जयपुर. कोरोना के उपचार में काम आने वाली दवाइयों की अनियमित बिक्री पर औषधि नियंत्रण संगठन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत औषधि नियंत्रक विभाग ने रविवार को चौमू के दो बड़े अस्पताल, महिला एवं आई हॉस्पिटल तथा सिद्धि विनायक हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की जांच औषधि नियंत्रण अधिकारियों की टीम द्वारा की गई, जिसमें दोनों ही अस्पतालों द्वारा मरीजों को बिल जारी नहीं किए जा रहे थे और न ही औषधियों का रिकॉर्ड संधारित किया जा रहा था. दोनों ही अस्पतालों में शेड्यूल H1 की औषधियों के रिकॉर्ड भी संधारित नहीं पाए गए.
सिद्धिविनायक हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर में औषधि ऑक्सीटॉसिन के विक्रय में अनियमितताएं पाई गई. वहीं चोमू महिला एवं आई हॉस्पिटल में कोविड संबंधित दवाओं जैसे एनोक्सापरिन, टेजार इंजेक्शन एवं फैबी इफ्लू के विक्रय में भारी अनियमितताएं पाई गई. उक्त औषधियों के फिजिकल स्टॉक एवं कंप्यूटर स्टॉक में अंतर पाया गया, जिससे दवाओं के बिना बिल विक्रय की पुष्टि की गई तथा अस्पताल में एक बिना लाइसेंस का गोडाउन भी पाया गया जहां पर लाइसेंस के अभाव में संधारित एवं विक्रय की जा रही औषधियों, जिनकी कुल कीमत 2 लाख 77 हजार थी, जिसको फॉर्म 16 भरकर जब्त किया गया. इसकी न्यायालय से कस्टडी प्राप्त करने की कार्रवाई की जाएगी तथा उक्त दोनों अस्पतालों पर औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
यह भी पढ़ें- गहलोत सरकार ने युवाओं की आवाज सुनना मानो बंद कर दिया है: वसुंधरा राजे
नागौर में अवैध क्लीनिक सील
कोरोना काल में राज्य में बिगड़ती चिकित्सा व्यवस्था के बीच झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. नागौर के जायल तहसील के छापड़ा में अवैध क्लीनिक को सील करने और झोलाछाप डॉक्टर सायान रोम के खिलाफ रोल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की गई है. यहां झोलाछाप द्वारा अनाधिकृत रूप से मरीजों को इलाज से लेकर भर्ती करने का भी काम किया जा रहा था. इसके अलावा और भी जगहों पर दबिश दी गई, जांच टीम के पहुंचने की भनक लगने से झोलाछाप मौके से फरार हो गए.