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जयपुर : प्रवर्तन निदेशालय जयपुर टीम ने की भीलवाड़ा में कार्रवाई...बैंक लोन फ्रॉड मामले में 'एक्शन' - Bank loan fraud case Bhilwara

भीलवाड़ा महिला अर्बन कोआपरेटिव बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में प्रर्वतन निदेशालय की राजस्थान ईकाई में बड़ा एक्शन लिया है. चल और अचल संपतियां कुर्क की गई हैं. मामले में आरोपियों ने कई निजी व्यक्तियों के नाम फर्जी दस्तावेज तैयार कर 25.10 करोड़ रूपये का लोन उठा लिया था.

Bhilwara ED Action,  Enforcement Directorate Action Bhilwara, Bank loan fraud case Bhilwara
प्रवर्तन निदेशालय जयपुर टीम ने की कार्रवाई
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Published : Mar 11, 2021, 10:28 PM IST

जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय पुराने मामलों को अंजाम तक पहुंचाने की कवायद में है. प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत बैंक लोन फ्रॉड मामले में कार्रवाई की है.

Bhilwara ED Action,  Enforcement Directorate Action Bhilwara, Bank loan fraud case Bhilwara
प्रवर्तन निदेशालय जयपुर टीम ने की कार्रवाई

दरअसल भीलवाड़ा महिला अर्बन कोआपरेटिव बैक लिमिटेड मामले में आरोपियों की 9.97 करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. आरोपी रविन्द्र कुमार बोर्दिया, कीर्ति बोर्दिया, देव किशन आचार्य, महावीर चन्द पारख, रोशन लाल संचेती एवं अन्य निवासी भीलवाड़ा की चल एवं अचल संपतियां कुर्क की है. कुर्क संपत्ति में 4 बैंक खातों में जमा राशि 4.39 लाख रूपए और 262 अचल संपतियां शामिल है.

इनका मूल्य 9.92 रूपये करोड़ है. जिसमें 12 बीघा 2.5 बिस्वा कृषि भूमि, आवासीय भूमि और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं. इस मामले में पुलिस स्टेशन सिटी कोतवाली, भीलवाड़ा ने एफआईआर दर्ज कर आईपीसी, 1860 की धारा 120 बी , 406, 409 और 420 के अपराध के लिए आरोप पत्र दाखिल किया है. पुलिस अनुसंधान में सामने आया की आरोपियों ने बैंक के साथ 25.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.

पढ़ें- भीलवाड़ा कोऑपरेटिव बैंक घोटाला: 9.97 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने का आदेश, ग्राहकों को मिलेगा बकाया

प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की और जांच के दौरान यह पता चला की बीएमयूसीबीएल के वित्तीय सलाहकार रविन्द्र कुमार बोर्दिया एवं उसकी पत्नी कीर्ति बोर्दिया बैंक की अध्यक्ष ने देवकिशन आचार्य, महावीर चन्द पारख और अन्य व्यक्तियों के साथ छल कर 25.10 करोड़ रूपये का लोन कई निजी व्यक्तियों के नाम लेकर बैंक निधि का गबन किया. इसमें गरीब और एसी एसटी वर्ग के लोगों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया.

जांच में सामने आया कि भीलवाड़ा में भारी स्तर पर भूमाफिया, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के गरीब लोगों की कृषि भूमि अवैध तौर पर डमी व्यक्तियों के नाम पर खरीद कर उनका रूपांतरण आवासीय में करवाते हैं. आवासीय कन्वर्ट होने के उपरांत आवासीय स्कीम के नाम पर लोगों को बेचना दिखा कर एवं गलत तरीके से गिरवी रख कर बैंक से लोन लेते हैं और बैंक से प्राप्त लोन की राशि को अन्य कार्यों में उपयोग में लेकर खुर्द-बुर्द कर देते हैं.

भीलवाड़ा में इस प्रकार का आपराधिक कृत्य संगठित और बड़े पैमाने पर चल रहा है. इस मामले में ईडी की जांच जारी है. आनेवाले दिनों में और एक्शन सामने आ सकता है.

जयपुर. प्रवर्तन निदेशालय पुराने मामलों को अंजाम तक पहुंचाने की कवायद में है. प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत बैंक लोन फ्रॉड मामले में कार्रवाई की है.

Bhilwara ED Action,  Enforcement Directorate Action Bhilwara, Bank loan fraud case Bhilwara
प्रवर्तन निदेशालय जयपुर टीम ने की कार्रवाई

दरअसल भीलवाड़ा महिला अर्बन कोआपरेटिव बैक लिमिटेड मामले में आरोपियों की 9.97 करोड़ रूपए मूल्य की संपत्ति कुर्क की है. आरोपी रविन्द्र कुमार बोर्दिया, कीर्ति बोर्दिया, देव किशन आचार्य, महावीर चन्द पारख, रोशन लाल संचेती एवं अन्य निवासी भीलवाड़ा की चल एवं अचल संपतियां कुर्क की है. कुर्क संपत्ति में 4 बैंक खातों में जमा राशि 4.39 लाख रूपए और 262 अचल संपतियां शामिल है.

इनका मूल्य 9.92 रूपये करोड़ है. जिसमें 12 बीघा 2.5 बिस्वा कृषि भूमि, आवासीय भूमि और व्यावसायिक संपत्तियां शामिल हैं. इस मामले में पुलिस स्टेशन सिटी कोतवाली, भीलवाड़ा ने एफआईआर दर्ज कर आईपीसी, 1860 की धारा 120 बी , 406, 409 और 420 के अपराध के लिए आरोप पत्र दाखिल किया है. पुलिस अनुसंधान में सामने आया की आरोपियों ने बैंक के साथ 25.10 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की.

पढ़ें- भीलवाड़ा कोऑपरेटिव बैंक घोटाला: 9.97 करोड़ की संपत्ति कुर्क करने का आदेश, ग्राहकों को मिलेगा बकाया

प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत जांच शुरू की और जांच के दौरान यह पता चला की बीएमयूसीबीएल के वित्तीय सलाहकार रविन्द्र कुमार बोर्दिया एवं उसकी पत्नी कीर्ति बोर्दिया बैंक की अध्यक्ष ने देवकिशन आचार्य, महावीर चन्द पारख और अन्य व्यक्तियों के साथ छल कर 25.10 करोड़ रूपये का लोन कई निजी व्यक्तियों के नाम लेकर बैंक निधि का गबन किया. इसमें गरीब और एसी एसटी वर्ग के लोगों के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया.

जांच में सामने आया कि भीलवाड़ा में भारी स्तर पर भूमाफिया, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के गरीब लोगों की कृषि भूमि अवैध तौर पर डमी व्यक्तियों के नाम पर खरीद कर उनका रूपांतरण आवासीय में करवाते हैं. आवासीय कन्वर्ट होने के उपरांत आवासीय स्कीम के नाम पर लोगों को बेचना दिखा कर एवं गलत तरीके से गिरवी रख कर बैंक से लोन लेते हैं और बैंक से प्राप्त लोन की राशि को अन्य कार्यों में उपयोग में लेकर खुर्द-बुर्द कर देते हैं.

भीलवाड़ा में इस प्रकार का आपराधिक कृत्य संगठित और बड़े पैमाने पर चल रहा है. इस मामले में ईडी की जांच जारी है. आनेवाले दिनों में और एक्शन सामने आ सकता है.

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