जयपुर. शासन सचिवालय में समय पर दफ्तर नहीं पहुंचने वाले कर्मचारी और अधिकारियों के खिलाफ प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से लगातार 3 दिन से औचक निरीक्षण किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके कई कर्मचारी व अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचने के बाद भी उपस्थिति रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं. इस मामले को लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त शासन सचिव आर. वैंकटेश्वरण ने कड़ी नाराजगी जताई है और उन्होंने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रमुख और शासन सचिव से कठोरता से पालना सुनिश्चित करने के यह प्रपत्र जारी किया है.
प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त शासन सचिव आर वैंकटेश्वरण ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है कि 11 मार्च 2015 से अधिकारी-कर्मचारियों की राजकीय कार्यालय में समय पर पाबंदी की अनुपालना के संबंध में यह निर्देश प्रसारित किए गए हैं कि नियमानुसार कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की उपस्थिति का समय 9 बजे है और अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति का समय 9:30 है. जो अधिकतम 9:40 तक है. समय पर उपस्थित नहीं होने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर में उनके नाम के आगे एक्स (x) अंकित कर दिया जाएगा और विद्यमान सेवा नियम अंतर्गत आवश्यक अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
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इसके बावजूद यह सामने आ रहा है कि शासन सचिवालय में अवस्थित विभिन्न विभागों के कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय में देरी से उपस्थित होने पर भी उपस्थित रजिस्टर में अपनी उपस्थिति अंकित कर रहे हैं. अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कृत उपकृत विद्यमान सेवा नियम अंतर्गत और सुसंगत दिशा-निर्देशानुसार घोर अनुशासनहीनता का घातक है. इसलिए सभी अध्यक्ष मुख्य सचिव और प्रमुख शासन सचिव से आग्रह किया जाता है कि वह परिपत्र के दिशा-निर्देश को कठोरता से पालना सुनिश्चित करें.
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दरअसल, शासन सचिवालय में प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से लगातार तीन दिन से कर्मचारी और अधिकारियों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण किया जा रहा है जिसमें पहले दिन 71 से 72 फीसदी तक अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए. जबकि तीसरे दिन अधिकारी 7 फीसदी और कर्मचारी 16 फीसदी से अधिक अनुपस्थित पाए गए. कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों के समय पर उपस्थित नहीं होने से राजकीय कार्य में दिक्कत आ रही है. साथ ही शासन सचिवालय में दूर-दराज से आने वाले आम नागरिक के कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि प्रशासनिक सुधार विभाग ने पिछले 3 दिन में यह आंकड़े जुटा लिए है कि कौन कर्मचारी और अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंच रहे हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.