसके तहत पूरे देश में 2024 तक हर घर नल कनेक्शन पहुंचाया जाएगा. प्रदेश में भी जल जीवन मिशन के तहत लक्ष्य को समय पूरा किया जा सके इसके लिए समय-समय पर तैयारियों के लिए बैठक आयोजित की जा रही है. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत (Additional Chief Secretary Sudhansh Pant) ने शनिवार को बैठक में कहा कि जेजेएम में पेयजल परियोजनाओं के कार्यों की तकनीकी प्रक्रियाओं में अधिक समय लगता है. इस समय को कम करने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता और मुख्य अभियंताओं की वित्तीय शक्तियों की समीक्षा की जाएगी, ताकि जल जीवन मिशन के लक्ष्य को 2024 तक पूरा किया जा सके.

अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जेजेएम योजना के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने पहलू पर विभाग की तकनीकी समिति के स्तर पर केवल जेजेएम के परिप्रेक्ष्य में अभियंताओं की वित्तीय शक्तियों में संशोधन पर विचार करने के निर्देश दिए. कहा कि जिन ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के लिए तकनीकी स्वीकृतियां एवं निविदाएं जारी हो गई हैं, उनके शेष कार्य आदेश भी जल्द जारी किए जाएं.

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जिससे किसी भी परियोजना का कार्य जेजेएम की पूर्णता की अंतिम तिथि से आगे नहीं जाए. जेजेएम समयबद्ध और मिशन मोड कार्यक्रम है, ऐसे में सभी परियोजनाओं को निर्धारित टाइमलाइन में पूरा करने की दृष्टि से विभागीय स्तर पर सहमति बनने के बाद इसे वित्त विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा जा सकता है. विभाग में वर्तमान में 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के प्रोजेक्ट मुख्य अभियंता तथा 5 करोड़ रुपये से ऊपर की लागत के प्रोजेक्ट वित्त समिति के माध्यम से मंजूर किए जाते हैं.

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एसीएस ने इस माह होने वाली राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठक से सभी जिलों में शेष बचे गांवों के प्रस्ताव तैयार कर आगामी दो दिनों में मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश दिए. एसएलएसएससी में रेग्युलर विंग के तहत पूर्व में जारी 9101 गांवों की स्वीकृतियों की तुलना में अब तक 8106 तकनीकी स्वीकृतियां तथा 6523 निविदाएं जारी कर दी गई हैं.

1648 कार्यादेश जारी किए गए है, इनमें से 1143 में मौके पर 4 लाख 31 हजार 452 'हर घर नल कनेक्शन' देने के कार्य वर्तमान में प्रगति पर हैं. 96 वृहद पेयजल परियोजनाओं की स्वीकृति के विरुद्ध 2716 गांवों की तकनीकी स्वीकृतियां तथा 1550 गांवों की निविदाएं जारी हो गई हैं. इसके अतिरिक्त 48 गांव के कार्यादेश जारी किए गए हैं.

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