जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने शनिवार को इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) में नहरबंदी से प्रभावित 10 जिलों के अधिकारियों की वीसी के माध्यम से बैठक लेकर लोगों को पेयजल प्रबंधन के लिए संचालित गतिविधियों की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नहरबंदी के बाकी बचे दिनों में किसी भी गांव, कस्बे या शहर में लोगों को पेयजल सम्बंधी कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए अलर्ट मोड पर रहते हुए पेयजल आपूर्ति की सतत मॉनिटरिंग जारी रखें.
पंत ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, हनुमानगढ़, झुंझुनू, जोधपुर, नागौर, चुरू और सीकर जिलों के जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर पेयजल व्यवस्थाओं के बारे में फीडबैक लिया. उन्होंने कहा कि नहरबंदी वाले जिलों के विभागीय अधिकारी आपस में तथा जल संसाधन विभाग के स्थानीय अधिकारियों से लगातार सम्पर्क में रहे और उन्हें अपने जिलों में पेयजल व्यवस्था की रोजाना 'अपडेट' करें. एक दूसरे से किसी प्रकार के सहयोग एवं मदद की आवश्यकता हो तो स्थानीय स्तर पर समन्वय किया जाए. कहीं भी राज्य स्तर से सहयोग या समन्वय की आवश्यकता होने पर प्रकरण तत्काल ध्यान में लाया जाए.
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एसीएस ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर में 'पोंडिंग' तथा पीएचईडी के स्तर पर किए गए पानी के स्टोरेज का समुचित उपयोग करते हुए सभी जगहों पर सुचारू पेयजल वितरण व्यवस्था को इसी प्रकार जारी रखें. किसी भी जिले में टेल एंड पर किसी भी प्रकार की अतिरिक्त आवश्यकता हो तो टैंकर्स के माध्यम से जल परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा जिलों में चल रहे कंटीजेंसी के कार्यों के माध्यम से भी लोगों को राहत दी जाए. उन्होंने अवैध रूप से बूस्टर लगाकर अन्य को सुचारू आपूर्ति में व्यवधान करने वालों के खिलाफ भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए.
वीसी से पीएचईडी के मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना एवं मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) दिलीप गौड़, मुख्य अभियंता (नागौर) दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) नीरज माथुर, के अलावा सम्बंधित जिलों के पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी भी जुड़े.