जयपुर. जलदाय एवं भू-जल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बेहतर परिणाम देते हुए आम जन की आंकाक्षाओं पर खरा उतरने के लिए इनोवेटिव तौर-तरीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया है. उन्होंने कहा कि अधिकारी कुछ हटकर कार्य करने की दिशा में सोचें. छोटे-छोटे और सतत सुधारों से सर्विस डिलीवरी को और बेहतर बनाया जा सकता हैं.
पंत रविवार को जयपुर में जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के मुख्यालय जल भवन में जलदाय एवं भू-जल विभाग के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. पेयजल परियोजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन से लेकर अन्य विषयों पर नई सोच को प्रोत्साहन दिया जाएगा. किसी भी स्तर से आने वाले महत्वपूर्ण सुझावों को लागू करने के लिए सकारात्मक नजरिए से पूरे प्रयास किए जाएंगे. अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेश में चल रहे विशेष प्रोजेक्ट्स की स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारियों को सजगता के साथ ठोस प्रयास करने होंगे.
उन्होंने कहा कि अभियंता प्रोजेक्ट्स के कार्यों की पूर्ण जिम्मेदारी लें और व्यक्तिगत रूचि के साथ कार्य करें. पेयजल परियोजनाओं के कार्यों को मिशन-मोड मे ही लिया जाए और आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सक्षम स्तर के अधिकारियों से सहयोग लेकर प्रभावी फालोअप किया जाए. उन्होंने टाइम ओवर-रन प्रोजेक्ट्स के लिए नई समय सीमा के अनुरूप वांछित गति से शेष कार्यों को सम्पादित करने की हिदायत दीं. पंत ने आगामी मार्च माह में इंदिरा गांधी नहर में प्रस्तावित नहरबंदी से सम्बंधित जिलों में अधिकारियों को स्थानीय आवश्यकताओं का आंकलन कर वैकल्पिक व्यवस्थाओं के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए. ताकि इस अवधि में वहां के लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आए.
उन्होंने भू-जल विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में अटल भू-जल योजना के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कृषि, उद्यानिकी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, ऊर्जा, पंचायतीराज एवं वाटर शैड जैसे अन्य विभागों के साथ समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए. साथ ही परियोजना निदेशक को अपने स्तर पर नियमित समीक्षा करते हुए जवाबदेही के साथ काम करने के लिए पाबंद किया.
रविवार को दूसरे दौर की बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जलदाय विभाग जोधपुर और नागौर रीजन के चीफ इंजीनियर्स और राज्य में चल रहे विशेष प्रोजेक्ट्स के साथ ही भू-जल विभाग के प्रस्तुतीकरण को देखा और महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर अपनी ओर से निर्देश जारी किए. इस दौरान जोधपुर सम्भाग के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में चल रहे विशेष प्रोजेक्ट्स और बाह्य एजेंसीज की सहायता से संचालित और प्रस्तावित परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई.