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भ्रष्टाचार मामले में तत्कालीन एसीपी आस मोहम्मद को राहत नहीं, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

भ्रष्टाचार के मामले में लंबे समय से गायब चल रहे तत्कालीन एसीपी को एसीबी की विशेष अदालत ने अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस मामले में झोटवाड़ा थाने का पूर्व थानाधिकारी प्रदीप चारण और एक एसआई रामलाल भी गायब चल रहे हैं.

तत्कालीन एसीपी आस मोहम्मद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज
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Published : May 15, 2019, 11:58 PM IST

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत में भ्रष्टाचार मामले में गायब चल रहे झोटवाड़ा थाने के तत्कालीन एसीपी आस मोहम्मद की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है की आरोपी लंबे समय से गायब चल रहा है. ऐसे में उसे प्रकरण के इस स्तर पर अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

आस मोहम्मद की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी में कहा गया की उसने किसी तरह की रिश्वत नहीं मांगी है. इसके अलावा उसकी भूमिका सिर्फ सुपरवाइजर की रहती थी. ऐसे में उसे मामले में गलत फसाया गया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी अपने पद का दुरुपयोग कर मामलों में मनचाही रिपोर्ट देने को लेकर भ्रष्टाचार करता था. इसके अलावा वह जांच में सहयोग करने की बजाय गिरफ्तारी से बच रहा है. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि एसीबी ने गत फरवरी माह में झोटवाड़ा थानाधिकारी प्रदीप चारण के रीडर बत्तू खा और दलाल सुमंत को एक लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि रिश्वत प्रदीप चारण और एसपी आस मोहम्मद के लिए ली गई थी. एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई के बाद आस मोहम्मद, प्रदीप चारण और एसआई रामलाल को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन तीनो फरार हो गए.

जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत में भ्रष्टाचार मामले में गायब चल रहे झोटवाड़ा थाने के तत्कालीन एसीपी आस मोहम्मद की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा है की आरोपी लंबे समय से गायब चल रहा है. ऐसे में उसे प्रकरण के इस स्तर पर अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.

आस मोहम्मद की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी में कहा गया की उसने किसी तरह की रिश्वत नहीं मांगी है. इसके अलावा उसकी भूमिका सिर्फ सुपरवाइजर की रहती थी. ऐसे में उसे मामले में गलत फसाया गया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी अपने पद का दुरुपयोग कर मामलों में मनचाही रिपोर्ट देने को लेकर भ्रष्टाचार करता था. इसके अलावा वह जांच में सहयोग करने की बजाय गिरफ्तारी से बच रहा है. ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि एसीबी ने गत फरवरी माह में झोटवाड़ा थानाधिकारी प्रदीप चारण के रीडर बत्तू खा और दलाल सुमंत को एक लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि रिश्वत प्रदीप चारण और एसपी आस मोहम्मद के लिए ली गई थी. एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई के बाद आस मोहम्मद, प्रदीप चारण और एसआई रामलाल को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन तीनो फरार हो गए.

Intro:जयपुर। एसीबी मामलों की विशेष अदालत में भ्रष्टाचार मामले में गायब चल रहे झोटवाड़ा थाने के तत्कालीन एसीपी आस मोहम्मद की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है की आरोपी लंबे समय से गायब चल रहा है। ऐसे में उसे प्रकरण के इस स्तर पर अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।


Body:आस मोहम्मद की ओर से अग्रिम जमानत अर्जी में कहा गया की उसने किसी तरह की रिश्वत नहीं मांगी है। इसके अलावा उसकी भूमिका सिर्फ सुपरवाइजर की रहती थी। ऐसे में उसे मामले में गलत फसाया गया है। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी अपने पद का दुरुपयोग कर मामलों में मनचाही रिपोर्ट देने को लेकर भ्रष्टाचार करता था। इसके अलावा वह जांच में सहयोग करने की बजाय गिरफ्तारी से बच रहा है। ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए।
गौरतलब है कि एसीबी ने गत फरवरी माह में झोटवाड़ा थानाधिकारी प्रदीप चारण के रीडर बत्तू खा और दलाल सुमंत को एक लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि रिश्वत प्रदीप चारण और एसपी आस मोहम्मद के लिए ली गई थी। एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई के बाद आस मोहम्मद, प्रदीप चारण और एसआई रामलाल को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन तीनो फरार हो गए।


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