जयपुर. विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य रहे प्रखर वक्ता और हिंदूवादी नेता आचार्य धर्मेंद्र का जयपुर SMS अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया. 80 वर्षीय आचार्य धर्मेंद्र की गिनती उन हिंदूवादी नेताओं में होती है जिनका अयोध्या राम जन्मभूमि आंदोलन में बड़ा योगदान रहा है (active in Ram Janambhoomi Movement).आचार्य धर्मेंद्र भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी और स्वर्गीय कल्याण सिंह जैसे नेताओं के साथ रामजन्म भूमि आंदोलन में सक्रिय रहे (Acharya Dharmendra Passes Away).
महात्मा गांधी को लेकर भी दिया था यह बड़ा बयान: आचार्य धर्मेंद्र अपने स्पष्ट वादी बयानों के लिए हमेशा से मीडिया में सुर्खियों में रहे हैं.कुछ साल पहले बिलासपुर के अमरकंटक स्थित मृत्युंजय आश्रम में आचार्य धर्मेंद्र ने एक सत्संग के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर एक विवादित बयान भी दिया था. उन्होंने कहा था कि कोई डेड़पन असली वाला बकरी का दूध पीने और सूत काटने वाला व्यक्ति भारत का राष्ट्रपिता नहीं हो सकता उन्होंने कहा था गांधी जी भारत माता के बेटे हो सकते हैं लेकिन राष्ट्रपिता का ओहदा उन्हें नहीं दिया जा सकता.
बाबरी विध्वंस में आया नाम: आचार्य धर्मेंद्र अयोध्या राम मंदिर विवादित ढांचे मामले में हुई दोनों कार सेवा में भी शामिल थे. इस आंदोलन में वे अग्रणी नेताओं में शुमार हुआ करते थे. आंदोलन के लिए बनी सर्वोच्च परिषद के वे सदस्य थे. इस नाते देशभर में उन्होंने इस आंदोलन को लेकर काफी प्रचार भी किया. अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने की घटना के दौरान वे मंच पर ही थे और उन पर आरोप भी लगे कि उन्होंने लोगों को भड़का कर विवादित ढांचा गिराने का काम करवाया. लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, स्वर्गीय कल्याण सिंह समेत भाजपा से जुड़े तमाम पुराने और वरिष्ठ नेताओं के उनसे पारिवारिक संबंध रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनका बेहद सम्मान करते हैं.
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पीएम ने लिया था स्वास्थ्य का हाल: पिछले दिनों अस्पताल में उपचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन के जरिए उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम जानी थी. आचार्य धर्मेंद्र के निधन न केवल संत समाज बल्कि उनके प्रशंसकों और विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों में दुख की लहर है. आचार्य धर्मेंद्र भले ही विश्व हिंदू परिषद के बड़े नेता रहे हों लेकिन उन्हें हमेशा एक स्पष्टवादी और प्रखर हिंदूवादी नेता के रूप में जाना जाता रहा है. उनके कई बयान मीडिया में अनेकों वर्ष सुर्खियों में रहे.
प्रखर कथावाचक रहे आचार्य: आचार्य धर्मेंद्र एक प्रसिद्ध और प्रखर कथावाचक के रूप में भी प्रसिद्ध रहे हैं. खास तौर पर गुजरात और मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में उनकी कथा सुनने वालों की संख्या काफी अधिक है. कुछ साल पहले तक वे अलग-अलग राज्यों में इस प्रकार की कथाएं करते रहे हैं.
पारिवारिक पृष्ठभूमि: आचार्य का जन्म गुजरात में सन 1942 में हुआ था. आचार्य धर्मेंद्र रामचंद्र वीर महाराज के पुत्र थे महाराज रामचंद्र ने देश भर में कई स्थानों पर अनशन कर हिंदुस्तान में पशु बलि को रुकवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वहीं आचार्य धर्मेंद्र जयपुर के विराट नगर स्थित पंचखंड के पीठाधीश्वर थे.
आचार्य धर्मेंद्र के 2 पुत्र हैं. बड़े पुत्र प्रणेंद्र शर्मा और छोटे पुत्र सोमेंद्र शर्मा है दोनों ही पुत्र राजस्थान विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व में अध्यक्ष भी रहे हैं. बड़े पुत्र भारतीय जनता पार्टी से और छोटे पुत्र कांग्रेस से संबंध रखते हैं. जबकि इनके छोटे पुत्र की पत्नी कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और समाज कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष है.