जयपुर. राजधानी में लगातार हो रही जैन मंदिरों में चोरी की वारदातों का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. गलता गेट थाना पुलिस ने जैन मंदिरों में दिनदहाड़े चोरी करने वाले और चोरी का माल खरीदने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया (Accused of theft in Jain temples arrested in Jaipur) है. पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 18 चांदी के छत्र, एक सोने की ललाट पट्टी, दो चांदी के मुकुट, दो चांदी के कलश और दो चांदी की चम्मच समेत अन्य सामान बरामद किया है. आरोपी के खिलाफ पहले से ही करीब 20 अपराधिक मामले दर्ज हैं.
गलता गेट पुलिस ने शनिवार को जैन मंदिरों में चोरी करने वाले शातिर आरोपी सुमित अग्रवाल और चोरी का माल खरीदने वाले आरोपी मुकेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया है. आरोपी गूगल मैप की सहायता से जैन मंदिरों को खोज कर रेकी करता (Theft with the help of Google map) था. रेकी कर के मंदिर में दर्शन और पूजा के बहाने पहुंचकर चांदी के छत्र, सोने के मुकुट समेत अन्य सामान चोरी करता था. आरोपी जयपुर शहर में दर्जनों मंदिरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुका है. आरोपी के परिवारजनों की ओर से जिस मंदिर में ईटों का दान करके मंदिर का निर्माण करवाया गया था, उसी मंदिर में आरोपी ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया था. आरोपी हाई प्रोफाइल फैमिली से संबंध रखता है. आरोपी सुमित हुबहू सिग्नेचर करने में भी मास्टर है. आरोपी ने अपनी मां के नाम से सिग्नेचर कर अकाउंट से लाखों रुपए भी निकाल लिए थे. जिसके बाद परिवार ने उसे दूर कर दिया था.
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डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख के मुताबिक 10 मई को गलता गेट थाने में परिवादी ने भगवान ऋषभदेव के प्राचीन मंदिर में चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल टीम का गठन किया. क्योंकि शहर में काफी समय से लगातार जैन मंदिरों में चोरी की वारदातें सामने आ रही है. शहर के मालवीय नगर, मालपुरा गेट, मुहाना, भांकरोटा, सांगानेर समेत अन्य इलाकों में भी चोरी की वारदातें हुई थीं. एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सुमन चौधरी और एसीपी रामगंज सुनील प्रसाद शर्मा के निर्देशन में गलता गेट थाना अधिकारी मुकेश कुमार के नेतृत्व में स्पेशल टीम ने तकनीकी सहायता और मुखबिर तंत्र का उपयोग करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया किया. कार्रवाई में गलता गेट थाने के कांस्टेबल प्रदीप कुमार की विशेष भूमिका रही है. इस कार्य के लिए कांस्टेबल प्रदीप कुमार को डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने सम्मानित किया.
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गलता गेट थाना अधिकारी मुकेश कुमार के मुताबिक आरोपी सुमित अग्रवाल से पूछताछ में सामने आया है कि मंदिरों को गूगल मैप की सहायता से खोजकर गूगल मैप में मंदिर को फोटो का अवलोकन करता था. मंदिरों में मूर्तियों के आसपास रखे हुए सोने और चांदी के आभूषणों की फोटो भी देखता था. जिसके बाद दिन के समय एक-दो दिन मंदिर में जाकर रेकी करता था. रेकी करने के बाद पुजारी के मंदिर से जाने और आने का समय नोट करता रहता था. पूजारी के मंदिर से पूजा करने के बाद आरोपी मंदिर के अंदर पूजा करने के बहाने घुस जाता था. मंदिर के अंदर मूर्तियों पर रखे सोने-चांदी के आभूषण चोरी करके फरार हो जाता था.
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एसीपी रामगंज सुनील प्रसाद शर्मा के मुताबिक आरोपी सुमित अग्रवाल के परिवारजन शहर के धनवान और रसूखदार व्यक्ति हैं. आरोपी के परिजनों के जयपुर में 3 ईटों के भट्टे हैं. जैन मंदिरों में ईंटों का दान करके मंदिरों का निर्माण भी करवाया था. आरोपी का आचरण सही नहीं होने के कारण उसके परिजनों ने खर्चे के रुपए देने बंद कर दिए थे. जिसके बाद आरोपी अपने शातिर दिमाग का फायदा उठाकर परिवारजनों के खाली चेक लेकर उन पर हूबहू हस्ताक्षर करके बैंक से रुपए निकलवा लेता था. साथ ही बैंक में जाकर चेक बॉक्स में पड़े हुए चेक की फोटो लेकर थर्ड पार्टी की चेक बुक इश्यू करवा लेता था. उस पर अन्य लोगों के हुबहू हस्ताक्षर करके बैंक से रुपए निकलवा लेता था. इस संबंध में आरोपी के खिलाफ करीब 8 प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें वह जेल भी जा चुका है. आरोपी के खिलाफ न्यायालय से 6 स्थाई वारंट भी जारी हो रखे हैं.